25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Corona effect : सोशल डिस्टैंसिंग के साथ महाप्रभु जगन्नाथ का हुआ महास्नान, पुरोहितों ने की पूजा की रश्म अदायगी

वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शुक्रवार को पवित्र देवस्नान पूर्णिमा पर महाप्रभु जगन्नाथ का महास्नान कराया गया. कोविड-19 को लेकर पहली बार ऐसा देखा गया कि स्नान पूर्णिमा पर महाप्रभु जगन्नाथ को महास्नान कराने के लिए मंदिरों में भक्त नहीं पहुंचे.

सरायकेला : मंगलम् भगवान विष्णु, मंगलम् मधुसुदनम, मंगलम् पुंडरी काख्य, मंगलम् गरुड़ ध्वज, माधव माधव बाजे, माधव माधव हरि, स्मरंती साधव नित्यम, शकल कार्य शुमाधवम् … जैसे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शुक्रवार को पवित्र देवस्नान पूर्णिमा पर महाप्रभु जगन्नाथ का महास्नान कराया गया. कोविड-19 को लेकर पहली बार ऐसा देखा गया कि स्नान पूर्णिमा पर महाप्रभु जगन्नाथ को महास्नान कराने के लिए मंदिरों में भक्त नहीं पहुंचे. सिर्फ एक- दो पुरोहित ने ही मंदिरों में पूजा कर रश्म अदायगी की. पढ़ें शचिंद्र कुमार दाश की रिपोर्ट.

सरायकेला- खरसावां जिला अंतर्गत खरसावां, हरिभंजा और सरायकेला के जगन्नाथ मंदिरों में पूरी सादगी के साथ सोशल डिस्टैंसिंग बना कर प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन को स्नान कराया गया. कोविड-19 को लेकर इस वर्ष स्नान पूर्णिमा में सिर्फ रश्म अदायगी की गयी.

स्नान पूर्णिमा में पहली बार ऐसा देखा गया कि जब मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए भक्त नहीं पहुंचे. सिर्फ एक- दो पुरोहित ही मंदिरों में पूजा करते नजर आये. भक्तों के बगैर मंदिर सुना- सुना सा नजर आया. रथ यात्रा उत्सव को लेकर कहीं से कई रौनक नहीं देखी.

Undefined
Corona effect : सोशल डिस्टैंसिंग के साथ महाप्रभु जगन्नाथ का हुआ महास्नान, पुरोहितों ने की पूजा की रश्म अदायगी 3

108 कलश पानी से स्नान

जगन्नाथ मंदिरों प्रांगण में चतुर्था मूर्ति को 108 कलश पानी से स्नान कराना गया. प्रभु जगन्नाथ को 35 कलश, बडे भाई बलभद्र को 42 कलश, बहन सुभद्रा को 20 कलश व सुदर्शन को 11 कलश पानी से स्नान कराया गया. इसके अलावा अगुरु, चंदन, गाय का घी, दूध, दही, मधु, हल्दी आदि का लेप भी लगाया गया.

अधिक स्नान से भगवान हुए बीमार

परंपरा के अनुसार, अत्यधिक स्नान होने से भगवान बीमार हो जाते हैं. इन्हें उपचार के लिए मंदिर के अणसर गृह में रखा गया है. अब 15 दिनों तक प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा का अलग- अलग तरह के जड़ी- बुटियों से उपचार किया जायेगा. इन 15 दिनों में किसी को भी प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा के दर्शन नहीं होंगे.

Undefined
Corona effect : सोशल डिस्टैंसिंग के साथ महाप्रभु जगन्नाथ का हुआ महास्नान, पुरोहितों ने की पूजा की रश्म अदायगी 4

21 जून को नेत्र उत्सव

रथ यात्रा के एक दिन पूर्व 21 जून को नेत्र उत्सव है. 23 जून को प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा विश्राम करने के लिए अपनी मौसी के घर जायेंगे, ऐसी परंपरा है. लेकिन, इस साल कोविड-19 के कारण रथ यात्रा के आयोजन को लेकर किसी तरह का निर्देश अभी तक नहीं मिला है.

Posted By : Samir ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें