15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand news: दो दशक बाद कोल्हान में दिखे ‘जिप्स बेंगालेंसिस’ प्रजाति के गिद्ध, जानें क्या है इसकी खासियत

jharkhand news: कोल्हान के जंगलों में इनदिनों विलुप्त प्राय 'जिप्स बेंगालेंसिस' प्रजाति के गिद्ध देखने को मिल रही है. इस प्रजाति के गिद्धों को देखना पर्यावरण के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है.

Jharkhand news: कोल्हान के जंगलों में एक बार फिर विलुप्त होने के कगार पर पहुंचे सफेद पीठ वाले ‘जिप्स बेंगालेंसिस’ प्रजाति के गिद्ध. खरसावां-चक्रधरपुर मुख्य मार्ग पर पश्चिमी सिंहभूम जिले के खूंटपानी के लोहरदा गांव के पास एक पेड़ पर 12-14 की संख्या में ‘जिप्स बेंगालेंसिस’ प्रजाति के गिद्ध दिखे हैं. यह कोल्हान के पर्यावरण के लिए शुभ संकेत है.

कोल्हान के जंगलों में लंबे समय से ‘जिप्स बेंगालेंसिस’ प्रजाति के गिद्ध का झुंड नहीं दिखा है. वर्ष 2000 के बाद इसकी संख्या में कमी देखी गयी है. झारखंड में 1970 तक ‘जिप्स बेंगालेंसिस’ प्रजाति के गिद्ध बहुतायत में थे. साल 1990 में संख्या कम होने लगी है. वर्ष 2000 आते-आते कोल्हान से यह गिद्ध लुप्त हो चुके थे.

दुम वाला गिद्ध (जिप्स बेंगालेंसिस) विश्व का पुराना गिद्ध है. यह यूरोपीय ग्रिफन का संबंधी है. एक समय यह अफ्रीका में सफेद पीठ वाले गिद्ध का करीबी समझा जाता है. इसे पूर्वी सफेद पीठ वाला गिद्ध भी कहा जाता है. यह IUCN रेड पर लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध है.

Also Read: Jharkhand News: प्रधानमंत्री वन धन योजना से जनजातीय समुदायों की बदलेगी तस्वीर, मिलेगी वनोत्पादों की उचित कीमत
… इसलिए विलुप्त हो गये गिद्ध

प्रकृति पर बढ़ते मानव की दखलंदाजी व घातक दवाओं के प्रयोग के बाद से गिद्धों के जीवन पर वर्षों पूर्व संकट खड़ा हो गया है. गिद्धों के विलुप्त होने के कारण इनकी प्रजनन क्षमता में कमी आना माना गया है. पशुओं को दी जानेवाली दवा जैसे- डायक्लोफेनाक, एक्सिटोन आदि की वजह से इनकी प्रजनन क्षमता में कमी आयी है.

हजारीबाग में प्रजाति के 248 गिद्ध

हाल में हुए सर्वे के मुताबिक, ‘जिप्स बेंगालेंसिस’ प्रजाति के करीब 248 गिद्ध सिर्फ हजारीबाग क्षेत्र में हैं. करीब दो दशक के बाद कोल्हान के जंगल में ‘जिप्स बेंगालेंसिस’ प्रजाति के गिद्ध देखे गये हैं. ‘जिप्स बेंगालेंसिस’ प्रजाति के गिद्धों के झुंड को अपने कैमरे में कैद करनेवाले BSMTC, खरसावां के प्रभारी वैज्ञानिक सह पर्यावरणविद् डॉ तिरुपम रेड्डी ने सुखद संकेत बताया.

‘जिप्स बेंगालेंसिस’ प्रजाति के गिद्धों को दिखना प्रकृति के लिए अच्छी: डॉ तिरुपम रेड्डी

BSMTC, खरसावां के प्रभारी वैज्ञानिक सह पर्यावरणविद् डॉ तिरुपम रेड्डी ने कहा कि ‘जिप्स बेंगालेंसिस’ प्रजाति के गिद्ध की संख्या काफी कम है. झारखंड में सिर्फ हजारीबाग क्षेत्र में पाये जाते हैं. कोल्हान के जंगलों में इनका दिखना प्रकृति के लिए अच्छी बात है. प्रकृति पर मानव की दखलंदाजी कम होगी, तो इस तरह के बदलाव जरूर दिखेंगे.

Also Read: गढ़वा में आठ माह से बंद है उपायुक्त का साप्ताहिक जनता दरबार, कोरोना की बात कहकर लगा दी गयी है पाबंदी

रिपाेर्ट: शचिंद्र कुमार दाश, खरसावां.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें