Jharkhand News, Saraikela Kharsawan News, सरायकेला (प्रताप मिश्रा) : झारखंड के सरायकेला समाहरणालय स्थित सभागार में डीसी अरवा राजकमल की अध्यक्षता में राजकीय चैत्र पर्व सह छऊ महोत्सव सह पर्यटन मेला के आयोजन को लेकर बैठक हुयी. बैठक में कोरोना के नियमों का पालन करते हुए इस वर्ष चैत्र पर्व सह छऊ महोत्सव के आयोजन करने का निर्णय लिया गया. चैत्र पर्व के तहत आयोजित चड़क पूजा चार अप्रैल से 14 अप्रैल तक होगी. इस दौरान विभिन्ना देवी देवताओं को समर्पित घट लाया जाएगा. छऊ महोत्सव स्थानीय बिरसा स्टेडियम में 11 अप्रैल से 13 अप्रैल तक मनाया जाएगा.
बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष भी कोरोना को देखते हुए सिर्फ राज्य स्तरीय कलाकारों व कलाओं पर ही फोकस किया जाएगा. महोत्सव में सरायकेला छऊ के अलावा खरसावां शैली छऊ, मानभूम शैली छऊ, मयूरभंज छऊ, संथाली नृत्य, मुंडारी नृत्य, सिंगुवा छऊ, माघे नृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. सरायकेला खरसावां जिला ओडिया बहुल होने के कारण ओडिशी नृत्य को शामिल करने का निर्णय लिया गया.
बैठक में डीसी ने छऊ महोत्सव के आयोजन को लेकर सभी आवश्यक जानकारी हासिल की. राजकीय कला केंद्र के निर्देशक तपन पट्टनायक ने पिछले वर्ष कोरोना के कारण महोत्सव आयोजित नहीं होने एवं 2018 व 2019 में आयोजित महोत्सव की जानकारी दी. डीसी ने कहा कि कोरोना का प्रसार खत्म नहीं हुआ है, जिसके कारण संक्रमण के मानकों का पालन करते हुए अधिकतम 1000 लोग ही इसमें शामिल हो सकते हैं साथ ही सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने का भी निर्देश दिया.
डीसी ने कहा कि महोत्सव में राज्य स्तरीय कलाकार एवं ओडिशी नृत्य को छोड़ कर दूसरे राज्य से आमंत्रित होने वाले कलाकारों को इस वर्ष आमंत्रित नहीं किया जाएगा. छऊ महोत्सव रीति रिवाजों एवं परंपरागत तरीके से पूजा कार्यक्रम जैसे श्री श्री भैरव पूजा , मां झूमकेश्वरी पूजा को संपन्न कराया जाएगा. महोत्सव में प्रोफेशनल शो जिससे अत्यधिक संख्या में भीड़ इकट्ठी होती हो, वह भी वर्जित रहेगा. कार्यक्रम के आयोजन को लेकर राज्य सरकार को स्वीकृति हेतु पत्राचार करने का निर्णय लिया गया. बैठक में आईटीडीए निदेशक अरुण वाटर सांगा, एसडीओ सरायकेला रामकृष्ण कुमार, निदेशक राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र सरायकेला, गुरु तपन कुमार पटनायक सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे.
चैत्र पर्व कार्यक्रम : एक नजर
चार अप्रैल : भैरव पूजा(आखड़ा माड़ा)
पांच अप्रैल : शुभ घट
छह से आठ अप्रैल : ग्रामीण छऊ नृत्य की प्रतियोगिता
नौ अप्रैल : झुमकेश्वरी पूजा
10 अप्रैल : यात्राघट
11 अप्रैल : वृंन्दावनी घट
12 अप्रैल : गौरीयाभार घट
13 अप्रैल : कालीका घट
14 अप्रैल : पाट संक्रांति
Posted By : Guru Swarup Mishra