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Khadi Park : नये साल में शुरू होगा खादी पार्क, जानिए क्या हैं प्रशासनिक तैयारियां

Khadi Park : सरायकेला (शचिंद्र कुमार दाश) : करीब चार वर्ष पूर्व सरायकेला-खरसावां जिला के राजनगर प्रखंड में बन कर खादी पार्क को नये साल में चालू करने की प्रशासनिक स्तर पर तैयारी शुरु हो गयी है. मालूम हो कि वर्ष 2013 में खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से भव्य कार्यक्रम आयोजित कर यहां पार्क का शिलान्यास किया गया था. लाखो रुपये खर्च कर यहां चारदिवारी व छोटे आकार का एक भवन भी बनाया गया है. परंतु इसे चालू नहीं किया जा सका. अब तक शादी पार्क के चारों ओर झाड़ियां उग आयी हैं. खादी पार्क के प्रशासनिक भवन व मेन गेट पर ताला लटका हुआ है. बताया जाता है कि खादी पार्क तक जाने के लिये सड़क नहीं है. कच्चा सड़क के रास्ते पार्क तक जाना पड़ता है. अब यहां सड़क बनाने की तैयारी हो रही है.

Khadi Park : सरायकेला (शचिंद्र कुमार दाश) : करीब चार वर्ष पूर्व सरायकेला-खरसावां जिला के राजनगर प्रखंड में बन कर खादी पार्क को नये साल में चालू करने की प्रशासनिक स्तर पर तैयारी शुरु हो गयी है. मालूम हो कि वर्ष 2013 में खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से भव्य कार्यक्रम आयोजित कर यहां पार्क का शिलान्यास किया गया था. लाखो रुपये खर्च कर यहां चारदिवारी व छोटे आकार का एक भवन भी बनाया गया है. परंतु इसे चालू नहीं किया जा सका. अब तक शादी पार्क के चारों ओर झाड़ियां उग आयी हैं. खादी पार्क के प्रशासनिक भवन व मेन गेट पर ताला लटका हुआ है. बताया जाता है कि खादी पार्क तक जाने के लिये सड़क नहीं है. कच्चा सड़क के रास्ते पार्क तक जाना पड़ता है. अब यहां सड़क बनाने की तैयारी हो रही है.

उद्योग के विभाग के उप सचिव सह खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के सीइओ राखाल चंद्र बेसरा ने राजनगर पहुंच कर खादी पार्क जायजा लिया. खराब सड़क के कारण खादी पार्क तक उप सचिव की वाहन नहीं गयी, तो पैदल ही वे पार्क तक पहुंच गये. पूरे पार्क परिसर में भ्रमण कर जायजा लिया तथा आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये. उन्होंने बताया कि खादी पार्क तक जाने के लिये डिस्टिक मिनिरल फंड (डीएमएफटी) की राशि सड़क बनाने के लिये जिला उपायुक्त को लिखा गया है.

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राजनगर के खादी पार्क के बनने से एक सौ से अधिक महिलाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार मिलेगा. तसर कोसा से रीलिंग-स्पीनिंग का कार्य करने वाली महिलाओं को प्रतिदिन दो से तीन सौ रुपये तक का रोजगार मिलेगा. यहां तक की महिलायें अपने घर में भी कार्य कर सकेंगी. पार्क में तसर सुत कताई-बुनाई के साथ साथ आस पास के गांवों को ग्रामोद्योग से भी जोडने की योजना है. पार्क परिसर में कपड़ों के उत्पादन, प्रशिक्षण व प्रदर्शनी के लिये भी व्यवस्था की गयी है.

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खादी पार्क में शुरुआती दौर में सुत कताई पर पूरा जोर रहेगा. पार्क में खादी व सिल्क कपडों का एक इंपोरियम भी बनाया गया है. इसके कपडों की प्रदर्शनी के साथ साथ बिक्री की भी व्यवस्था होगी. यहां तसर कोसा से सुत कताई से लेकर कपडों की बुनाई तक का कार्य भी होगा.

खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से करीब पांच वर्ष राजनगर में खोले गये पांच तसर प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र बंद पड़े हुए है. यहां पिछले चार-पांच साल से प्रशिक्षण या उत्पादन का कार्य ठप है. कौशल विकास योजना के तहत राजनगर प्रखंड के हेंसल, सिजुलता, कुनाबेड़ा, मतकमबेड़ा व महुलडीह गांव में करीब पांच साल पूर्व प्रशिक्षण केंद्र खोला गया था. करीब एक साल तक इन केंद्र में कार्य ठीक-ठाक चला. बड़ी संख्या में महिलाओं को प्रशिक्षण दे कर स्वरोजगार में भी जोड़ा गया. बाद में एक-एक कर सभी बंद हो गये. अब खादी पार्क को शुरु करने की घोषणा से लोगों में काफी खुशी देखी जा रही है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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