Jharkhand News: झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले में नाबालिग लड़की का अपहरण कर दुष्कर्म करने के एक मामले पर नौ वर्ष बाद फैसला आया. इस मामले में एडीजे वन अजीत कुमार सिंह की अदालत ने दोषी शंभा मांझी को आजीवान कारावास की सजा सुनाई. ये मामला वर्ष 2013 में गम्हरिया थाना क्षेत्र का है. कोर्ट ने इस मामले में जुर्माने की राशि पीड़िता को देने व डीएलएसए को पीड़िता का पुनर्वास करने का आदेश दिया है. आपको बता दें कि पीड़िता अपनी मौसी के घर गयी थी. उसी दौरान शौच के लिए घर से बाहर जाने पर उसका अपहरण कर लिया गया था.
पीड़िता के पिता ने गम्हरिया थाना में अपनी 15 वर्षीया पुत्री का गलत इरादे से अपहरण करने की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने भादवि की धारा 376 व पोक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई और पांच लाख का जुर्माना लगाया. अदालत ने भादवि की धारा 363 के तहत सात वर्ष की सजा व एक लाख जुर्माना लगाया. जुर्माना नहीं देने पर छह माह साधारण कारावास की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
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कोर्ट ने इस मामले में जुर्माने की राशि पीड़िता को देने व डीएलएसए को पीड़िता का पुनर्वास करने का आदेश दिया है. गम्हरिया थाना में पीड़िता के पिता द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अनुसार उनकी नाबालिग पुत्री अपनी मौसी के घर गयी हुई थी. शौच करने के लिए वह झाड़ी की तरफ गयी थी, तो शंभा मांझी उर्फ शंभा मुर्मू ने बुरी नीयत से उसका अपहरण कर लिया था. काफी खोजबीन करने के बाद भी कहीं उसका पता नहीं चला था. बाद में पुलिस को सूचना दी गयी थी. इसके बाद पुलिस ने उसे बरामद किया था.
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रिपोर्ट: प्रताप मिश्रा