15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Navratri 2021 : कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र शुरू, मां के शैलपुत्री स्वरूप की हो रही पूजा

नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि को कलश स्थापना या घट स्थापना का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास प्रतिपदा तिथि का आरंभ 06 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 35 मिनट पर हुआ और प्रतिपदा तिथि 07 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक रहेगी.

Navratri 2021, सरायकेला न्यूज (शचिन्द्र कुमार दाश) : मां दुर्गा की उपासना का महापर्व आज गुरुवार से शुरू हो गया. झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जा रही है. इसे लेकर प्रमुख देवी मंदिरों को सजाया गया है. लोग घरों में भी कलश स्थापना कर मां भगवती की पूजा कर रहे हैं. जगह-जगह पर चुनरी, नारियल आदि पूजन सामग्री की दुकानें सज कर तैयार हैं. श्रद्धालु माता के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मंदिरों एवं पंडालों में कलश स्थापना की जा रही है.

दुर्गोत्सव को लेकर चहुंओर चहल-पहल है. लोग अपने घरों में प्रतिमा और कलश स्थापना कर भक्ति-भाव के साथ आदिशक्ति की आराधना में जुट गए हैं. लोग शारदीय नवरात्र के शुभ उपलक्ष्य पर मिट्टी की वेदी बनाकर उसमें जौ और गेहूं मिलाकर बोते हैं. उस पर विधि पूर्वक कलश स्थापित करते हुए और उसके सम्मुख प्रतिमा या चित्र रखते हैं. पूजा सामग्री एकत्रित कर पवित्र आसन पर पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठकर तथा आचमन, आसन शुद्धि करके शांति मंत्र का पाठ कर संकल्प करते हैं. रक्षादीपक जलाकर देवी का आह्वान किया जाता है.

Also Read: Navratri 2021 LIVE: नवरात्रि पर कैसे-कब करें कलश स्थापना व पूजन? इस समय तक ही है शुभ मुहूर्त

सर्वप्रथम क्रमश: गणेश-अंबिका, कलश (वरुण), मातृका पूजन, नवग्रहों तथा लेखपालों का पूजन किया जाता है. प्रधान देवता-महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती-स्वरूपिणी भगवती दुर्गा का प्रतिष्ठापूर्वक ध्यान, आह्वान, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, गन्ध, अक्षत, पुष्प, पत्र, सौभाग्य द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, ऋतुफल, ताम्बूल, निराजन, पुष्पांजलि, प्रदक्षिणा, नमस्कार, प्रार्थना समापन-आदि षोडश उपचारों से विधिपूर्वक श्रद्धा भाव से एकाग्रचित होकर पूजन लगातार 9 दिन चलता है.

Also Read: JTET 2021 : जेटेट परीक्षा नहीं होने से नाराज अभ्यर्थियों ने सौंपा मांग पत्र, की ये मांग

नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि को कलश स्थापना या घट स्थापना का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास प्रतिपदा तिथि का आरंभ 06 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 35 मिनट पर हुआ और प्रतिपदा तिथि 07 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक रहेगी. शास्त्रों में व्रत एवं त्योहार उदया तिथि में मनाने का विशेष महत्व होता है. ऐसे में 07 अक्टूबर को प्रतिपदा तिथि में सूर्योदय के साथ ही शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो गयी.

Also Read: घर से सब्जी लेने निकली महिला की सड़क हादसे में मौत, मृतका के पुत्र ने पुलिस पर लगाया ये आरोप

Posted By : Guru Swarup Mishra

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें