26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

PM मोदी ने ‘मन की बात’ में अंगदान करने वाली सरायकेला की स्नेहलता को बताया प्रेरणास्रोत

सरायकेला की रहने वाली स्नेहलता चौधरी का पीएम मोदी 'मन की बात' में नमन किया है. उन्होंने कहा कि स्नेहलता चौधरी जैसे लोग हमारे समाज को आगे बढ़ा सकती है. उनके इस महान कार्य के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हुं और मैं नमन करता हूं.

पीएम मोदी ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरायकेला की निवासी स्नेहलता चौधरी का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि स्नेहलता चौधरी जैसे लोग हमारे समाज को आगे बढ़ा सकती है. उनके इस महान कार्य के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हुं और मैं नमन करता हूं. यह हमारे लिए प्रेरणा का स्त्रोत है. उन्होंने कहा कि इनके जैसे दानवीर हमें और हमारे समाज को अंगदान का महत्व समझा कर जाते हैं. हमें संतोष है कि देश में ऐसा काम हो रहा है. इन प्रयासों के बीच आर्गन डॉनर ज्यादा से ज्यादा संख्या में आगे आयेंगे. अंगदान से बहुत से लोगों की जिदंगी बचाई जा सकती है. समाज में ऐसे लोगों की जरूरत है.

अंगदान पर नीति बना रही है सरकार : पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्नेहलता चौधरी और उनके परिवार की सराहना करते हुए कहा कि सरकार अंगदान को बढ़ावा देने के लिए एक नीति बना रही है. इसके लिए डोमिसाइल की शर्त को सरकार ने हटा दिया है. उन्होंने कहा कि अंगदान के लिए पहले 65 साल तक की उम्र सीमा तय थी, उसे सरकार ने खत्म कर दिया है, ताकि कोई भी व्यक्ति कहीं भी जाकर जरूरतमंद व्यक्ति के लिए स्वेच्छा से अंगदान कर सके. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति अगरअंगदान करता है, तो कई लोगों की जिंदगी बच सकती है.

बता दें कि स्नेहलता चौधरी ने अंगदान से चार लोगों को नया जीवन और दो को नयी दृष्टि मिली है. उन्हें कुछ दिन पहले ‘ब्रेन डेड’ घोषित किया गया था. उनके भाई आइएएस रवींद्र अग्रवाल एम्स प्रशासन के अतिरिक्त निदेशक के रूप में तैनात हैं और वह जमशेदपुर डीसी भी रह चुके हैं. स्नेहलता पिछले 17 सितंबर को विश्वकर्मापूजा के दौरान सुबह में जब गम्हरिया मुख्य मार्ग के पास सैर पर निकली थीं, तो बाइक सवार ने उन्हें धक्का मार दिया था. हादसे में सिर में गंभीर चोट लग गयी थी.

स्नेहलता चौधरी का किया गया था ऑपरेशन

स्नेहलता चौधरी (63) का पहले झारखंड के जमशेदपुर में सिर की चोट के लिए ऑपरेशन किया गया था और फिर आगेएम्स ट्रॉमा सेंटर लाया गया. उनके पति रमन चौधरी का सरायकेला में कपड़ा का व्यवसाय है. इधर, रविवार को दिल्ली में उनका अंतिम संस्कार किया गया था.

नेत्रदान अभियान की थीं प्रबल समर्थक

बता दें कि स्नेहलता स्वास्थ्य के प्रति काफी जागरूक थीं और 25 वर्षों से नियमित तौर पर सुबह की सैर के लिए जाती थीं. चिकित्सकों ने बताया कि तमाम कोशिशों के बाद भी उनकी हालत नहीं सुधरी और 30 सितंबर को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. वह एक गृहिणी और सामाजिक कार्यकर्ता थीं. वह नेत्रदान अभियान की प्रबल समर्थक थीं और उन्होंने जीवन भर अंगदान का समर्थन किया. उन्होंने कौन बनेगा करोड़पति के लिए भी क्वालीफाई किया था. राष्ट्रीय अंग एवंऊतक प्रतिरोपण संगठन की व्यवस्था के अनुसार स्नेहलता का दिल, एक किडनी और कॉर्निया एम्स के मरीजों को दान किये गये, जबकि उनके लिवर का इस्तेमाल सेना के आरआर अस्पताल में किया जायेगा. उनकी दूसरी किडनी राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एक मरीज को दी गयी.

पीएम मोदी ने स्नेहलता के बेटे से की बातचीत

पीएम मोदी ने अभिजीत जी से कहा कि आपके पिता जी और माताजी दोनों नमन के अधिकारी हैं. मैं उनको प्रणाम करता हूं और आपके पिताजी ने इतने बड़े निर्णय में, आप परिवार जनों का नेतृत्व किया, ये वाकई बहुत ही प्रेरक है और मैं मानता हूं कि मां तो मां ही होती है. मां एक अपने आप में प्रेरणा भी होती है लेकिन मां जो परम्पराएं छोड़ कर के जाती हैं, वो पीढ़ी-दर-पीढ़ी, एक बहुत बड़ी ताकत बन जाती हैं. अंगदान के लिए आपकी माता जी की प्रेरणा आज पूरे देश तक पहुंच रही है. मैं आपके इस पवित्र कार्य और महान कार्य के लिए आपके पूरे परिवार को बहुत-बहुत बधाई देता हूं.

अभिजीत ने क्या कहा

इस दौरान अभिजीत ने कहा कि दूसरे दिन हम लोगों ने अंगदान किया. इसमें मम्मी का एक सोच बहुत बड़ा था कि पहले वो काफी नेत्रदान और इन चीजों में सोशल सक्रीय थी. शायद यही सोच को लेकर के ये इतना बड़ा चीज हम लोग कर पाए, और मेरे पिताजी का जो निर्णय था. वह इसी कारण हो पाया है. अभिजीत ने कहा कि मेरी मां का हार्ट, दो किडनी, लीवर और दोनों आंखों का अंगदान किया था. जिससे चार लोगों की नई जीवन मिली है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें