Jharkhand News, सरायकेला न्यूज (शचिंद्र कुमार दाश) : केंद्रीय जनजाति मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने सरायकेला-खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड के खैरबनी में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय का शिलान्यास किया. उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्र के लिए यह केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. विद्यालय में 480 बच्चों के पढ़ने के साथ-साथ चार तरह के खेलों की भी सुविधा होगी. इससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी. मौके पर कल्याण मंत्री चंपई सोरेन, सांसद गीता कोड़ा, केंद्रीय जनजाति मंत्रालय के उपसचिव आशीष गोपाल, उपायुक्त अरवा राजकमल समेत अन्य मौजूद थे.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि इसके जरिये जनजाति इलाकों में शिक्षा के क्षेत्र में नयी क्रांति का उदघोष होगा. समय पर स्कूलों का निर्माण कर इसे बेहतर तरीके से संचालित करना है. श्री मुंडा ने कहा कि स्कूल का निर्माण समय पर करना है. एकलव्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति भी होगी. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. उनका मंत्रालय जनजाति कल्याण के लिये कार्य कर रही है. शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के लिये भी कार्य कर रही है. इसमें सेवा व गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान रखा जायेगा. लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में भी कार्य कर रही है. वन धन योजना के माध्यम से वनोत्पाद के जरिये लोगों को स्वरोजगार से जोड़ना है. न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जायेगा.
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केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोगों को कोविड-19 के लेकर सचेत करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले कम हुए हैं, परंतु यह पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है. अभी भी मास्क पहनने से लेकर सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने की आवश्यकता है. कोरोना से बचाव के लिये सभी को कोविड-19 का टीका लगाने पर भी बल दिया. हम सुरक्षित रहेंगे, तो देश सुरक्षित रहेगा. ट्राइबल एरिया में कई बार देखा जाता है कि वंशानुगत समस्याओं के कारण रक्त ठीक से निर्माण नहीं होता है. इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक करने का कार्य किया जायेगा. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी हमारा मंत्रालय कार्य कर रहा है.
झारखंड के कल्याण मंत्री सह स्थानीय सांसद चंपई सोरेन ने कहा कि नवोदय की तर्ज पर स्कूल में पढ़ाई होगी. सभी के सहयोग से स्कूल को बेहतर बनाना है. समाज का उत्थान करना है तो शिक्षा को बढ़ावा देना होगा. समय पर स्कूल निर्माण कार्य पूर्ण कराने की जरूरत है. इस स्कूल से आदिवासी छात्रों को बेहतर शिक्षा दी जायेगी. शिक्षा के बगैर किसी भी समाज का विकास नहीं हो सकता है. शिक्षा के जरिये समाज को आगे ले जाया जायेगा. आज यहां शिक्षा का नींव दी जा रही है. यहां के आदिवासी बच्चों को उच्च शिक्षा मिलेगी. स्कूल निर्माण के लिये राज्य सरकार ने करीब 15 एकड़ जमीन उपलब्ध कराया है. खैरबनी एक ऐतिसाहिक स्थान है. यहां के लोगों ने शोषण का विरोध करते हुए संघर्ष किया था. स्कूल निर्माण के लिये यह उपयुक्त स्थल है. स्थनायी सांसद गीता कोड़ ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा एक मौलिक जरूरत है. शिक्षा के बगैर हम विकास के मार्ग पर आगे नहीं बढ़ सकते हैं. उन्होंने उपस्थित लोगों से अपने बच्चों को पढ़ाने की अपील की.
आपको बता दें कि एकलव्य स्कूलों की शुरुआत 1997-98 में अनुसूचित जनजाति छात्रों (कक्षा 6 से 12 वीं) के लिए प्राथमिक से लेकर 12 वीं स्तर की शिक्षा प्रदान करने के लिए की गयी थी. इसके पीछे उद्देश्य यह था कि उन्हें सर्वश्रेष्ठ तक पहुंचने में सक्षम बनाया जा सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे और बेहतर बनाने के लिए 2018-19 के केंद्रीय बजट में घोषणा की कि 50% से अधिक एसटी आबादी और कम से कम 20,000 आदिवासी आबादी वाले प्रत्येक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय होगा. सरकार ने देश भर में 452 नए स्कूल स्थापित करने का निर्णय लिया है. इसमें से झारखंड में कुल 69 विद्यालय बनाये जायेंगे.
नवोदय विद्यालय की तर्ज पर एकलव्य स्कूलों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जायेगा. इसके तहत राज्य में एक पहचाने गए व्यक्तिगत खेल और एक समूह के खेल के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी. खेल के लिए इन सीओई में भारतीय खेल प्राधिकरण के मानदंडों के अनुसार अत्याधुनिक प्रशिक्षण, विशेष प्रशिक्षण, बोर्डिंग और ठहरने की सुविधा, खेल किट, खेल उपकरण, प्रतियोगिता प्रदर्शन, बीमा, चिकित्सा व्यय आदि के साथ-साथ अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
Posted By : Guru Swarup Mishra