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सारण: वायरल बुखार से खौफ में ग्रामीण, एक ही बस्ती में दो बच्चियों की मौत, 18 बीमार

सारण के महादलित बस्ती में पिछले कुछ दिनों से वायरल बुखार की चपेट में बच्चे आ रहे हैं. तीन दिनों के भीतर बुखार से दो बच्चियों की मौत हो चुकी है. दो दर्जन से अधिक बच्चे बुखार की चपेट में आए हुए हैं.

अमनौर प्रखंड के परसा पंचायत अंतर्गत सिरसा खेमकरण महादलित बस्ती में चार-पांच दिनों से वायरल फीवर की चपेट में करीब दो दर्जन बच्चे आ गये, जिससे तीन दिनों के भीतर बुखार से दो बच्चियों की मौत अचानक होने से बस्ती के साथ आसपास के गांव में हड़कंप मच गया.

दो बच्ची की मौत

घटना की जानकारी होने पर अमनौर ब्लॉक प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य महकमा से दर्जनों कर्मी एंबुलेंस के साथ गांव में रविवार को दिन भर चक्कर काटते रहे. इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सिरसा खेमकरण महादलित बस्ती में एक सप्ताह के भीतर दो दर्जन से अधिक बच्चे बुखार से पीड़ित थे. गुरुवार को अचानक रामचंद्र राम की पुत्री लक्ष्मी कुमारी साढ़े तीन वर्ष व बहाल राम की पुत्री नंदिनी (8) की मृत्यु हो जाने से पूरे गांव में हड़कंप मच गया.

छोटे से टोला में 18 बच्चे और बुखार से पीड़ित

कई परिवार के लोग अपने बच्चों को लेकर अपने सगे संबंधियों के यहां जाने को मजबूर हो गये. धीरे-धीरे घटना सनसनी की तरह फैल गयी. लोगों का आना जाना होने लगा. इसके बाद पता चला कि छोटे से टोला में 18 बच्चे और बुखार से पीड़ित हैं. जिनको उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है.

मौके पर पहुंचे स्वास्थ्य कर्मी

रविवार को जैसे ही घटना की जानकारी ब्लॉक के अधिकारियों को मिली तब अमनौर बीडीओ मंजुल मनोहर मधुप, सीओ मृत्युंजय कुमार, डॉ निशांत के नेतृत्व में ब्लॉक व अमनौर सीएचसी से करीब दो दर्जन स्वास्थ्य कर्मी मौके पर पहुंच लगभग 50 बच्चों का कोविड-19 व शूगर का जांच कर दवाइयां दिया.

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बुखार के बाद मुंह से आने लगा खून

रामचंद्र राम की पुत्री लक्ष्मी को मंगलवार को हल्का बुखार आया. इसके बाद परिजनों ने गांव में ही इलाज करा कर कुछ दवाइयां दी. जिससे बुखार का उतार-चढ़ाव होता रहा. गुरुवार को अचानक लक्ष्मी अपने घर में टूटे-फूटे लफ्जों में बोलती है कि उसके पेट में भी दर्द हो रहा है. इसके बाद परिजन किसी डॉक्टर के पास ले जाने की तैयारी में ही जुटे थे कि उसके मुंह से अत्यधिक मात्रा में खून आना शुरू हो गया.

सगे संबंधियों के यहां बच्चे लेकर जा रहे ग्रामीण

घरवाले कुछ समझ पाते तब तक लक्ष्मी की मौत हो चुकी थी. दो दिन बाद ही मोहल्ले में दूसरे घर बहाल राम की पुत्री नंदनी की भी मौत बुखार से होने के बाद लोग चमकी बुखार से मौत होने का खौफ पैदा हो गया. घटना के बाद आस-पास के गांव में हड़कंप सा मच गया. कई लोग अपने सगे संबंधियों के यहां खौफ के कारण बच्चों को लेकर जाने को विवश हो गये हैं.

बीडीओ, सीओ के नेतृत्व में पहुंची टीम

घटना के दो दिन बीत जाने के बाद जब बस्ती में बच्चों का बीमार होना बंद नहीं हुआ. तब इसकी जानकारी ब्लॉक के अधिकारियों को दी गयी. मामले को गंभीरता से लेते हुए बीडीओ व सीओ ब्लॉक के अधिकारियों व सीएचसी की टीम के साथ रविवार की दोपहर महादलित बस्ती पहुंचे. जहां करीब 50 से अधिक बच्चों का कोरोना जांच किया गया. जिसमें सभी का रिपोर्ट नेगेटिव आया. इस दौरान शूगर का जांच भी किया गया. इस दौरान डॉक्टरों की टीम ने परिजनों को सलाह दिया कि बच्चों को गरम पानी ही पिलाये व सभी के परिजनों को टीम द्वारा जिंक पाउडर, ओआरएस दिया गया.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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