सारण के भेल्दी थाना क्षेत्र के मदारपुर गांव में गुरुवार की दोपहर अचानक आग लग गयी. आग की लपट इतनी भयावह थी कि 100 से अधिक घरों को जलाकर राख कर दिया. आग इतनी तेजी से फैली की घरों में रखे करीब 20 गैस सिलिंडर भी इसकी चपेट में आ गये. कुछ मोटरसाइकिल भी जल गयी. सौ से अधिक घरों में एक समान तक नहीं बचा, दर्जनों बकरियां आग से झुलस कर मर गयी.
मौके से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की दोपहर मदारपुर दलित के अनुसूचित जाति की बस्ती में लोग अपने-अपने काम में जुटे थे, तभी अचानक आग की लपटें दिखने लगी. आग की लपटों को देख घर के लोग कुछ समझ पाते, तब तक देखते ही देखते कई घरों में आग फैल चुकी थी. लोग आग बुझाने का लगातार प्रयास कर रहे थे. मगर तेज हवा होने के कारण आग पर काबू नहीं पाया जा रहा था. इसकी सूचना भेल्दी थानाध्यक्ष संतोष कुमार को दी गयी. इसके बाद तत्काल भेल्दी, गड़खा, मकेर, मढ़ौरा व अन्य जगहों से फायर ब्रिगेड की दर्जनों छोटी व बड़ी गाड़ियों को मौके पर बुलायी गयी. तब तक आग की पूरी बस्ती में फैल चुकी थी.
पुलिस प्रशासन व फायर कर्मी अपनी आंखों के सामने भयावह मंजर को देखकर कुछ नहीं कर पा रहे थे. हवा इतनी तेज थी कि एक तरफ आग बुझाया जा रहा था. दूसरी तरफ आग फैल रही थी. इसी दौरान अग्निशमन कर्मी के साथ कुछ लोग धक्का-मुक्की भी कर रहे थे. कर्मी आग की लपटों के बीच जाकर आग को बुझाने का प्रयास कर रहे थे. कई घरों में महिलाएं व बच्चे फंसे हुए थे. जिनको स्थानीय लोगों ने काफी मशक्कत से बाहर निकाला.
आग बुझाने के दौरान कई युवक व प्रशासन के कर्मी मामूली रूप से जख्मी भी हो गये. आग इतनी भयावह थी कि कई किलोमीटर तक आसमान में धूआं दिख रहा था. इस मंजर को देखकर स्थानीय लोगों के आंखों में आंसू थे. कई लोग आग की लपटों को देखकर जान बचाकर भागे. इस दौरान उनके घर में रखा सारा सामान जलकर राख हो गया. मौके पर मौजूद पीड़ितों ने बताया कि आग इतनी भयावह थी कि सभी लोग महिलाओं बच्चों को लेकर घर से अपनी जान बचाकर भागे. इस दौरान दर्जनों बाइक, 20 गैस सिलिंडर, लाखों रुपये नकदी, खाद्य सामग्री, कपड़ा, पूरा बरतन जलकर पूरी तरह से राख हो गया.
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आग बुझने के बाद जिनके घर का सारा सामान व रहने का आशियाना जल गया है. वह लोग अपने-अपने घरों में जाकर राख के बीच गहने व अन्य कीमती सामान ढूंढ कर दहाड़ मारकर रो रहे थे. घटना की जानकारी होने पर प्रखंड के अधिकारी मौके पर पहुंच अग्नि पीड़ितों का लिस्ट तैयार करने में जुट गये हैं. जिससे कि उन्हें तत्काल सरकारी मुआवजा मिल सके. वही स्थानीय जनप्रतिनिधि भी पीड़ित परिजनों को रहने के लिए सरकारी व निजी तौर पर व्यवस्था कर रहे हैं.