बिहार के सारण जिले के मढ़ौरा थाना क्षेत्र की मोतिराजपुर पंचायत स्थित भुआलपुर गांव में संदेहास्पद स्थिति में सात लोगों की मौत हो गयी. वहीं, आधा दर्जन से अधिक लोग बीमार हो गये हैं. इन लोगों के जहरीली शराब पीने की आशंका जतायी जा रही है. परिजनों के अनुसार इन्होंने शराब पी थी. हालांकि, पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है. गुरुवार की शाम एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों की तबीयत अचानक से बिगड़ने लगी थी. बीमार पड़े कुछ लोगों के परिजन उन्हें आसपास के निजी अस्पतालों में लेकर गये, जहां शुक्रवार की सुबह कामेश्वर महतो व पप्पू महतो की मौत हो गयी.
परिजनों ने आनन-फानन में इन दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया. वहीं, रोहित सिंह व रामजीवन राम को छपरा सदर अस्पताल भेजा गया, जहां इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गयी. मृत भीष्म कुमार के भाई श्रवण राय ने बताया कि उसका भाई भुआलपुर गांव गया था और वहीं पर शराब पी थी. उसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गयी थी. अब भी कई लोग बीमार बताये जा रहे हैं. उनके परिजन पुलिस कार्रवाई के डर से छिप कर इलाज करा रहे हैं. इस घटना की सूचना के बाद मढ़ौरा के एसडीओ योगेंद्र कुमार व डीएसपी इंद्रजीत बैठा ने भुआलपुर गांव पहुंचकर मामले की जांच की.
भुआलपुर गांव में संदेहास्पद स्थिति में सात लोगों की मौत हुई है. इनमें से पांच की मौत शुक्रवार को हुई, जबकि एक व्यक्ति की मौत गुरुवार की शाम ही में हो गयी थी. बताया जा रहा है कि गड़खा थाना क्षेत्र के अवढ़ा गांव निवासी अलाउद्दीन गुरुवार को किसी काम से भुआलपुर गया था. वहां पर उसने शराब पी थी. इसके बाद अचानक से उसकी तबीयत बिगड़ गयी, जिसके बाद वह छटपटाते हुए अपने गांव पहुंचा, जहां उसकी मौत हो गयी थी.
सारण जिले में बीते 10 दिनों में दो अलग-अलग घटनाओं में 17 लोगों की मौत हो चुकी है. दर्जनों गंभीर रूप से बीमार हैं. कुछ की आंखों की रोशनी जा चुकी है. शुक्रवार को सात लोगों की मौत के बाद मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने स्थानीय जिला प्रशासन से जांच रिपोर्ट मांगी है. हालांकि आठ दिन पहले 12 लोगों की मौत मामले की पोस्टमार्टम रिपोर्ट विभाग को नहीं मिल सकी है. उनका पोस्टमार्टम पीएमसीएच में छह अगस्त को कराया गया था.
Also Read: छपरा में संदिग्ध मौत का आकड़ा पहुंचा सात, आधा दर्जन से अधिक बीमार, जहरीली शराब पीने की जतायी जा रही आशंका
एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शराबबंदी पर कहा कि हम तो शुरू से लोगों को बता रहे हैं कि शराब बुरी चीज है. पीयोगे तो मरोगे. शराब पीने से तरह-तरह की बीमारी होती है. जो लोग शराब पी रहे हैं, वही मर रहे हैं. इसीलिए कहता हूं कि शराब मत पीजिए. शराबबंदी सबके हित में है. गड़बड़ी करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है. बापू भी शराब के खिलाफ थे. शराब छोड़ने वालोंं के घरों में कितना बदलाव आया है. सब्जियों की बिक्री कितनी बढ़ गयी है. हमने 2018 में सर्वे कराया था तब यह बात सामने आई कि एक करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब छोड़ दी है. एक बार फिर सर्वे करायेंगे.
मृतकों में भुआलपुर पंचायत के कामेश्वर महतो (45 वर्ष), पप्पू सिंह (50 वर्ष), रोहित सिंह (38 वर्ष), रामजीवन राम (45 वर्ष), लालबाबू साह (65 वर्ष), हीरा राय (62 वर्ष) और मुबारकपुर धरमौल गांव का भीष्म कुमार (20 वर्ष) शामिल है.