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पेट्रोल-डीजल के बढ़े दाम तो बिहार में तेल से लेकर दाल तक हुआ महंगा, जानें रेट व कब से मिलने लगेगी राहत

पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतों के बीच रसोई गैस के दाम भी अब बढ़ गये हैं. इनकी लगातार बढ़ रही कीमतों के कारण आम लोगों की परेशानी बढ़ गयी है.रसोई का खर्च तेजी से बढ़ा.जानिये बढ़ती महंगाई ने किस तरह कमर तोड़ी है.

पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतों के बीच रसोई गैस के दामों में हुई वृद्धि से बिहार में आमजन से लेकर रसोई घर तक प्रभावित है. पेट्रोलियम पदार्थो के दाम बढ़ने का असर राशन और सब्जी से लेकर अन्य घरेलू सामान के दामों पर भी पड़ रहा है.

बढ़ती महंगाई ने कमर तोड़ी

लोगों का कहना है कि बढ़ती महंगाई ने कमर तोड़ दी है. डीजल के दाम में वृद्धि से खाद्य आपूर्ति भी महंगी हो रही है. ट्रांसपोर्ट खर्च बढ़ने से इसका सीधा असर खाद्य वस्तुओं के दामों पर पड़ रहा है. इन सबके बीच रसोई गैस में कीमत में हो रही वृद्धि आग में घी का काम कर रही है. एलपीजी के दाम लगातार बढ़ने से महिलाएं भी सरकार को कोस रही हैं.

30 फीसदी बढ़ा रसोई का खर्च

जानकारी हो कि पिछले एक साल में आम आदमी का खर्च 10 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गया है. सफर करने से लेकर इलाज और रसोई तक में महंगाई की आग लगी है. पिछले एक साल में ही खाद्य सामग्री की कीमतें बेतहाशा बढ़ी हैं. मार्च 2021 से मार्च 2022 की तुलना करें, तो दाल की कीमत में 10 प्रतिशत यानी 10 से 15 रुपये तक की वृद्धि दर्ज की गयी है.

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एक साल में रसोई गैस 200 रुपये प्रति सिलिंडर महंगा

वहीं, सरसों तेल में 20 से 30 प्रतिशत और रिफाइंड तेल में 10 प्रतिशत से लेकर 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है. गैस सिलिंडर की कीमत तो रसोई की खुशियों में आग लगा रही है. एक साल में रसोई गैस 200 रुपये प्रति सिलिंडर महंगा हुआ है. अब एक सिलिंडर के लिए उपभोक्ता को 850 रुपये की जगह 1050 रुपये देना पड़ रहा है.

जानिये कितने बढ़े दाम

  • सरसों तेल

पहले 150 से ₹160

-अब 180 से ₹200

  • आटा

-पहले ₹22 किलो

-अब 27 से ₹30 किलो

  • सूजी

-पहले 25-₹26 किलो

-अब 28-₹30 किलो

  • अरहर दाल

-पहले 80-₹85 किलो

-अब 95-₹100 किलो

  • गैस सिलिंडर

-पहले ₹850

-अब ₹1050 प्रति सिलिंडर

  • मिर्च मसाला

-पहले ₹160 किलो

-अब ₹220 किलो

  • मरीच मसाला

-पहले ₹140 लीटर

-अब ₹175 लीटर

  • गेहूं से बने प्रोडक्ट

-पहले 17 सौ रुपये पैकेट

-अब 22 सौ रुपये

मई तक भाव डाउन होने के आसार

व्यापारियों का कहना है कि मांग अधिक और आवक कम होने के कारण इन चीजों पर महंगाई आई है. यूक्रेन और रसिया के बीच लड़ाई को भी एक कारण मान रहे हैं. हालांकि अप्रैल और मई के प्रथम सप्ताह में सरसों की कटाई होने के बाद तेल और रिफाइंड की कीमतों में कमी आ सकती है.

एक साल में भाव आसमान पर पहुंचा

गृहणियों का कहना है कि आलू, धनिया, मिर्च सस्ता है, लेकिन तेल और रिफाइंड महंगे होने से आलू के पराठे, पकौड़े और टिक्की बनाने से पहले बजट देखना पड़ रहा है. एक साल में भाव आसमान पर पहुंच गये हैं. चाय बनाना भी मुश्किल हो गया है. दाल और सब्जी में तड़का लगाने से पहले सोचना पड़ता है.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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