छपरा में पुलिस हिरासत में युवक की मौत के खिलाफ लोगों का गुस्सा सड़क पर उतरा. गुस्साए लोगों ने शुक्रवार को छपरा-मुजफ्फरपुर NH-722 को जाम कर दिया. गुस्साए लोगों ने शव को सड़क पर रख दिया और विरोध प्रदर्शन किया. गुस्साए लोगों ने पुलिस पर आरोप लगाकर कार्रवाई और पीड़ित परिवार को मुआवजे की मांग की.
बता दें कि भेल्दी पुलिस ने सोमवार को देशी शराब बरामदगी व पीने के मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार कर मंडल कारा भेजा था. इसके बाद कारा प्रशासन ने तीन अभियुक्त शंकर नट, मदन नट व विजेश्वर नट को इलाज के लिए तत्काल सदर अस्पताल भेज दिया था. जहां गुरुवार को इलाज के दौरान एक अभियुक्त की मौत हो गयी थी.
मृतक शोभेपुर निवासी बहिर नट का पुत्र विजेश्वर नट बताया जाता है. मौत के बाद जब परिजनों को इसकी सूचना मिली तो वे सदर अस्पताल पहुंच कर जमकर हो-हंगामा करते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ आक्रोशित हो गये. वहीं मृतक की पत्नी का कहना था कि पुलिस द्वारा जान-बूझकर मेरे पति को शराब के मामले में फंसाया गया है.
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परिजन पुलिस प्रशासन पर यह भी आरोप लगा रहे थे कि पुलिस अभिरक्षा में उन्हें बुरी तरह से मारा पीटा गया है. वहीं उनलोगों का कहना था कि अगर समय रहते उन्हें उचित इलाज मिल गया रहता तो शायद जान बच जाती. सदर अस्पताल में सदर एसडीपीओ मुनेश्वर प्रसाद सिंह, नगर इंस्पेक्टर विमल कुमार व भगवान बाजार थानाध्यक्ष मुकेश कुमार झा ने पहुंचकर हाल- चाल जाना व परिजनों को शांत कराया था. वहीं मामला मंडल कारा से संबंधित था तो शव के पोस्टमार्टम के लिए मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति की गयी. देर शाम तक पोस्टमार्टम होने के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया था.
इस संबंध में एसडीपीओ ने बताया कि मृतक कई शारीरिक बीमारियों से ग्रसित था. उसकी बीमारी को देखते हुए ही कारा प्रशासन ने सदर अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. वहीं मृतक के साथ हुए मारपीट की बात को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि यह गलत आरोप है. मृतक के साथ किसी भी तरह की कोई बदसलूकी थाना में नहीं की गयी है.
Published By: Thakur Shaktilochan