सारण में हुई मौतों का कारण बनी जहरीली शराब की खेप मशरक के यदु मोड़ के एक घर से निकली थी. यहीं से यह शराब अमनौर व इसुआपुर होते हुए सीवान तक जा पहुंची. जहरीली शराब सप्लाइ करने वाले धंधेबाजों के ठिकानों को चिह्नित कर पुलिस वहां से शराब भी बरामद कर चुकी है. इस मामले में कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं. इस पूरे प्रकरण में पुलिस ने मशरक थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की है. पहली प्राथमिकी में 10 लोगों को नामजद किया गया है. इनमें दो लोग वैसे भी हैं, जिनकी मौत जहरीली शराब से हो चुकी है. मशरक के यदु मोड़ के पास रहने वाले कुणाल सिंह ने भी कुछ लोगों के साथ बैठ कर अपने घर में शराब पी थी. उसी घर से गोपालबाड़ी और मुसहर टोला में शराब की खेप पहुंचायी गयी थी.
प्राथमिकी में भी इस बात की पुष्टि की गयी है कि यदु मोड़ चिमनी के पीछे कुणाल सिंह के घर से शराब मिली है. यही शराब गोपालवाड़ी होते हुए मुसहर टोला पहुंची. पुलिस ने गोपालवाड़ी के जिस मुकेश सिंह को नामजद किया है, उसने ही मुसहर टोला की सरिता देवी को शराब दी थी. पुलिस द्वारा की गयी दूसरी प्राथमिकी में इस बात का जिक्र है. कुणाल सिंह शराब का पुराना सप्लायर रह चुका है. पुलिस अब इस बात का पता लगाने में जुटी है कि कुणाल सिंह के घर शराब की सप्लाइ कहां से हुई थी.
मंगलवार की रात मशरक के यदु मोड़ के पास चिमनी के पीछे के एक घर से शराब की खेप सप्लाइ की गयी थी. यह घर कुणाल सिंह का है. इसी मुहल्ले के छह लोगों ने उसके घर में बैठकर शराब का सेवन किया था. इनमें से पांच की बुधवार को हो मौत गयी थी, जबकि एक व्यक्ति का इलाज पीएमसीएच में चल रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि यह घर पहले से ही संदिग्ध रहा है. यहां देशी शराब के साथ अंग्रेजी शराब का कारोबार भी हो रहा था. पुलिस पहले भी यदु मोड़ के इलाकों में छापेमारी कर चुकी है. एसपी संतोष कुमार ने भी बताया था कि यदु मोड़ के आसपास के इलाके में जहरीली शराब सप्लाइ करने की बात सामने आयी है. इसके बाद इस इलाके की कई जगहों पर जेसीबी लगाकर खुदाई भी करायी गयी थी.
मशरक के ही गोपालबाड़ी में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो चुकी है. इस गांव के एक सुनसान इलाके में जाकर शराब पीने की बात सामने आयी है. मृतक विक्की महतो, सुरेंद्र महतो के परिजनों ने बताया कि दोनों मढ़ौरा से किसी बारात में मशरक गये थे. इसके बाद देर शाम उनकी तबीयत खराब हुई. जब उन लोगों ने फोन कर अपनी तबीयत के बारे में बताया तब वे गोपालबाड़ी में थे. वहां पर 50 से अधिक लोगों ने शराब पी थी. पुलिस ने भी गोपालबाड़ी में जहरीली शराब बेचने वाले गिरोह का नेटवर्क होने की बात कही है. गोपालगाड़ी के दो लोगों को इस मामले में गिरफ्तार भी किया गया है.
शराब माफियाओं का नेटवर्क अमनौर के हुस्सेपुर में भी पहले से सक्रिय था. हुस्सेपुर व मिनी सिरसिया गांव में सात मौतें हुई हैं. यहां जिस दिन मौत हुई, उसके एक दिन पहले थानाध्यक्ष सुजीत कुमार चौधरी के निर्देश पर उपेंद्र राम के घर में छापेमारी की गयी थी. उपेंद्र राम की मौत छापेमारी के एक दिन बाद शराब पीने से ही हुई. ऐसे में यह स्पष्ट है कि उपेंद्र के घर में शराब पहले से थी. हालांकि, पुलिस को छापेमारी के दिन वहां शराब नहीं मिली. इसी साल 1 जनवरी 2022 को उपेंद्र शराब बेचने के मामले में ही जेल भी जा चुका था. अगर उस दिन पुलिस ने ठीक से छापेमारी की होती, तो उपेंद्र तो बचता ही और लोगों की भी जान नहीं जाती. शराब पीकर मरने वालों में उपेंद्र का साथी उमेश भी शामिल है, जो उसके साथ मिलकर आसपास के इलाके में शराब बेचा करता था.