बिहार पुलिस की कार्यशैली दिन प्रतिदिन सवालों के कटघरे में खड़ी होती जा रही है. रोहतास जिले में अब एक नए मामले का खुलासा हुआ है. इसमें पुलिस पर लगभग ढाई साल पहले मरे व्यक्ति के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल करने का आरोप है. मामला नगर थाना सासाराम से जुड़ा है, जिसका थाना कांड संख्या 270/2019 है, जो 31 मार्च 2019 को नगर थाना सासाराम में दर्ज किया गया था.
इस मामले में महेंद्र महतो, रमेश कुशवाहा, अर्जुन महतो, दयावती देवी, अरविंद महतो, बबलू गोंड, सुदामा महतो उर्फ सुदामा कुमार मौर्य, मनोज सोनकर, सुभाष महतो, चंद्रशेखर महतो, सत्यवती देवी, सर्व जीत कुमार, शिखा कुमारी, सुभाष सिंह, प्रकाश महतो, नंदु महतो की पत्नी, अभियुक्त बनाए गए थे. इन सभी पर अनुसंधानकर्ता विजय कुमार के द्वारा 31 दिसंबर 2022 को चार्जशीट दाखिल की गयी थी.
इसके बाद सीजेएम कोर्ट से 16 फरवरी 2023 को संज्ञान लेते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट निवेदिता सिंह के न्यायालय में सुनवाई के लिए भेज दिया गया था. इसमें 15 अप्रैल 2023 को बचाव पक्ष के अधिवक्ता के द्वारा एक आवेदन न्यायालय को देकर सूचित किया गया कि अभियुक्त सुदामा महतो उर्फ सुदामा कुमार मौर्य की मृत्यु 30 जुलाई 2020 को हो चुकी है, जिसके कारण उनके विरुद्ध चल रहे मुकदमे को समाप्त कर दिया जाये. इस पर कोर्ट ने नगर थाना प्रभारी सासाराम से मृत व्यक्ति की मृत्यु रिपोर्ट थाने से मांगी थी.
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इस पर प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर चौधरी अरुण आलोक के द्वारा न्यायालय में उपस्थित होकर 2 मई 2023 को रिपोर्ट व मृत्यु प्रमाण पत्र दाखिल किया गया है कि सुदामा महतो उर्फ सुदामा कुमार मौर्य की मृत्यु 30 जुलाई 2020 को हो चुकी है. रिपोर्ट देखने के बाद कोर्ट के द्वारा इस मामले के अनुसंधानकर्ता विजय कुमार, थाना प्रभारी संजय कुमार सिन्हा को न्यायालय में स्वयं उपस्थित होकर जवाब दाखिल करने का आदेश जारी किया है.