रामनवमी जुलूस के दूसरे दिन 31 मार्च को सासाराम में हुए उपद्रव में पुलिस ने सासाराम विधानसभा क्षेत्र के भाजपा के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद को गिरफ्तार किया है. इसके बाद से राज्य की राजनीति गरमा गयी है. भाजपा नेताओं ने राज्य सरकार पर टारगेट करने का आरोप लगाया है. इधर, सूचना पाते ही नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा सासाराम पहुंचे. उन्होंने सर्किट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि जिला प्रशासन आक्रोश में भाजपा नेताओं के विरुद्ध कार्रवाई कर रहा है, जबकि बम बनाने वालों की गिरफ्तारी नहीं कर रहा है.
विजय सिन्हा ने कहा कि जिला प्रशासन की कायरता पूर्ण कार्रवाई को लेकर जिला भाजपा के कार्यकर्ता रविवार को प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री का पुतला दहन कर आक्रोश प्रकट करेंगे. इसके अलावा तीन मई से महाआंदोलन की शुरुआत होगी. उन्होंने बताया कि एसपी से बात करने का प्रयास किया गया. लेकिन, उन्होंने न तो मुलाकात की और न ही फोन से बात की. साथ ही जेल में हम पूर्व विधायक से मिलना चाहते थे, तो मुझे जिलाधिकारी ने उनसे मिलने नहीं दिया.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सासाराम और बिहारशरीफ की घटना पर प्रशासन लीपापोती करने में लगी हुई है. यह दोनों स्थान पीएफआइ का अड्डा बनते जा रहे हैं. सासाराम में हुए बम ब्लास्ट की जांच एनआइए से कराने की मांग नेता प्रतिपक्ष ने की. साथ ही उन्होंने सासाराम व बिहारशरीफ की घटनाओं की न्यायिक जांच हाइकोर्ट के जजों से कराने की मांग की है.
पूर्व विधायक की गिरफ्तारी के बाद शनिवार को एसपी विनीत कुमार ने नगर थाने में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद ने 31 मार्च की सुबह 9:30 बजे एक बैठक की थी, जिसमें एक समुदाय विशेष के विरोध में लोगों को लामबंद करते हुए प्रतिक्रिया स्वरूप गतिविधियां करने की बात कही थीं. पुलिस अनुसंधान में यह तथ्य उजागर होने के बाद पूर्व विधायक को गिरफ्तार किया गया है.
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एसपी ने सांप्रदायिक उपद्रव के दौरान दर्ज हुई चार प्राथमिकियों में से मात्र एक प्राथमिकी पर चर्चा करने की बात कही. उन्होंने कहा कि 31 मार्च को शहर में हुए सांप्रदायिक उपद्रव के बाद से 28 अप्रैल तक कुल 64 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस अवधि के दौरान दो आरोपितों ने न्यायालय में सरेंडर किया है. 12 की गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस इश्तेहार का तामिला कराया गया था.