श्रावणी मेला 2022 की शुरुआत हो गयी है. अगले एक महीने तक यानी सावन पूर्णिमा तक सुल्तानगंज से कांवरियों का जत्था उत्तरवाहिनी गंगा का जल भरकर बाबा अजगैवीनाथ की नगरी सुल्तानगंज से बाबाधाम देवघर की ओर कूच करेगा. सुल्तानगंज में इस बार कांवरियों के लिए ग्रीन कार्पेट भी बिछाया गया है. चिलचिलाती धूप में इस बार कांवरियों को कष्ट नहीं होगा.
सुल्तानगंज से जल भरने के बाद कांवरिया कच्ची पथ पकड़कर पैदल यात्रा करते हैं. इस बीच कच्ची पथ तक पहुंचने के लिए कांवरियों को सुल्तानगंज में कुछ किलोमीटर तक जिस मार्ग से चलना पड़ता है वो पक्की सड़क ही एकमात्र जरिया है.
कच्ची पथ तक पहुंचने के लिए एक फ्लाइओवर पर चढ़कर पैदल चलना होता है. इस पुल पर कांवरियों के लिए अलग एक फुटपाथ है जो पक्की का है. इसपर चलने में कांवरियों को कष्ट ना हो इसलिए हरा कार्पेट बिछाया गया है.
बता दें कि सुल्तानगंज में गंगा का जल भरने के बाद कांवरियों को कच्ची पथ तक पहुंचने के लिए सुल्तानगंज के मार्केट एरिया से ही गुजरना पड़ता है. वहीं थोड़ी दूरी पर फ्लाइओवर पार करते ही कच्ची पथ शुरू होता है. उस फ्लाइओवर पर ही ये कार्पेट बिछाया गया है. हालांकि कई जगहों पर बीच-बीच में ये कार्पेट भी सिमट गये हैं. अधिक संख्या में कांवरियों के चलने से ऐसा हुआ है.
बताते चलें कि श्रावणी मेला के उद्धाटन समारोह पर बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने घोषणा की है कि कांवरियों के लिए अब नये रूट का निर्माण होगा. कांवरियों को जल भरकर शहर के तंग रास्ते से नहीं चलना होगा. अब घाट से सीधा रास्ता कांवरिया कच्ची पथ तक पहुंच जाएगा.
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गौरतलब है कि श्रावणी मेला 2022 का शुभारंभ हो गया है. कांवरियों का जत्था बाबानगरी देवघर के लिए कूच कर चुका है. कोरोना के कारण दो साल मेला नहीं लग सका. लेकिन इस साल 2022 में श्रावणी मेला लगा तो पहले ही दिन 50 हजार से अधिक भक्तों ने देवघर मंदिर में जलार्पण किया.
प्रस्तुति: चेतना प्रकाश