Christmas 2022: क्रिसमस के मौके पर शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी पूरी तरह से माहौल क्रिसमसमय हो गया. क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सिमडेगा के शहरी क्षेत्र के शामटोली महागिरजाघर को भव्य और आकर्षक तरीके से सजाया गया. पूरे परिसर में रंग-बिरंगे झंडी और विद्युत बल्बों से आकर्षक सजा सजावट की गई है. शाम को भव्य आकर्षक और मनमोहक प्रभु यीशु की चरनी सजाई गयी. चरनी में प्रभु यीशु के जन्म को जीवंत दिखाया गया. इस समय मसीही समुदाय के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
क्रिसमस पर पुरोहितों के संदेश
क्रिसमस का त्योहार समस्त मानव जाति के लिए एक आशा है. ईश्वर के प्यार का समय है. प्रभु यीशु मसीह के दुनिया में आने की खुशियां मनाते हैं. पर्व का उद्देश्य यही है कि ईश्वर के प्यार को लोगों के बीच प्रकट करें. प्रभु यीशु ख्रीस्त का जीवन सामान्य था. सामान्य परिस्थिति में भी एक दूसरों का सहारा बने. इसी तरह हर व्यक्ति जो प्रभु येसु का समारोह मनाते है वे लोग भी प्रभु येसु के उद्देश्यों को लोगों तक ले जाने का काम करे. ईश्वर ने संसार और मनुष्य जाति को बहुत प्यार दिया. आज संसार और मनुष्य जाति भिन्न भिन्न प्रकार से अशांत है. संघर्ष, विपत्तियों और हर प्रकार के तनाव से घिरा है. इसका कारण मनुष्य के बीच प्यार का अभाव है. प्रभु येसु ने पापियों और दोषियों को माफी दी. बीमार और असहाय व्यक्तियों को सहारा दिया. गरीब से गरीब लोगों को स्वीकार किया. उन्हें ईश्वर के प्रति योग्य बनाया. यही प्यार हर मनुष्य को करने की जरूरत है. आज भी मनुष्य के जीवन में प्यार का अभाव नहीं है. आशा अनेको है. इस तरह से हम सभों का जीवन येशु की तरह परिवर्तित होगा. हम एक दूसरे के प्रति प्यार दे सकेंगे. हर प्रकार की परेशानी, चिंता का प्रमुख कारण स्वार्थ है. नि:स्वार्थ जीवन से शांति मिलती है. आशाएं हर समय खुली रहती है.
यीशु के आगमन से आया बड़ा बदलाव
यीशु ख्रीस्त का मानव समाज में मनुष्य रूप में संसार में आने से संपूर्ण संसार में एक बड़ा परिवर्तन आया. जिसने भी यीशु को ग्रहण किया. यह बातें अपने संदेश में जीईएल चर्च के पादरी सीमोन हेरेंज ने कही. उन्होंने कहा कि यीशु की शिक्षा को अपनाया उसका जीवन बदल गया. जिस परिवार और समाज ने शिक्षा को अपनाया वह परिवार, समाज बदलाव आ गया. विश्व के सारे लोग यीशु की शिक्षा और जीवन को अपनाया तो विश्व में कभी युद्ध नहीं होंगे. क्योंकि यीशु ख्रीस्त मेल मिलाप, एकता, शांति, प्रेम का संदेश देता है. जो सारे जगत के लोग के लिए आनंद का सुसमाचार है. क्रिसमस का संदेश हमारे लिए यीशु ख्रीस्त के मानव सेवा के आदर्श को जीवन को प्रेम एकता शांति मेल मिलाप , भाईचारा का संदेश को अपने जीवन में आत्मसात करें. उन्होंने कहा कि यीशु मसीह मानव सेवा को लेकर जगत में आए और मिशन कार्य के द्वारा मानव सेवा का उत्कृष्ट नमूना, आदर्श को हम सारे लोगों समाज समुदाय के लिए प्रस्तुत किया.
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खुशी और आनंद का पर्व
क्रिसमस के अवसर पर गिरजाघर और घरों को सजाया जाता है. खुशी और आनंद के साथ पर्व को मनाते है. परिवार में यीशु का जन्म हो चुका है. परिवार में प्रेम शांति से रहने का संदेश क्रिसमस पर्व पर प्रभु यीशु मसीह लेकर आए है. पर्व के अवसर पर नए-नए वस्त्र पहनते है. घरों में अच्छे-अच्छे पकवान बनाकर आने वाले अतिथियों का स्वागत करते है.पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. यूथ कमिटी के अध्यक्ष प्रफुल किड़ो ने कहा क्रिसमस परिवार, भाई बहनों के साथ घर में मिलकर मनाते है. जो भी लोग बाहर रहते वे लोग पर्व के दौरान अपने घर को लौट आते है. घर और परिवार के साथ पर मनाने की खुशी ही अलग है. प्रभु यीशु जन्म के अवसर पर घर से लेकर चर्च को आकर्षक तरीके से सजाया जाता है. घरों में और गिरजाघर में चरनी की सजावट होती है. घर में प्यार से हम सभी समुदाय के लोगों का स्वागत करते है.
क्रिसमस प्रेम, शांति और एकता का प्रतीक
रेशमी केरकेट्टा ने कहा कि क्रिसमस प्रेम, शांति और एकता का प्रतीक है. पर्व को लेकर अलग ही उत्साह देखने को मिलता है. क्रिसमस पूरी तरह से मेल मिलाप का पर्व है. सभी समुदाय के लोगों का यह पर्व हर्षोल्लास के साथ पर्व मनाते है. पर्व पर घर की रौनक देखते ही बनती है. घर परिवार के लोगों में पर्व को लेकर गजब का उत्साह देखने को मिलता है. सभी घरों में चरनी सजाई जाती है. मांदर और नगाड़े की थाप एक माह पहले से लोग थिरकते नजर आने लगते है. अभिषेक का कहना है कि क्रिसमस का पर्व का इंतजार काफी समय से व उत्सुकता से करते हैं. पर्व के अवसर पर घरों में आकर्षक तरीके से चरनी सजाई जाती है. अईरसा रोटी रोटी के अलावा अन्य पकवान और केक बनाए जाते है. सभी आने वाले अतिथियों का स्वागत हम लोग अईरसा रोटी से करते हैं. अभिषेक का कहना है कि क्रिसमस के दिन उनके घरों के दरवाजे सभी समुदाय के लिए खुले रहते हैं. क्रिसमस सभी समुदाय के लोगों का पर्व है.
नवंबर माह से ही क्रिसमस की तैयारी हो जाती है शुरू
जयंती मिंज अत्यंत ही खुशी का इजहार करते हुए कहती है यह उनके लिये बहुत ही बड़ी खुशी क समय है. बड़ी धूमधाम से वे लोग क्रिसमस मनाते है. नवंबर माह से ही क्रिसमस की तैयारी शुरू हो जाती है. घर आंगन गांव में नाच गाना शुरू हो जाता है. गैदरिंग के माध्यम से आनंद का इजहार किया जाता है. जयंती मिंज कहती है परिवार के साथ पर्व मनाने का आनंद को वे बयां नहीं कर सकती. वे बाहर में रहती है. किंतु पर्व के अवसर पर भागकर अपने घर चली आती है. घर परिवार के साथ मिलकर पूरे खुशनुमा माहौल में पर्व मनाती है. जयंती मिंज का यह भी कहना है कि वह अपने घरों में आने वाले अतिथियों का स्वागत है अर्ईरसा रोटी और मिठाई से करती है. रेशमा केरकेट्टा का कहना है क्रिसमस लोगों के लिए बहुत ही उत्सुकता का पर्व है. पूरे उत्साह के साथ प्रभु यीशु का जन्मदिन मनाते है. एक माह पूर्व से ही पर्व की तैयारी में मसीही समुदाय जुड़ जाते है. घरों को सजाया संवारा जाता है. रश्मि केरकेट्टा कहती है हमें यीशु की तरह ही सभी के जीवन में प्यार भर देना चाहिए. सभी के लोगों के प्रति प्रभु यीशु के समान प्यार प्रकट करना चाहिए. क्रिसमस के अवसर पर दुष्टता की भावना को त्याग देना चाहिए. यह पर्व मेल मिलाप और प्रेम को बढ़ाने वाला पर्व है. रश्मि केरकेट्टा ने यह भी कहा कि मानव जीवन के अंदर प्रेम नहीं है तो सब कुछ बेकार है. संगीता तिर्की ने कहा कि क्रिसमस आनंद मनाने का त्योहार है. इसमें कोई जाति भेद नहीं है. सभी लोग एक साथ मिलकर प्रभु की स्तुति करते हैं. घर में बनी मिठाई से आने वाले लोगों का स्वागत किया जाता है. संगीता ने कहा कि क्रिसमस पर्व एक दूसरों के साथ खुशियां बांटने का त्योहार है.
रिपोर्ट : रविकांत साहू, सिमडेगा