National Sports Day 2020, Rashtriya khel diwas : सिमडेगा (रविकांत साहू) : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हॉकी में संगीता व ब्यूटी डुंगडुंग समेत अन्य खिलाड़ियों ने नाम रोशन किया है, तो फुटबॉल में प्रतीक्षा व प्रतिमा जिले का मान बढ़ा रहीं हैं. हॉकी की नर्सरी में फुटबॉल के खिलाड़ियों ने विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनायी है. यहां से 100 से भी ज्यादा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी निकले हैं.
झारखंड में सिमडेगा जिले को हॉकी की जननी कहें, तो अतिशयोक्ति नहीं है. झारखंड के सुदूरवर्ती आदिवासी बहुल सिमडेगा जिले के करूंगागुड़ी गांव सहित अन्य गांवों ने अपनी मिट्टी से हॉकी के लाल को जन्म दिया है. करंगागुड़ी आस-पास के गांव से लगभग 45 अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी निकले हैं. वर्तमान समय में भारतीय महिला हॉकी टीम से संगीता कुमारी, ब्यूटी डुंगडुंग, सलीमा टेटे एवं सुषमा कुमारी खेल रही हैं. राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 60 से भी ज्यादा महिला हॉकी खिलाड़ियों ने अपना स्थान टीम में सुरक्षित किया है.
अब हॉकी की नर्सरी में फुटबॉल के भी खिलाड़ी निकलने लगे हैं. सिमडेगा के खूंटी टोली निवासी प्रतीक्षा लकड़ा एवं जामबाहर निवासी प्रतिमा कुमारी वर्ल्ड कप में अपना जगह बना ली हैं. ये दोनों खिलाड़ी इंडिया फुटबॉल टीम से वर्ल्ड कप खेलेंगी. यह जिले के लिए अत्यंत ही गौरव की बात है.
ग्रामीण क्षेत्रों में यू कहें तो शुरुआत के दिनों में हॉकी खेल की कोई सुविधा नहीं थी. कमोबेश आज भी नहीं है. इसके बाद भी यहां के बच्चों के खून में ही हॉकी जुनून बन कर दौड़ता है. बच्चे जब चलना सीखते हैं तो वह लड़खड़ा कर गिर जाते हैं. इसके बाद वे हॉकी स्टिक के सहारे उठ खड़े होते हैं. बचपन से ही ग्रामीण क्षेत्रों की ऊबड़ खाबड़ पथरीली जमीनों पर खेलकर अपने आप को चट्टान की तरह मजबूत बनाते हैं और सुविधायुक्त अन्य राज्यों के हॉकी खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर देते हैं. वर्तमान समय में सिमडेगा में एस्ट्रोटर्फ की सुविधा बहाल कर दी गई है. एस्ट्रोटर्फ में अभ्यास करने के बाद हॉकी खिलाड़ियों के प्रदर्शन में लगातार सुधार हुआ है, जो खिलाड़ियों में टूर्नामेंट के दौरान देखने को मिलता है.
हॉकी सिमडेगा के मनोज कोनबेगी सहित अन्य पदाधिकारियों ने लगातार कड़ी मेहनत करके हॉकी खिलाड़ियों को सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से लाकर उनमें प्रतिभा निखार कर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय हॉकी खेलने के लायक बनाया. इतना ही नहीं हॉकी खेल के दौरान बाहर जाने पर खिलाड़ियों में अंग्रेजी की समस्या उत्पन्न हो रही थी, जिसे हॉकी सिमडेगा के मनोज कोनबेगी ने खिलाड़ियों के लिए विशेष क्लास आयोजित कर उन लोगों के लिए अंग्रेजी की पढ़ाई शुरू की. जिससे खिलाड़ियों को बहुत लाभ हुआ. वर्तमान समय में लॉकडाउन के कारण खिलाड़ियों को पौष्टिक भोजन नहीं मिल रहा है. जिस कारण खिलाड़ियों में फिटनेस की समस्या उत्पन्न हो गयी है. वर्तमान समय में इंडिया टीम की संगीता कुमारी और ब्यूटी डुंगडुंग को हॉकी सिमडेगा की ओर से ही पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.
झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार बनने के बाद से ही खिलाड़ियों को लगा था कि सिमडेगा जैसे सुदूर ग्रामीण आदिवासी बहुल क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी हॉकी खिलाड़ियों के लिए सरकार बहुत कुछ करेगी, लेकिन आज भी खिलाड़ियों को पौष्टिक भोजन के लिए तरसना पड़ रहा है.
Posted By : Guru Swarup Mishra