Jharkhand News: सिमडेगा जिला अंतर्गत बानो प्रखंड के बरटोली गांव की असली हकीकत सामने आयी है. गांव तक जाने के लिए सड़क नहीं है. गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने के लिए गांव तक एंबुलेंस नहीं जा सका. परेशान परिजनों ने खटिया पर गर्भवती को मुख्य सड़क तक ले जाने लगे. इसी दौरान महिला का प्रसव हुआ और नवजात की मौत हो गयी.
क्या है मामला
बड़काडुइल पंचायत अंतर्गत बरटोली गांव निवासी गणपत सिंह की पत्नी सरस्वती देवी को प्रसव पीड़ा हुआ. परिवार के लोग और सहिया द्वारा गुरुवार की सुबह एंबुलेंस को फोन किया गया, लेकिन सड़क सही नहीं होने के कारण एंबुलेंस गांव तक नहीं जा सकी. एंबुलेंस गांव के बाहर ही खड़ी रही. परिजनों ने गर्भवती महिला को खटिया पर ढोकर बेलभुड़ु चौक लाया जा रहा था. इसी क्रम में रास्ते में ही महिला की प्रसव पीड़ा काफी तेज हो गयी. इसी क्रम में बच्चे का जन्म हो गया, लेकिन नवजात ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. परिजन जच्चा-बच्चा को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक नवजात की मौत हो चुकी थी. वहीं, महिला का बानो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है.
जिप सदस्य की सूचना पर बीडीओ पहुंचे गांव, ग्रामीणों ने बतायी समस्या
इधर, घटना की जानकारी मिलने पर जिला परिषद सदस्य विराजो कडुंलना अस्पताल पहुंचकर मामले की जानकारी ली. घटना की जानकारी होने पर बानो प्रखंड विकास पदाधिकारी यादव बैठा, स्मृति कुमारी ने घटनास्थल पर जाकर मामले की जानकारी लिया. ग्रामीणों ने बताया कि बरटोली गांव तक पहुंचने में सड़क की स्थिति काफी जर्जर है. बरसात के दिनों में सड़क की स्थिति और भी दयनीय हो गयी है. कोई भी वाहन गांव तक नहीं पहुंच पाती है.
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गुस्से में ग्रामीण
गुरुवार को गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंचने के कारण नवजात की मौत हो गयी. इधर, परिवार वालों द्वारा नवजात को घर ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया. वहीं, महिला का बानो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है. सड़क खराब होने से एक बच्चे की मौत से क्षेत्र के लोग काफी गुस्से में हैं. ग्रामीणों का कहना है बरसात के दिनों में गांव तक आने में काफी परेशानी होती है, लेकिन इस समस्या के समाधान के लिए किसी के पास फुर्सत नहीं है.
रिपोर्ट : रविकांत साहू, सिमडेगा.