Women’s Day 2021, Jharkhand News, Simdega News, सिमडेगा न्यूज (रविकांत साहू) : एक समय था जब महिलाएं घर की देहरी लांघने में हिचकिचाती थी, लेकिन आज महिलाएं पुलिस प्रशासन से लेकर समाज, साहित्य समेत दूसरे अन्य क्षेत्र में बेहतर मुकाम हासिल की रही है. जिले में विभिन्न पुलिस प्रशासनिक और राजनीतिक के अलावे सामाजिक और साहित्यिक क्षेत्र में अपनी पहचान महिलाओं ने बनायी है.
बचपन से ही पुलिस अफसर बनने के जुनून ने नीलम भेंगरा को पुलिस अफसर बना दिया. वर्तमान में सिमडेगा में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं नीलम भेंगरा. उन्होंने बताया कि बचपन से ही उन्हें पुलिस की वर्दी देखकर गर्व होता था. उन्होंने बचपन से ही ठान लिया था कि उन्हें भी पुलिस अफसर बनना है. वर्ष 2008 में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद पुलिस बहाली की वैकेंसी आयी. उन्होंने अप्लाई किया. इसके बाद दौड़ में अव्वल रही. उसके बाद उनका हौसला सातवें आसमान पर था. दौड़ में अव्वल आने के बाद उन्होंने और कड़ी मेहनत करके JPSC की तैयारी की और उन्होंने सफलता पायी. पलामू प्रमंडल में पहली महिला सब इंस्पेक्टर के रूप में उनका चयन हुआ. यह उनके लिए काफी गर्व की बात थी. इसके बाद वे सिमडेगा में इंस्पेक्टर के पद पर पदोन्नति होकर भेजी गयी. इंस्पेक्टर नीलम भेंगरा ने महिला दिवस के अवसर पर कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और बेहतरी उनकी जवाबदेही है. महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आ रही है. महिलाओं को नि:संकोच हर क्षेत्र में आगे आना चाहिए.
राजनीतिक क्षेत्र में नगर परिषद के अध्यक्ष के पद पर लगातार तीसरी बार के प्रयास में सफल हुई. पुष्पा कुल्लू का कहना है कि महिलाएं आज की तारीख में किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है. पुष्पा कुल्लू कहती हैं कि लगातार दो बार असफलता मिलने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. तीसरी बार में उन्होंने सफलता हासिल की. उन्होंने कहा कि असफलता से निराश नहीं होना चाहिए. असफलता के बाद ही सफलता मिलती है. पुष्पा कुल्लू ने महिलाओं से कहा कि वे लोग हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास करें. सफलता जरूरत मिलेगी.
Also Read: Women’s Day 2021 : अधिकारी से लेकर सियासत तक में अपनी पहचान बना रहीं झारखंड के खूंटी की महिलाएंशहरी क्षेत्र के नीचे बाजार निवासी अर्चना मिश्रा ने प्रथम कविता अंग्रेजी में स्कूल में लिखी थी. उस समय अंग्रेजी शिक्षक ने कोई कार्य दिया था. बाद में निरंतर लिखती रही. कई बार अखबारों में अर्चना की लिखी कविताएं और कहानियां प्रकाशित भी हो चुकी हैं. वर्ष 2017 में दिल्ली के पब्लिशर्स द्वारा कविता की पहली किताब दी डस्की ड्रीम्स : सांवले सपने प्रकाशित हुई थी. जिसमें हिंदी और अंग्रेजी दोनों की कविताएं शामिल थी. साहित्य के क्षेत्र में अपना नाम कमाने वाली अर्चना मिश्रा के द्वारा कई पुस्तक लिखने के अलावा कई कविताएं व रचनाएं उसकी कई पुस्तकों में प्रकाशित हुई. एक कवयित्री के रूप में सिमडेगा शहरी क्षेत्र नीचे बाजार की अर्चना मिश्रा ने अपनी पहचान बनायी है. आने वाले दिनों में भी वह कई किताबों पर काम कर रही है.
पुरुषों को पछाड़ कर छात्राएं की सजनी ग्रुप द्वारा संचालित छोटानागपुरी लोक संगीत नृत्य प्रशिक्षण केंद्र, सिमडेगा में नगाड़ा बजाने का प्रशिक्षण ले रही है. प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सभी छात्राएं इंटरनेशनल कार्यक्रम में भी सम्मिलित हुई है. नगाड़ा बजा रही छात्राओं ने गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में झारखंड का प्रतिनिधित्व कर चुकी है. सभी छात्राएं पुरुषों को पछाड़ते हुए झारखंड की संस्कृति को आगे बढ़ा रही हैं.
Posted By : Samir Ranjan.