World Indigenous Day 2022: सिमडेगा जिला अंतर्गत शहरी क्षेत्र के अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में आदिवासी दिवस समारोह के आयोजन को लेकर आदिवासी संस्कृति की भरपूर झलक देखने को मिली. कार्यक्रम का हंसुआ के सहारे दीप प्रज्वलित पाहन की अगुवाई में डीडीसी अरुण वाल्टर संगा, एसपी सौरभ कुमार, पूर्व विधायक विमला प्रधान, पूर्व विधायक बसंत कुमार लोंगा, सरना समिति के हरीशचंद्र भगत सहित अन्य लोगों ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की. इसके बाद स्वागत गान एवं स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया. इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झड़ी लग गई.
जमकर थिरके आदिवासी वेशभूषा पहने कलाकार
मांदर और नगाड़ों की थाप पर आदिवासी परंपरा और वेशभूषा से लबरेज कलाकार थिरकते नजर आए. विभिन्न स्कूल कॉलेज और संस्थानों से युवक-युवती पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा में अत्यंत ही आकर्षक लग रहे थे. अल्बर्ट एक्का स्टेडियम पूरी तरह से आदिवासी संस्कृति के सराबोर हो गया. विभिन्न स्कूल कॉलेज एवं संस्थानों के द्वारा परंपरागत आदिवासी नृत्य और गीत के माध्यम से आदिवासी समाज के लोगों को आदिवासियों को संगठित रखने और आपसी सहयोगात्मक भावना को बढ़ाने का भी संदेश दिया. कार्यक्रम के दौरान आखड़ा में नृत्य गीत प्रस्तुत किया गया. वहीं तीन छोटे-छोटे बच्चे भगवान बिरसा मुंडा, सिद्धू कान्हू और तेलंगा खड़िया के वेश में अत्यंत ही आकर्षक लग रहे थे. यहां पर विभिन्न आदिवासी समुदाय के संस्कृतियों की झलक देखने को मिली.
बिखरे आदिवासी समुदाय को एकजुट होगा होगा
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि उप विकास आयुक्त अरुण वाल्टर संगा ने कहा कि असंगठित समाज का कभी विकास नहीं हो सकता. बिखरे आदिवासी समुदाय को एकजुट होना होगा. तभी समाज का विकास हो सकता है. विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री विमला प्रधान ने समाज को संगठित होने के लिए समाज की कमजोरियों को मानकर उस पर कार्य करने की जरूरत पर जोर दिया.
आदिवासियों के परिचय पर डाला गया प्रकाश
वहीं, अगुस्टीना सोरेंग ने विश्व आदिवासी का परिचय कराते हुए उस पर प्रकाश डाला. इसी दिन आदिवासियों के संस्कृति, परंपरा, देशज ज्ञान, विविधिता, भाषाओं की विभिन्नता के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए संकल्प लेने का दिन है. मुख्य अतिथि एसपी सौरभ कुमार ने समाज को मिली कानून अधिकार से अवगत कराया. एसपी ने कहा कि समाज की जागरुकता के लिए सतत एवं निरंतर कार्य करने की जरूरत है.
संगठित होने पर जोर
विधायक भूषण बाड़ा ने भी आज के ऐतिहासिक दिन पर समाज की कमी को दूर कर संगठित होने पर बल देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला. मौके पर आयोजन समिति के प्रदीप टोप्पो ने घटती आदिवासी जनसंख्या पर चिंता जताते हुए एकजुट होने का संदेश दिया. उक्त कार्यक्रम में पूर्व विधायक बसंत कुमार लोंगा, विपिन डुंगडुंग, अनूप लकड़ा, हरिशचंद्र भगत, फादर एफ्रेम बा, प्यारा मुंडू एवं शंकर महली ने भी अपने विचार व्यक्त किए. मौके पर फरसापानी, बिंधाईनटोली, जोकपानी, गोंङवाना विकास विद्यालय सलडेगा, सेंट मेरीज इंटर कॉलेज सामटोली, गोस्सनर कॉलेज सिमडेगा, सिमडेगा कॉलेज सिमडेगा, गोंडवाना विद्यालय, सिरिंगबेङा के नृत्य दलों ने सांस्कृतिक समां बांधा और आदिवासियों के समृद्ध झलकियां दिखाया.
कार्यक्रम को सफल बनाने इनकी रही भूमिका
कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से विश्व आदिवासी दिवस आयोजन समिति के सरंक्षक पूर्व विधायक बसंत कुमार लोंगा, प्रताप बाङा, अमन खेस्स, रेजिना टोप्पो, असीसन समद, निर्मला खलखो, जगमोहन भोय, दिलीप तिर्की, शीला देवी, आयोजन समिति के अध्यक्ष- प्रदीप टोप्पो, उपाध्यक्ष- आनंद बङाईक, सिमोन बाङा, सचिव- श्याम किशोर प्रधान, कोषाध्यक्ष- रोशन डुंगडुंग एवं मीडिया प्रभारी अगुस्टीना सोरेंग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
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रिपोर्ट : रविकांत साहू, सिमडेगा.