Jharkhand News: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के काशीडीह गांव में गोट बोंगा स्थल पर हर वर्ष की तरह सोमवार को परंपरा के अनुसार गोट बोंगा की पूजा श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुई. नायके बाबा ने मुर्गा का बलि देकर पूजा संपन्न करायी. इस मौके पर काशीडीह गांव के जल, जंगल, जमीन और ग्राम की रक्षा करने के लिए पूजा की गयी. इस मौके पर ग्रामसभा काशीडीह ने माझी बाबा के नेतृत्व में काशीडीह में भारी वाहन चालक प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण किसी भी हालत में नहीं करने देने का संकल्प लिया.
जल, जंगल, जमीन और ग्राम की रक्षा के लिए पूजा
गोट बोंगा पूजा के अवसर पर नायके बाबा ने ग्राम के देवी-देवताओं को अरदास करते हुए काशीडीह गांव के जल, जंगल, जमीन और ग्राम की रक्षा करने के लिए पूजा की. नायके बाबा ने मुर्गा का बलि देकर पूजा संपन्न करायी. इससे बनी भोग सभी ग्रामवासियों ने ग्रहण किया. ग्राम सभा काशीडीह ने इस अवसर पर माझी बाबा के नेतृत्व में काशीडीह में भारी वाहन चालक प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण किसी भी हालात में नहीं करने देने का संकल्प लिया. लोकतांत्रिक तरीके से जन आंदोलन को मुकाम तक पहुंचाने का संकल्प लिया.
गोट बोंगा की पूजा पर संकल्प
काशीडीह के गोट बोंगा स्थल पर हर वर्ष ग्रामवासियों द्वारा गोट बोंगा की पूजा की जा रही है. यह आदिवासी समुदाय का संवैधानिक ही नहीं, बल्कि धार्मिक स्थल भी है, जहां पर बाहरी तत्वों की छेड़छाड़ या किसी भी प्रकार का निर्माण करना आदिवासी धार्मिक आस्था पर हमला माना जाता है. किसी भी स्थिति में ये स्वीकार्य नहीं है.
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ये थे मौजूद
इस अवसर पर काशीडीह ग्राम सभा के माझी बाबा मार्शल सोरेन, नायके बाबा सोबान सोरेन, पैराणिक बाबा बिरधान किस्कू, गोडेत काडु सोरेन,बैंगल सौरन, मंगल मूर्म, जैकब किस्कु, बिनोद मुर्मू, दिनेश सोरेन, सुशील सोरन, सुनील मुर्मू, राजू भकत, मुकेश भकत, प्रह्लाद भकत, बासुदेव भकत आदि पारंपरिक वेशभूषा, औजार एवं ढोल नगाड़े के साथ उपस्थित थे.
रिपोर्ट : मो परवेज, घाटशिला, पूर्वी सिंहभूम