Jharkhand News : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला प्रखंड में स्वास्थ्य सेवा बदहाल है. बड़ी ग्रामीण आबादी इलाज से वंचित है. बाघुडिया पंचायत में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है. यहां की करीब 10 हजार की आबादी बेहाल है. गुड़ाझोर-केशरपुर स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तीन दिनों से ताला लटका है. मरीज बिना इलाज के लौट रहे हैं. गर्भवती महिला समेत एक दर्जन मरीज बिना इलाज के लौट गये.
एंबुलेंस से ले जाया गया घाटशिला अनुमंडल अस्पताल
सुबह पहाड़ पर बसे मिर्गीटांड़ निवासी रेवती किस्कू (आठ माह की गर्भवती) अपनी बेटी के साथ अस्पताल पहुंची. वह चार माह की गर्भवती है. सात अप्रैल, 2022 को पति कालीदास किस्कू की बीमारी से मौत हो गयी. वह गांव से पैदल निकली, तो एक ग्रामीण ने बाइक से केशरपुर अस्पताल पहुंचा दिया. अस्पताल बंद रहने से वह केशरपुर-गुड़ाझोर सबर बस्ती में वृक्ष के नीचे बैठ गयी. बस्ती के कान्हु सबर ने खटिया दिया. वह लेट गयी. ग्रामीणों ने इसकी सूचना चिकित्सा प्रभारी डॉ शंकर टुडू को दी. उसे एंबुलेंस से घाटशिला अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया.
सीएचओ छुट्टी पर, एएनएम का स्थानांतरण हो गया
केशरपुर-गुड़ाझोर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की सीएचओ (सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी) हीरामुनी मुर्मू छुट्टी पर हैं. यहां पदस्थापित एएनएम बेला सरकार का स्थानांतरण झाटीझरना पीएचसी में कर दिया गया है. इस कारण दिन तीनों से सेंटर बंद है.
लाठी टेकते पहुंचीं वृद्धा बिना इलाज के लौटी
केशरपुर की बीमार वृद्धा डोमनी हेंब्रम लाठी टेकते हुए पहुंची थीं, लेकिन इलाज नहीं हुआ. चाड़री, पहाड़पुर, गुड़ाझोर, डुमकाकोचा, मिर्गीटांड़ आदि गांवों से मरीज पहुंचे थे. मुखिया प्रतिनिधि सुनील सिंह, झामुमो नेता सोनाराम सोरेन ने बताया कि एएनएम बेला सरकार 24 घंटे यहां रहती थी.
रिपोर्ट: मो परवेज, गालूडीह, घाटशिला, पूर्वी सिंहभूम