Jharkhand Naxal News : एक करोड़ का इनामी नक्सली नेता असीम मंडल उर्फ आकाश उर्फ राकेश उर्फ तिमिर कई वर्षों से झारखंड पुलिस को चकमा देता आ रहा है. गुरुवार की रात कुचाई के बीहड़ों में एक करोड़ का इनामी अनल दा घेरा गया था. वहीं, झारखंड-बंगाल सीमावर्ती इलाकों में वर्षों से नक्सलवाद को बढ़ावा दे रहा नक्सली असीम मंडल का वर्षों से अता-पता नहीं है. वह 2006 से 2018 तक झारखंड-बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय रहा. इस दौरान कई घटनाओं को अंजाम दिया. बंगाल के जामबनी के बीहड़ में 24 नवंबर 2010 को सीपीआइ माओवादी के पोलित ब्यूरो कोटेश्वर राव उर्फ किशन जी मुठभेड़ में मारा गया. इसके बाद असीम मंडल को सेकेंड लाइन का नेता चुना गया. वह बंगाल स्टेट कमेटी का सचिव था. बाद में कद बढ़ा और सेंट्रल कमेटी में शामिल हुआ.
एमजीएम थाना क्षेत्र के डालापानी के पास डालाझरना पहाड़ पर अंतिम बार सीआरपीएफ के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ वर्ष 2018 में बरसात के समय हुई थी. तब असीम मंडल मुठभेड़ में शामिल था. तब खबर आयी थी कि भागते समय वह पहाड़ पर गिरा था. उसके पांव में चोट लगी थी. इसके बाद से वह बीहड़ों में है. उसके साथ नक्सली सचिव, मदन महतो, मीता, सागर सिंह, बेला सरकार, प्रकाश महतो, बुलू, प्रदीप मंडल आदि हैं. कोई अब गांव में नहीं घुसता है. मोबाइल का प्रयोग संगठन के सदस्यों के बाहर किसी से नहीं करते. इसके कारण नक्सलियों का सही पता नहीं चल पाता है.
15 फरवरी 2017 को गुड़ाबांदा के कान्हू मुंडा समेत छह नक्सलियों ने हथियार के साथ पूर्व एसएसपी अनूप टी मैथ्यू के पास सरेंडर किया था. इसके बाद कोई नक्सली जिले में सरेंडर नहीं किया. इसके पूर्व रंजीत पाल उर्फ राहुल, उसकी पत्नी झरना कोलकाता पुलिस मुख्यालय में 25 जनवरी 2017 को सरेंडर किया था.
पूर्वी सिंहभूम के एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि कान्हू मुंडा व अन्य के सरेंडर से जिला में नक्सलवाद पर पूर्णत: अंकुश लगा है. असीम मंडल के साथ कुछ नक्सली बीहड़ों इधर-उधर भटकते हैं. नक्सलियों से अपील है कि सरेंडर कर मुख्यधारा से जुड़ें, अन्यथा मारे जायेंगे.
रिपोर्ट : मो परवेज, घाटशिला, पूर्वी सिंहभूम