चाकुलिया (पूर्वी सिंहभूम), राकेश सिंह : पूर्वी सिंहभूम जिला डेंगू की चपेट में है. इसका केंद्र चाकुलिया बन गया है. पिछले 15 दिनों चाकुलिया में डेंगू से दो महिलाओं की मौत हुई है. वहीं, सैकड़ों लोग बीमार हैं. जिले में डेंगू फैलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली है. इसकी रोकथाम को लेकर जमशेदपुर से एक टीम चाकुलिया पहुंची. यहां नगर पंचायत कार्यालय में बैठक की. इसमें निर्णय हुआ कि घर-घर जाकर जांच होगी. जिनके घर में डेंगू फैलाने वाला एडिस मच्छर का लार्वा मिला, उनपर जुर्माना लगाया जायेगा. वहीं अन्य कार्रवाई हो सकती है. जिला मलेरिया इंस्पेक्टर श्रवण कुमार और आइडीएसपी डॉ असद ने कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए अब सख्ती बरतने का समय है. जागरूकता कार्यक्रम पहले चलाया जा चुका है, अब कार्रवाई होगी.
तीन टीमें बनायी गयीं, एक-एक घर में जाकर करेगी निरीक्षण
टीम ने तय किया कि पांच-पांच लोगों की तीन टीम बनायी जाएगी. प्रत्येक टीम में स्वास्थ्य विभाग से दो और नगर पंचायत विभाग से तीन लोग रहेंगे. ये घर-घर जाकर जांच करेंगे. घर के आसपास बर्तन, टायर व अन्य सामग्रियों में पानी जमा मिला, तो हटाया जायेगा. टीम में शामिल पदाधिकारियों ने कहा कि यह कार्य पहले किया जा चुका है. दुबारा जिनके घर में घर वालों की गलती से मच्छर का लार्वा मिला, उन पर जुर्माना लगाया जायेगा.
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निजी लैब को सलाह- किट से जांच न करें
पदाधिकारियों ने चाकुलिया मिस्त्रीपाड़ा स्थित ग्रीन डॉट लैब का निरीक्षण किया. लैब कर्मियों को निर्देश दिया कि किट से जांच न करें. मरीजों को चाकुलिया सीएचसी जाकर एलाइजा जांच कराने की सलाह दें. सभी निजी लैब के बाहर एलाइजा जांच के लिए सीएचसी जाने की सलाह वाला बोर्ड लगाएं.
मच्छरदानी लगाएं व पूरा बदन को ढंकने वाले कपड़े पहनें
स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि डेंगू के मच्छर सुबह और शाम को ज्यादा काटते हैं. ऐसे में बदन को पूरी तरह से ढंकने वाले कपड़े पहनें. रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें. बीमार हैं, तो मच्छरदानी के भीतर रहकर आराम करें.
डेंगू मच्छर का जीवन चक्र तोड़ने के लिए हर सप्ताह 10 मिनट समय दें
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बताया कि डेंगू फैलाने वाले एडिस मच्छर साफ पानी में पनपते हैं. अंडे से वयस्क मच्छर बनने में सात दिनों का समय लगता है. उनके जीवन चक्र की चेन तोड़ देने से बीमारी पर रोक लग जायेगी. लोगों से आग्रह किया कि हर सप्ताह 10 मिनट का समय निकालें. घर के आसपास जमा पानी को हटाएं. बर्तन को भी साफ करें. घर में पानी ढंक कर रखें.
15 दिनों में दो मौत से डर गये हैं चाकुलिया के लोग
चाकुलिया में 15 दिनों में दो महिलाओं की मौत से लोग डरे हुए हैं. पहली मौत नौ अगस्त को सरदारपाड़ा की लता खिलाड़ी की झाड़ग्राम अस्पताल में हुई. वहीं, 24 अगस्त की रात भुवनेश्वर में चाकुलिया गौड़पाड़ा निवासी राधा रमन पोलाई की पत्नी मंदाकिनी पोलाई की मौत भुवनेश्वर के अस्पताल में हुई. प्लेटलेट्स की संख्या कम होने से दोनों की मौत हुई.
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मुसाबनी में डेंगू के पांच मरीज मिले, दहशत
पूर्वी सिंहभूम के मुसाबनी व आस-पास के क्षेत्र में डेंगू के मामले मिलने लगे हैं. मुसाबनी नंबर एक स्थित डॉक्टर जीसी सतपति के नर्सिंग होम में जांच में पांच लोग डेंगू पॉजीटिव पाये गये. डॉक्टर सतपति के अनुसार रक्त की जांच में A1 पॉजिटिव व आइजीएम पॉजिटिव पाया गया है. धोबोनी पंचायत के मुखिया रामचंद्र मुर्मू तीन दिनों से बीमार हैं. उनका इलाज नर्सिंग होम में चल रहा है. डॉक्टर सतपति के अनुसार जांच में श्री मुर्मू के रक्त के नमूने में A1 पॉजिटिव व आईजीएम पॉजिटिव पाया गया है. इसके साथ डुमरिया प्रखंड के मनदा गांव की माइनो मुर्मू, पत्थरगोड़ा के जगमोहन, देवली गांव के निर्मल पाल , मुसाबनी नंबर 3 के रुक्मिणी देवी के रक्त के नमूने की जांच में डेंगू पाया गया है. माइनो मुर्मू का इलाज डॉ सतपति के नर्सिंग होम में चल रहा है. जगमोहन, निर्मला पाल व रुक्मिणी देवी नर्सिंग होम में इलाज करा घर चले गये हैं. डॉक्टर सतपति के अनुसार, मरीजों की सूचना सिविल सर्जन को दी गयी है.
चाकुलिया : 250 सैंपल भेजे गये, 93 की रिपोर्ट मिली
चाकुलिया सीएचसी के मुताबिक, तीन अगस्त से अबतक लगभग 250 संदिग्ध मरीजों का रक्त सैंपल एलाइजा जांच के लिए जमशेदपुर भेजा गया. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के मुताबिक अबतक 93 लोगों की जांच रिपोर्ट आयी है. इनमें 42 संक्रमित मिले हैं.
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जिले में 2293 की जांच हुई 301 संक्रमित
जिले में डेंगू के लक्षण वाले 2293 लोगों की एलाइजा जांच हुई है. इनमें 301 संक्रमित मिले हैं. 25 अगस्त को 109 लोगों की एलाइजा जांच हुई. इनमें 10 संक्रमित पाये गये हैं.
‘चाकुलिया की महिला की एलाइजा जांच नहीं हुई थी’
जिला सर्विलेंस विभाग की टीम शनिवार को चाकुलिया में डेंगू के कारणों का पता लगाने पहुंची. डेंगू से मृत महिला के घर पहुंचकर जांच की. पता चला कि किट से जांच में महिला में डेंगू की पुष्टि हुई थी. उसकी एलाइजा जांच नहीं हुई थी. एलाइजा जांच में डेंगू की पुष्टि होने पर सरकार मानती है.
चाकुलिया नपं में डेंगू का कहर सबसे अधिक
डेंगू का कहर सबसे अधिक चाकुलिया नगर पंचायत क्षेत्र में है. वहीं, सरडीहा पंचायत का पाकुड़िया और बेंद पंचायत के जगन्नाथपुर में भी मरीज मिले हैं. कइयों का इलाज चाकुलिया स्थित निजी क्लीनिक में चल रहा है. कुछ बंगाल स्थित चिल्कीगढ़ व झाड़ग्राम अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे हैं.
चाकुलिया सीएचसी में जांच व इलाज की व्यवस्था नहीं
डेंगू फैलने से चाकुलिया के लोग दहशत में हैं. बुखार व डेंगू के लक्षण दिखते ही इलाज के लिए भटक रहे हैं. चाकुलिया सीएचसी में डेंगू के लिए एलाइजा टेस्ट व प्लेटलेट्स की जांच की व्यवस्था नहीं है. वहीं डेंगू मरीजों के इलाज की व्यवस्था भी नहीं है. लोग निजी क्लीनिक में इलाज करवा रहे हैं. खुले बाजारों में रैपिड टेस्ट किट खरीदकर जांच करवा रहे हैं.
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100-150 रुपये के जांच किट 500-600 में बिक रहे
जिला स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी के मुताबिक, जिस किट की कीमत बाजार में 100 से 150 रुपये है. उस किट के माध्यम से जांच के नाम पर मरीजों से 500 से 600 तक लिये जा रहे हैं. यह हाल सिर्फ चाकुलिया ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वी सिंहभूम जिले की है. स्वास्थ्य विभाग उक्त किट जांच को मान नहीं रहा है.
एमजीएम के बजाय बंगाल जाना पसंद कर रहे मरीज
डेंगू मरीजों में प्लेटलेट्स की संख्या का कम होना चिंताजनक है. अधिकतर मरीज झाड़ग्राम अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. पूर्वी सिंहभूम के एमजीएम अस्पताल के बजाय लोग बंगाल में इलाज करना उचित समझ रहे हैं. झाड़ग्राम अस्पताल में दूसरे राज्य के मरीजों का भी अच्छे से इलाज हो रहा है.
डेंगू के लक्षण हैं, तो जांच से पहले इलाज शुरू करें
पदाधिकारियों ने बताया कि डेंगू का इलाज के लिए जांच में पॉजिटिव होना आवश्यक नहीं है. डेंगू के लक्षण मिलते ही इलाज शुरू कर देना चाहिए. लोगों से आग्रह किया कि डेंगू के लक्षण मिलने पर सीधे चाकुलिया सीएचसी पहुंचे. एलाइजा जांच ही डेंगू की मुकम्मल जांच है. जिला स्वास्थ्य विभाग जांच व इलाज में पूरी तरह से सक्षम है.
पपीता के पत्तों का रस और कीवी फल है लाभदायक
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजीत मुर्मू ने बताया कि अस्पतालों में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिए रक्त की तरह प्लेटलेट्स चढ़ाया जाता है. इसके अलावा पपीता के पत्तों का रस, बकरी का दूध व कीवी फल खाने से भी प्लेटलेट्स की संख्या में वृद्धि होती है.
डेंगू से बचाव के महत्वपूर्ण उपाय
क्या करें
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डेंगू/चिकनगुनिया फैलाने वाले एडिस मच्छर साफ पानी में पनपते हैं. इसलिए पानी के बर्तनों, पानी की टंकी आदि को ढक कर रखें. आसपास सफाई रखें.
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मच्छरदानी के अंदर ही सोयें.
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पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें.
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डेंगू/चिकनगुनिया बुखार के उपचार के लिए कोई विशेष दवा नहीं है, लक्षण दिखे तो चिकित्सक से संपर्क करें.
क्या नहीं करें
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घर के आस-पास या छत पर प्रयोग में न आने वाले बर्तन, टायर आदि न रखें. घर में कूलर बाल्टी, फूलदान, फ्रिज ट्रे में पानी जमा नहीं होने दें.
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मच्छरों से बचाव के लिए घर की खिड़की तथा दरवाजे पर जाली लगवायें.
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टूटे हुए बर्तन, प्रयोग में नहीं आने वाली बोतलें, टिन, बेकार के टायरों को जमा न रखें, बारिश में इनमें पानी जमा होता है, जिसमें एडिस मच्छर पनपते हैं.
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तेज बुखार, जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द व आंख के पीछे के दर्द को अनदेखा न करें, यह डेंगू/चिकनगुनिया हो सकता है. लक्षण दिखे, तो चिकित्सक से संपर्क करें.
डेंगू व वायरल फीवर के लक्षण एक जैसे : डॉ असद
जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ असद ने बताया कि इस समय वायरल फीवर तेजी से फैला है. डेंगू व वायरल फीवर के लक्षण एक से हैं. चाकुलिया में अगर कोई फीवर का मरीज आता है, तो उसका नमूना लेकर डेंगू जांच के लिए भेजा जा रहा है. वहां डेंगू के संदिग्ध मरीजों की संख्या अधिक है. चाकुलिया से कुल 490 संदिग्ध मरीज का नमूना जांच के लिए जिला में भेजा गया. इसमें 151 डेंगू की जांच बाकी है. 339 की जांच हो चुकी है.
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डेंगू से बचाव के लिए लोगोें के बीच जागरूकता जरूरी : डॉ रंजीत मुर्मू
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजीत मुर्मू ने कहा कि डेंगू से बचाव के लिए जनभागीदारी जरूरी है. उन्होंने लोगों से डेंगू को लेकर जागरूक रहने और सभी एहतियाती कदम उठाने की अपील की.
एलाइजा टेस्ट से सही रिपोर्ट मिलती है : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन जुझार मांझी ने बताया कि रैपिड टेस्ट किट वायरल बीमारी होने पर भी पॉजिटिव दर्शाती है. एलाइजा टेस्ट के बाद ही डेंगू की सत्यता का पता चल सकता है. चाकुलिया समेत ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर लोग रैपिड टेस्ट किट से जांच करा रहे हैं, हालांकि इसकी रिपोर्ट विभाग नहीं मान रहा है.
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