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स्थायीकरण की मांग को लेकर चाईबासा से अनुबंध सहायक पुलिस कर्मी पैदल निकले रांची, पुलिस ने खूंटपानी में रोका

Jharkhand news, Chakradharpur news : राजभवन घेराव एवं धरना प्रदर्शन के लिए चाईबासा पुलिस लाइन से सैकड़ों अनुबंध सहायक पुलिस कर्मी स्थायीकरण की मांग को लेकर पैदल ही रांची के लिए निकल पड़े. पुलिस लाइन से पैदल चलते हुए करीब 15 किलोमीटर रांची- चाईबासा मुख्य मार्ग एनएच-75 (ई) के खूंटपानी गांव पहुंचते ही सदर डीएसपी अमर पांडे समेत चाईबासा पुलिस टीम दल- बल के साथ खूंटपानी गांव पहुंचे और पैदल जाने वाले सहायक पुलिस कर्मियों को रोका. डीएसपी श्री पांडे ने सहायक पुलिस कर्मियों से करीब 3 घंटे तक बातचीत की. मौखिक आश्वासन पर दोपहर एक बजे समझा-बुझाकर उन्हें वापस चाईबासा पुलिस लाइन बसों से भेज दिया गया.

Jharkhand news, Chakradharpur news : चक्रधरपुर (पश्चिमी सिंहभूम) : राजभवन घेराव एवं धरना प्रदर्शन के लिए चाईबासा पुलिस लाइन से सैकड़ों अनुबंध सहायक पुलिस कर्मी स्थायीकरण की मांग को लेकर पैदल ही रांची के लिए निकल पड़े. पुलिस लाइन से पैदल चलते हुए करीब 15 किलोमीटर रांची- चाईबासा मुख्य मार्ग एनएच-75 (ई) के खूंटपानी गांव पहुंचते ही सदर डीएसपी अमर पांडे समेत चाईबासा पुलिस टीम दल- बल के साथ खूंटपानी गांव पहुंचे और पैदल जाने वाले सहायक पुलिस कर्मियों को रोका. डीएसपी श्री पांडे ने सहायक पुलिस कर्मियों से करीब 3 घंटे तक बातचीत की. मौखिक आश्वासन पर दोपहर एक बजे समझा-बुझाकर उन्हें वापस चाईबासा पुलिस लाइन बसों से भेज दिया गया.

अपनी मांगों को लेकर पुलिस लाइन से अहले सुबह 5 बजे बसों में सवार होकर करीब 200 से अधिक सहायक पुलिस कर्मी राजभवन घेराव करने एवं धरना प्रदर्शन के लिए रांची जा रहे थे. इस दौरान चाईबासा पुलिस टीम ने सभी सहायक पुलिस कर्मियों को चाईबासा में ही रोक दिया. जैसे ही जिला पुलिस टीम ने सहायक पुलिस कर्मियों को रोका सभी सहायक पुलिसकर्मी पैदल ही रांची के लिए रवाना हो गये. जिसमें महिला सहायक पुलिस कर्मी भी मौजूद थीं.

भूखे-प्यासे पैदल चलते- चलते सहायक पुलिस कर्मी खूंटपानी गांव पहुंचे. यहां उन्हें दोबारा रोक दिया गया. पैदल धरना प्रदर्शन में जाने की खबर से जगह-जगह जिला पुलिस टीम को तैनात किया गया था. खूंटपानी में रोकने के बाद डीएसपी अमर पांडे ने काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन सहायक पुलिस कर्मियों ने स्थायीकरण की मांग पर अड़े रहे.

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इस दौरान सहायक पुलिस कर्मियों ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में काफी संख्या में सहायक पुलिस आरक्षी की नियुक्ति की गयी है. सभी को मासिक 10 हजार रुपये मानदेय मिलता है. सरकार ने आश्वासन दिया था कि 3 साल की सेवा पूरी होने के बाद सभी को झारखंड पुलिस के आरक्षी पदों पर सीधी नियुक्ति की जायेगी. 3 साल बीत जाने के बाद भी विभाग का रवैया काफी उदासीन है.

उन्होंने कहा कि जिले की कैबिनेट मंत्री जोबा मांझी, सांसद गीता कोड़ा, चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव, चाईबासा विधायक दीपक बिरूआ, विधायक निरल पूर्ति, विधायक सोनाराम सिंकु आदि को मांग पत्र भी सौंपा गया था, लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई. मौके पर चक्रधरपुर थाना प्रभारी प्रवीण कुमार समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी समेत अन्य जवान मौजूद थे.

Posted By : Samir Ranjan.

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