Durga Puja 2020 : चाईबासा (अभिषेक पीयूष) : कोरोना महामारी के कारण दुर्गा पूजा पर होने वाला कारोबार प्रभावित हुआ है. प्रत्येक वर्ष के मुकाबले इस साल पश्चिमी सिंहभूम में कोरोना के कारण कपड़ा व्यवसाय पर 30 से 40 फीसदी तक असर पड़ा है तो, वहीं जूता-चप्पल के कारोबारियों को भी इसकी भारी मार झेलनी पड़ी है. ऐसे में जूता-चप्पल के व्यवसायियों को भी 65 से 70 फीसदी तक घाटा सहना पड़ा है. पूजा पर 20 करोड़ से अधिक का कारोबार करने वाला कपड़ा बाजार इस बार 4 करोड़ पर ही सिमट कर रह गया.
हर वर्ष जहां दुर्गा पूजा के दौरान कपड़ा समेत जूता-चप्पल आदि को मिलाकर पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा व चक्रधरपुर शहरी क्षेत्र के बाजारों में तकरीबन 20 से 22 करोड़ तक का कारोबार होता था, वहीं इस वर्ष कोरोना ने इसका रंग पूरी तरह फीका कर दिया. ऐसे में कारोबारी बमुश्किल जिले में 3 से 4 करोड़ रुपये तक का ही कपड़ा समेत जूता-चप्पल का व्यवसाय कर पाये. कपड़ों के थोक व्यवसायियों को भी कोरोना की मार झेलनी पड़ी.
दुर्गा पूजा के दौरान प्रत्येक वर्ष पश्चिमी सिंहभूम जिले में तकरीबन 10 से 12 करोड़ रुपये के कपड़ा समेत जूता-चप्पल आदि का थोक व्यवसाय करने वाले कारोबारियों को भी इस साल कोरोना की मार झेलनी पड़ी. पश्चिमी सिंहभूम में कपड़ा का व्यवसाय करने वाले थोक विक्रेताओं की मानें तो, कोरोना की वजह से पिछले माह में लॉकडाउन होने की वजह से व्यवसायी बकाया पेमेंट तक का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं. जिस कारण पूर्व के बकाया कलेक्शन पर भी भारी असर पड़ा है.
लॉकडाउन के पूर्व जिन व्यसायियों के द्वारा 50 फीसदी तक बकाया भुगतान करने का वादा किया गया था. उनके द्वारा भी बमुश्किल 10 फीसदी तक राशि का भुगतान ही जैसे-तैसे किया गया है. ऐसे में दुर्गा पूजा के दौरान स्थानीय दुकानदारों के फेस वैल्यू को देखते हुए थोक विक्रेताओं के द्वारा इस बार सामान की सप्लाई की गयी है. पश्चिमी सिंहभूम जिले में कोरोना की वजह से प्रत्येक वर्ष के मुकाबलें इस वर्ष जूता-चप्पल का बाजार भी दुर्गा पूजा के दौरान मात्र एक करोड़ पर आकर सिमट गया. दरअसल पश्चिमी सिंहभूम जिले में जूता-चप्पल के बड़े-छोटे कुल मिलाकर 500 से अधिक दुकानें हैं. ऐसे में प्रत्येक वर्ष दुर्गा पूजा के मद्देनजर तकरीबन 5 करोड़ तक का कारोबार जिले में होता था, लेकिन इस साल 25 फीसदी ही बाजार रहा.
उमंग कलेक्शन के राजकुमार ओझा कहते हैं कि दुर्गा पूजा के दौरान 18 से 20 लाख की बिक्री करता था. इस साल बमुश्किल 6 से 7 लाख तक की ही बिक्री हुई है. देखा जाये तो, कोरोना काल की वजह से दुर्गा पूजा का बाजार 55 से 60 प्रतिशत तक घाटे में रहा है. एमएस शोपी के शैलेश कुमार कहते हैं कि प्रत्येक साल के दुर्गा पूजा के मुकाबले 50 फीसदी तक बाजार रहा. प्रत्येक साल जहां 20 लाख तक का सेल पूजा में होता था. इस बार 8 से 10 लाख तक की ही बिक्री हुई.
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पसंद रेडीमेट के अजय गुप्ता कहते हैं कि इस वर्ष दुर्गा पूजा में 30 प्रतिशत तक बाजार हुआ. बेहतर कुछ नहीं था. बाजार से रौनक गायब थी, केवल लॉकडाउन व अनलॉक के त्योहारों के बाद बाजार में थोड़ी बहुत चहल-पहल थी. 40 के मुकाबले 10 लाख की बिक्री हुई. नीलम शू के रघुनंदन पिरोजीवाला कहते हैं कि दुर्गा पूजा में प्रत्येक वर्ष के मुकाबले इस बार बाजार पूरी तरह फीका रहा. ऐसे में कुल मिलाकर 30 फीसदी तक के ही सामान की बिक्री हुई. जमशेदपुर के थोक विक्रेता पंकज शर्मा कहते हैं कि बाजार में कलेक्शन पर भारी फर्क पड़ा है. व्यपारियों को केवल फेस वैल्यू पर सामान दिया गया. हर साल 16 से 20 लाख की सप्लाई करने की जगह इस बार मुश्किल से 5 लाख तक के सामान की खपत हो पायी.
Posted By : Guru Swarup Mishra