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कोरोना काल में जिले में हेल्थ इक्विप्मेंट व सामानों की खरीद में फर्जीवाड़ा, जानें चाईबासा सदर हॉस्पिटल में किसने की करोड़ों की सप्लाई

Jharkhand news, Chiabasa news : कोरोना काल में पश्चिमी सिंहभूंम जिले में हो रहे विभिन्न स्वास्थ्य उपकरणों एवं सामाग्रियों (Health Equipments & Materials) की खरीद में फर्जीवाड़ा को लेकर जहां एक ओर जिले के डीसी अरवा राजकमल ने जांच के निर्देश दे दिये हैं. वहीं, जिला स्वास्थ्य विभाग (District Health Department) में सदर अस्पताल चाईबासा में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत अनुबंध पर पदस्थापित डीपीएम यूनिट (DPM Unit) के जिला लेखा प्रबंधक (District Accounts Manager) नीरज कुमार यादव ने अपने रिश्तेदारों के नाम से रजिस्टर्ड दो अलग-अलग फर्म से करीब डेढ़ करोड़ से अधिक मूल्य की विभिन्न सामाग्रियों की खरीद कर डाली है. ऐसे में एक अनुबंधर्की के रिश्तेदारों के द्वारा करोड़ों रुपये की सामाग्री सप्लाई करने की सूचना ने जिले के आला अधिकारियों के कान खड़े कर दिये हैं.

Jharkhand news, Chiabasa news : चाईबासा (अभिषेक पीयूष) : कोरोना काल में पश्चिमी सिंहभूम जिले में हो रहे विभिन्न स्वास्थ्य उपकरणों एवं सामाग्रियों (Health Equipments & Materials) की खरीद में फर्जीवाड़ा को लेकर जहां एक ओर जिले के डीसी अरवा राजकमल ने जांच के निर्देश दे दिये हैं. वहीं, जिला स्वास्थ्य विभाग (District Health Department) में सदर अस्पताल चाईबासा में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत अनुबंध पर पदस्थापित डीपीएम यूनिट (DPM Unit) के जिला लेखा प्रबंधक (District Accounts Manager) नीरज कुमार यादव ने अपने रिश्तेदारों के नाम से रजिस्टर्ड दो अलग-अलग फर्म से करीब डेढ़ करोड़ से अधिक मूल्य की विभिन्न सामाग्रियों की खरीद कर डाली है. ऐसे में एक अनुबंधर्की के रिश्तेदारों के द्वारा करोड़ों रुपये की सामाग्री सप्लाई करने की सूचना ने जिले के आला अधिकारियों के कान खड़े कर दिये हैं.

दरअसल, पश्चिमी सिंहभूम जिले में कोरोना काल में पीपीई किट (PPE Kit) की खरीद में फर्जीवाड़ा का आरोपी डीपीएम नीरज कुमार यादव ने अपने रिश्तेदार के एक फर्म आरुषि एंटरप्राइजेज (M/S Aarushi Enterprises) से लगभग 81,46,471 रुपये के स्वास्थ्य उपकरणों एवं सामग्रियों की खरीद की है. इतना ही नहीं, अपने एक अन्य रिश्तेदार के फर्म से भी डीपीएम नीरज यादव ने तकरीबन 53,35,968 रुपये के स्वास्थ्य उपकरण एवं सामग्रियों की खरीद की है. उक्त दोनों फर्म के सप्लायर रांची के एक ही पते पर रजिस्टर्ड है.

डीपीएम के करीबी रिश्तेदार दोनों फर्म के ऑनर

आरुषि एंटरप्राइजेज एवं एम/एस अमन एंटरप्राइजेज (Aman Enterprises) उक्त दोनों फर्म अलग- अलग जीएसटी नंबर से रांची के कडरू स्थित एक ही पते पर उपकार नगर, डीएवी कपिलदेव स्कूल के समीप के है. एम/एस अमन एंटरप्राइजेज का जीएसटी नंबर 20एचवीसीपीके5243आर1जेड9 से रजिस्टर्ड है. जबकि, आरुषि एंटरप्राइजेज जीएसटी नंबर 20सीडबलूटीपीके0689एन1जेडवी से रजिस्टर्ड है. आरुषि एंटरप्राइजेज फर्म 6 मार्च, 2018 को रजिस्टर हुआ है. वहीं, इसके एक साल बाद 18 मार्च, 2019 को एम/एस अमन एंटरप्राइजेज फर्म रजिस्टर्ड हुआ है. सूत्रों की मानें, तो इसमें आरुषि एंटरप्राइजेज फर्म की ऑनर सुनीता कुमारी सदर अस्पताल के डीपीएम नीरज यादव की पत्नी है, जबकि एम/एस अमन एंटरप्राइजेज फर्म के ऑनर मुन्ना कुमार डीपीएम नीरज यादव के छोटे भाई बताये जा रहे हैं.

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फर्म के बैंक अकाउंट डिटेल में रजिस्टर्ड हैं डीपीएम का नंबर

रांची के कडरू स्थित डीएवी कपिलदेव स्कूल के समीप उपकार नगर के सप्लायर फर्म आरूषि एंटरप्राइजेज के बैंक अकाउंट नंबर 496620770000401 में जो मोबाइल नंबर 9162802048 अंकित है, उक्त नंबर ट्रूकॉलर एप्लीकेशन में परशुराम यादव के नाम से शो कर रहा है. सूत्रों के अनुसार परशुराम यादव सदर अस्पताल के डीपीएम नीरज यादव के ही रिश्तेदार हैं. वहीं, सामान्य पते पर प्रोपराइटर मुन्ना कुमार के डीएवी कपिलदेव स्कूल के समीप उपकार नगर के सप्लायर फर्म अमन एंटरप्राइजेज के संबंधित बैंक एकाउंट नंबर 459820110000609 में जो मोबाइल नंबर 9608176475 अंकित है उक्त मोबाइल नंबर ट्रूकॉलर एप्लीकेशन में डीपीएम नीरज यादव का बता रहा है.

कोरोना काल में आरूषि से 27,62,240 एवं अमन से 19,50,942 की खरीदारी

कोरोना काल में रांची की कंपनी आरूषि एंटरप्राइजेज के द्वारा चाईबासा स्थित सदर अस्पताल में कुल 27 लाख 62 हजार 240 रुपये के स्वास्थ्य उपकरण एवं सामाग्रियों की सप्लाई की गयी है. इसके एवज में सदर अस्पताल के पीएफएमएस मद से सप्लायर को विगत 31 अगस्त, 2020 को कुल 10 लाख 50 हजार, विगत 4 जुलाई, 2020 को 6 लाख 14 हजार 640 एवं विगत 29 मई, 2020 को 10 लाख 97 हजार 600 रुपये का भुगतान किया गया है. इसके अलावा रांची के ही एक अन्य फर्म अमन एंटरप्राइजेज के द्वारा कोरोना काल में चाईबासा के सदर अस्पताल में कुल 19 लाख 50 हजार 942 रुपये की सामाग्री की आपूर्ति की गयी है. जिसके बदले अस्पताल के पीएफएमएस मद से सीधे सप्लायर को भुगतान हुआ है. इसमें विगत 1 अक्तूबर 2020 को 1,36,500, 4 सितंबर 2020 को 1 लाख 8 हजार, 2 सितंबर 2020 को 3 लाख 10 हजार 700, 8 जुलाई 2020 को 1 लाख 96 हजार 67, 4 जुलाई 2020 को 1 लाख 28 हजार 500, 1 जून 2020 को 1 लाख 48 हजार 500, 20 मई 2020 को 3 लाख 71 हजार 325 एवं 14 अप्रैल 2020 को 1 लाख 48 हजार 500 रुपये का भुगतान पीएफएमएस मद से हुआ है.

फर्म के अकाउंट से भी किसी न किसी यादव के खाते में ही भेजी गयी राशि

डीपीएम के रिश्तेदार के बताये जा रहे उक्त दोनों फर्म से अधिकांश राशि किसी न किसी यादव के खाते में ही ट्रांसफर की गयी है. इसमें मुन्ना कुमार यादव, परशुराम राजा यादव, धीरज कुमार यादव, उमाशंकर हीरालाल यादव, सुरेंद्र हीरालाल यादव आदि प्रमुख है. इसमें ज्यादातर राशि भी सिविल सर्जन के कार्यालय से रिलीज किये जाने के 2 से 3 दिन के भीतर किसी न किसी यादव के खाते में हस्तांतरित कर दी गयी है जो कि जांच का विषय है. इसमें पीपीई किट सप्लाई की बात करें, तो 31 अगस्त, 2020 को पीपीई किट के भुगतान के तौर पर 10.50 लाख रुपये सदर अस्पताल से आरूषि एंटरप्राइजेज को ट्रांसफर किया गया. इसके एक दिन बाद परशुराम राजा यादव के एकाउंट में 9 लाख की भारी रकम आरूषि एंटरप्राइजेज से ट्रांसफर कर दी गयी.

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दोषियों पर जल्द होगी कार्रवाई : डीसी

इस संबंध में डीसी अरवा राजकमल ने कहा कि इस पूरे मामले में यह देखा जायेगा कि उक्त दोनों फर्म से सरकारी मद से कितना भुगतान किया गया है और मामले में किस-किस की संलिप्ता है. पीपीई किट मामले में गड़बड़ी की खबर छपने पर जांच बैठायी गयी है. सही मामला उजागर किये हैं. इसपर जांच टीम का गठन करते हुए मामले में दोषी पर जल्द से जल्द एफआईआर करते हुए जेल भेजा जायेगा और साथ ही नौकरी भी जायेगी.

डीपीएम को जिला से हटाने की अनुशंसा हुई है : जिला स्वास्थ्य विभाग

जिला स्वास्थ्य विभाग के नोडल पदाधिकारी एजाज अनवर ने कहा कि डीसी सर पेपर कटिंग भेजकर कोविड की खरीद में हुई गड़बडड़ी की जांच का निर्देश दिये हैं. डीपीएम को जिला से हटाने की अनुशंसा भी कर दी गयी है. कोरोना काल का दोषी किसी भी कीमत में नहीं बच पायेगा. शिकायत शुरू से थी, लेकिन हर बार कुछ न कुछ करके बच निकलता था. इस बार नौकरी तो जायेगी. दोषी पायें जाने पर जेल भी भेजा जायेगा. फिजिक्ल जांच एसडीओ करेंगे.

Posted By : Samir Ranjan.

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