Jharkhand News : झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में नहर निर्माण में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. 52 करोड़ रुपये की लागत से नहर का निर्माण कराया गया था. लघु सिंचाई विभाग द्वारा इसका निर्माण कराया गया था. महज डेढ़ साल में नहर टूट गयी. इससे किसानों की फसलें बर्बाद हो गयीं. ये मामला बंदगांव प्रखंड का है. पूर्व विधायक शशिभूषण सामड ने किसानों को मुआवजा देने की मांग की है.
डेढ़ साल के अंदर टूट गयी नहर
पश्चिमी सिंहभूम के बंदगांव प्रखंड के सुमनसाई से रंगामाटी तक 10 किमी पक्की नहर का निर्माण डेढ़ साल पहले लघु सिंचाई विभाग ने 52 करोड़ रुपये खर्च कर बनाया था. डेढ़ साल के अंदर नहर जगह-जगह टूट गयी है. डेंगसरगी-कोचासाई के बीच नहर पूरी तरह टूट गयी है. नहर टूटने के कारण पानी और मिट्टी किसानों के खेतों में घुस गया है. इससे दर्जनों किसानों की फसलें बर्बाद हो गयी हैं.
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किसानों को मिले मुआवजा
ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पूर्व विधायक शशिभूषण सामड को दी. पूर्व विधायक ने कहा कि विभाग और संवेदक की लापरवाही के कारण नहर का काम गुणवत्तापूर्ण नहीं किया गया है. मात्र डेढ़ साल में नहर जगह-जगह टूट रही है. इससे कई किसानों की खेती बर्बाद हो गई है. विभाग टूटी नहर को यथाशीघ्र मरम्मत कराए. किसानों को मुआवजा मिले.
इन किसानों की फसलें बर्बाद हुईं
पुरुषोत्तम पूर्ति 50 डिसमिल, साधु पूर्ति 50 डिसमिल, श्याम लाल पूर्ति 100 डिसमिल, सुखदेव जोंको 42 डिसमिल, शंभु जोंको 52 डिसमिल, गंगाराम जोंको 45 डिसमिल, कृष्णा जोंको 32 डिसमिल, बाशु गिलुवा 60 डिसमिल की फसल बर्बाद हो गयी हैं. इस मौके पर मुखिया कुश पूर्ति, पंसस मंगल सिंह बोदरा, वार्ड सदस्य दामु हेंब्रम, मुंडा कांडे हेंब्रम, अशोक लोहार, सोना पूर्ति, लालिया कुंकल, मंजू जोंको, सरस्वती लोहार, मैचो कुंकल, मुनू कुंकल, सूर्यमुनी कुई, गुरुवारी कुई समेत काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.
Posted By : Guru Swarup Mishra