Jharkhand Crime News, पश्चिमी सिंहभूम न्यूज (शैलेश सिंह) : झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के किरीबुरु थाना क्षेत्र में चार युवकों ने अंधविश्वास में एक अधेड़ को मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद चारों युवकों ने सीआरपीएफ कैंप जाकर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. उन्होंने कहा कि ओझा गुनी के शक में उन सभी ने अधेड़ बुधराम चाम्पिया की हत्या कर दी. आपको बता दें कि सारंडा जंगल का ये इलाका स्वास्थ्य सुविधा विहीन है. इस कारण अंधविश्वास की जड़ें काफी गहरी हैं. इसके कारण कई लोगों की हत्या हो चुकी है.
किरीबुरु थाना अन्तर्गत भनगांव निवासी बुधराम चाम्पिया (55 वर्ष), पिता लांडू चाम्पिया की हत्या अंधविश्वास में उसकी खानदान के ही चार लोगों ने कर दी. जिसमें दुर्गा सामद (पिता स्व0 साधु बुढ़ा सामद), सुकराम सामद (पिता स्व0 शिरो सामद), सुखराम चाम्पिया (पिता डिबरू चाम्पिया) एवं जाटा चाम्पिया (पिता स्व0 मुंगड़ू चाम्पिया) ने लकड़ी के डंडे से पीटते हुये बीती रात उसके घर से लगभग पचास मीटर दूर जंगल में फेंक शव पर पत्ता ढंक दिया था.
हत्या करने के बाद आज सुबह चारों आरोपी करमपदा स्थित सीआरपीएफ कैंप जाकर वहां मौजूद सीआरपीएफ पदाधिकारियों व झारखण्ड पुलिस के पदाधिकारियों को न सिर्फ घटना की जानकारी दी बल्कि घटना को स्वयं अंजाम देने की बात कहकर स्वयं को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इस घटना की सूचना पाकर किरीबुरु एसडीपीओ अजीत कुमार कुजूर के नेतृत्व में इंस्पेक्टर वीरेन्द्र एक्का, थाना प्रभारी अशोक कुमार, एसआई धनंजय कुमार ने घटनास्थल पर जाकर शव को बरामद कर मामले की जांच प्रारम्भ कर दी.
किरीबुरु थाना में एसडीपीओ व अन्य पुलिस पदाधिकारियों के सामने हत्या का आरोपी दुर्गा सामड ने प्रभात खबर को बताया कि इसे शक है कि मृतक बुधराम चाम्पिया ने ओझा गुनी से हमारे चाचा शिरू सामद, भाई सुखराम सामद की पत्नी एवं मेरे पिताजी स्व0 साधु बुढ़ा सामद को मार दिया है. मेरे पिता की मौत बीते 30 मई को हुई. बुधराम से गांव के सभी लोग डरते थे एवं उसका सामना करने की हिम्मत कोई नहीं करता था, लेकिन हमारे नेतृत्व में उक्त चारों हिम्मत किये और बुधराम को मौत के घाट उतार दिया. आपको बता दें कि सारंडा में चिकित्सा की कोई सुविधा नहीं होने की वजह से अंधविश्वास में अब तक सैकड़ों ग्रामीणों की जानें जा चुकी हैं. जिसमें कुछ मामले थाना तक पहुंचे तथा अधिकतर मामले जंगल में ही दफन हो गईं.
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Posted By : Guru Swarup Mishra