बिहार में मॉनसून के प्रवेश के बाद अब कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इसके साथ ही बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि होने लगी है. बुधवार की सुबह सीतामढ़ी जिले के बेलसंड प्रखंड के चंदौली घाट पर तेज बहाव के कारण नदी पर बांस के चचरी का पुल नदी में बह गया.
इस पूल के बह जाने से बेलसंड मीनापुर पथ लाइफ लाइन सड़क पर आवागमन ठप हो गया है. इस पूल के बह जाने से कई गांवों से संपर्क टूट गया है. अब लोगों को घूमकर जाना पड़ेगा यहां के लोगों को आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पड़ेगा. अचानक उत्पन्न हुई इस स्थिति से लोगों अभी नाव भी नहीं मिल पा रहा है. जिससे मुख्यालय तक जाने में अब घंटों का समय लग रहा है.
ग्रामीणों का कहना है की इस पूल को गांव के लोगों ने चंदा इकट्ठा कर बनाया था जिसमें लाखों रुपये खर्च हुए थे. इस पूल के बह जाने से मौलानगर, दरियापुर, डुमरा, नूनौरा, हंसौर, सिरोपटी, बलुआ, तुर्की सहित एक दर्जन गांव का सम्पर्क भंग हो गया है. इसी चचरी पुल के सहारे लोग प्रखंड कार्यालय, अंचल कार्यालय, थाना व बाजार करने बेलसंड आते-जाते थे. चचरी पुल के ध्वस्त हो जाने से अब लोगों को काफी दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय आना पड़ेगा.
बागमती नदी में आई उफान के कारण बेलसंड प्रखंड के चंदौली घाट में नदी का जलस्तर 57.20 मीटर हो गया है. इसके साथ ही जलस्तर में वृद्धि लगातार जारी है. यहां नदी में पानी खतरे के निशान से मात्र 1.86 सेमी नीचे बह रहा है. चंदौली घाट में डेंजर लेबल 59.06 सेमी है.
Also Read: पटना में तेजप्रताप यादव के सरकारी बंगले से लाखों की चोरी, नौकर ने चुराए आईफोन समेत अन्य सामान
बता दें की बागमती नदी के चंदौली घाट पर राज्य सरकार की तरफ से करोड़ों रुपये की लागत से पूल का निर्माण कराया जा रहा है. लेकिन अभी भी इस पूल का 10 फीसदी निर्माण कार्य बाकी है. इसके साथ ही पूल के एप्रोच पथ के लिए भूमि अधिग्रहण का मामला भी सालों से अटका हुआ है. गौरतलब है कि पुल के अभाव में दर्जन से अधिक गांवों के लोग हर साल चंदा इकट्ठा कर के चचरी पुल बनाते हैं. लेकिन वह पुल भी बाढ़ के शुरुआती दौर में ही बह गया.
Prabhat Khabar App: देश-दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, क्रिकेट की ताजा खबरे पढे यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए प्रभात खबर ऐप.
FOLLOW US ON SOCIAL MEDIA
Facebook
Twitter
Instagram
YOUTUBE