सीवान. ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस बीमारी ने सीवान में दस्तक दे दिया दिया है. हुसैनगंज प्रखंड के चाप टोला तेघड़ा गांव निवासी स्व सागर साह के पुत्र किशुन देव साह को आंखों से नहीं दिखाई पड़ने के बाद परिजनों ने शहर के एक डॉक्टर से मरीज को दिखाया. जांच के बाद डॉक्टर ने बताया कि मरीज म्यूकरर्माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस बीमारी से पीड़ित है. निजी डॉक्टर द्वारा मरीज को एम्स पटना के लिए रेफर कर दिया गया. परिजन मरीज को पुनः सदर अस्पताल ले गये. वहां से डॉक्टरों ने जांच के बाद पुनः एम्स पटना को रेफर कर दिया.
परिजनों ने बताया कि किशुन देव साह को कभी भी कोरोना नहीं हुआ है. परिजनों ने यह स्वीकार किया कि मरीज को बहुत दिनों से मधुमेह और लीवर की बीमारी की शिकायत है. डॉक्टरों का कहना है कि अधिक शूगर होने व स्टेरॉयड के अधिक उपयोग से यह समस्या आ रही है. यह समस्या युवाओं को भी हो रही है. उनके अनुसार, मधुमेह से पीड़ित कोविड या पोस्ट कोविड मरीजों को आंख की पलक में सूजन, कम दिखना जैसा लक्षण हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.
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अनियंत्रित मधुमेह.
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स्टेरॉयड लेने के कारण इम्यूनोसप्रेशन.
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कोरोना संक्रमण अधिक होने के कारण अधिक समय आइसीयू में रहना.
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ये हैं ब्लैक फंगस के लक्षण
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नाक जाम होना, नाक से काला या लाल स्राव होना.
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गाल की हड्डी में दर्द होना.
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चेहरे पर एक तरफ दर्द होना या सूजन.
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दांत या जबड़े में दर्द, दांत टूटना.
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धुंधला या दोहरा दिखाई देना.
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सीने में दर्द और सांस में परेशानी.
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कोरोना मरीज ऐसे बच सकते हैं ब्लैक फंगस से
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खून में शूगर की ज्यादा नहीं होने दें व हाइपरग्लाइसेमिया से बचें.
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कोरोना से ठीक हुए लोग ब्लड ग्लूकोज पर नजर रखें.
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स्टेरॉयड के इस्तेमाल में समय और डोज का पूरा ध्यान रखें.
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एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल डॉक्टर के परामर्श से ही करें.