बिहार के सीवान में घास काटने गई रागिनी कुमारी की मौत बिजली करंट लगने से हो गयी. मौत के मामले में बिजली विभाग द्वारा मुआवजा देने से इंकार कर दिया गया. इसके बाद अनुमंडल लोक शिकायत दायर परिवाद पर आए आदेश के बाद बिजली विभाग ने पीड़िता के परिजन को चार लाख रुपये का मुआवजा चेक प्रदान कर दिया है. मामला सीवान जिला के रामपुर गांव, प्रखंड सिसवन का है. जयप्रकाश चौधरी की बेटी रागिनी घास काटने खेत में गई थी. उसके साथ कई और लड़कियां भी थीं. लेकिन रागिनी बिजली तार की चपेट में आ गई और उसकी मौत हो गई.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मरने का कारण करंट ही बताया गया है. परिवादी जब बिजली विभाग में करंट लगने से हुई मौत के लिए मुआवजा मांगने के लिए आवेदन दिया था तो वहां उसे यह कहकर टरका दिया गया कि कोई बिजली तार टूटकर गिरा नहीं था. इसलिए मुआवजा नहीं मिल सकता. परिवादी अनुमंडल लोक शिकायत निवारण में परिवाद दायर किया. कई सुनवाई के बाद भी बिजली विभाग यह मानने को तैयार नहीं था कि लड़की की मौत करंट से हुई है, इसलिए मुआवजा नहीं दिया जा सकता.
इस मामले में परिवादी ने बताया कि वह थक हारकर यह मान लिया कि मुआवजा नहीं मिलेगा. उसने अपने गांव के ही एक बड़े पदाधिकारी जो कहीं और नियुक्त हैं, उनसे अपनी व्यथा-कथा सुनाई. उस पदाधिकारी ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी विपिन राय के पास व्हाट्सएप से परिवाद की प्रति भेजी और गरीब की सहायता करने का आग्रह किया. जिला लोक शिकायत पदाधिकारी ने अनुमंडल लोक शिकायत विभाग से फाइल मंगाई और जांच की तो इसमें बिजली विभाग के मौखिक जवाब में ही कई लीक प्वायंट मिले. जिसमें कहा गया था कि किसी व्यक्ति ने अवैध टोका फंसाकर अपने खेत में बिजली के तार गिराए थे जिससे बच्ची की मौत हो गई.
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जिला लोक शिकायत पदाधिकारी ने बिजली विभाग को संबंधित व्यक्ति पर ही एफआईआर करने और इसकी प्रति लोक शिकायत को देने का निर्देश दिया. इतना सुनते ही बिजली विभाग के एई और जेई ने अनुमंडल लोक शिकायत विभाग के पास प्रतिवेदन भेज दिया कि पीड़िता के परिजन को 4 लाख रुपये मुआवजा राशि प्रदान कर दी गई है. चेक प्रदान करते हुए फोटो भी भेज दिए. इस तरह एक गरीब असहाय को अपनी बच्ची की मौत पर मुआवजा मिला है.