नयी दिल्ली: खिलाडियों चयन को लेकर विवाद और 20 साल में पहली बार किसी को खेल रत्न नहीं दिए जाने जैसी घटनाओं के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को यहां राष्ट्रपति भवन में समारोह में राष्ट्रीय खेल पुरस्कार बांटे. विभिन्न खेलों से संबंध रखने वाले कुल 15 खिलाडियों को अर्जुन पुरस्कार प्रदान किया गया.
अतीत की तरह इस पर भी पुरस्कारों पर चयन विवाद का साया रहा जब मुक्केबाज मनोज कुमार ने नयी अंक प्रणाली के मुताबिक क्वालीफाई करने के बावजूद अर्जुन पुरस्कार नहीं दिए जाने पर खेल मंत्रालय को अदालत में घसीट दिया. इसके अलावा पुरस्कार चयन समिति को इस साल देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न के लिए कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिला.
इस पुरस्कार के लिए जो सात नाम 12 सदस्यीय पैनल के समक्ष रखे गए उनमें से किसी के भी नाम पर सहमति नहीं बनी जिसके कारण 1994 से यह पहला मौका रहा जब इस शीर्ष पुरस्कार के लिए किसी खिलाडी के नाम की सिफारिश नहीं की गई. विवादों के बावजूद समारोह में पुरानी परंपरा बरकरार रही जब पुरस्कार विजेताओं ने सम्मानित अतिथियों की मौजूदगी में तालियों की गडगडाहट के बीच राष्ट्रपति से अपने-अपने पुरस्कार हासिल किए. अतिथियों में उप राष्ट्रपति एम हामिद अंसारी और खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल भी शामिल थे.