तीन मैचों की IND vs SL श्रृंखला का पहला एकदिवसीय मैच टाई पर समाप्त हुआ क्योंकि भारत केवल श्रीलंका के पहली पारी के स्कोर 230 की बराबरी कर सका, चरिथ असलांका ने एक शानदार गेंदबाजी की जिसमें उन्होंने शिवम दुबे और अर्शदीप सिंह को लगातार दो गेंदों पर आउट कर दिया और भारत को 14 गेंदों में केवल 1 रन नहीं बना सका.
India tour of Sri Lanka: Dunith Wellalage ने किया सबसे ज्यादा प्रभावित
डुनिथ वेल्लालागे की 67 रनों की पारी की बदौलत श्रीलंका ने शुक्रवार को आर प्रेमदासा स्टेडियम में भारत के खिलाफ 230/8 का स्कोर बनाया. भारत के लिए अक्षर पटेल और अर्शदीप सिंह ने 2-2 विकेट लिए जबकि पथुम निसांका 56 रन बनाकर श्रीलंका के दूसरे सबसे बड़े स्कोरर रहे.
इससे पहले, श्रीलंका के कप्तान चरिथ असलांका ने टॉस में जीत हासिल की और ओपनर पथुम निसांका के अर्धशतक के बावजूद भारत के गेंदबाजों ने शीर्ष क्रम को तहस-नहस कर दिया. श्रीलंका की टीम 101/5 पर सिमट गई थी, लेकिन 21 वर्षीय वेल्लालागे ने अपना सर्वश्रेष्ठ वनडे स्कोर बनाकर श्रीलंका को एक संघर्षपूर्ण स्कोर बनाने में मदद की.
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IND vs SL: 5 कारण जिनकी वजह से मैच हुआ ड्रा
- श्रीलंका के गेंदबाजों, खासकर वानिंदु हसरंगा और चरिथ असलांका ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए रोहित शर्मा और विराट कोहली की वापसी के बावजूद भारत को 230 रनों पर रोक दिया। हसरंगा और असलांका दोनों ने 3-3 विकेट चटकाए और भारत का स्कोर बराबर नहीं होने दिया.
- भारत को जीत के लिए अंतिम 15 गेंदों पर केवल 2 रन चाहिए थे और उसके 2 विकेट बचे थे, लेकिन उसने जल्दी-जल्दी 2 विकेट गंवा दिए और अंत में श्रीलंका के 230 रन के स्कोर के साथ बराबरी पर आ गई. अंतिम क्षणों में नाटकीय ढंग से हारने के कारण भारत लक्ष्य से चूक गया.
- कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम की पिच पारंपरिक रूप से स्पिनरों के अनुकूल है, खासकर जब खेल आगे बढ़ता है. सतह की धीमी प्रकृति ने दोनों टीमों के लिए बल्लेबाजी को मुश्किल बना दिया.
- श्रीलंका ने तेज गेंदबाज मोहम्मद शिराज को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण का मौका दिया, जिन्होंने अनुभवी असिथा फर्नांडो के साथ मिलकर अच्छी गेंदबाजी की और भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया. नई गेंद की जोड़ी ने श्रीलंकाई गेंदबाजों के लिए मोमेंटम तय किया.
- एकदिवसीय मैचों में पहली बार श्रीलंका की कप्तानी कर रहे चरिथ असलांका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, जो एक अच्छा निर्णय साबित हुआ क्योंकि उनके गेंदबाज 230 रन का बचाव करने में सक्षम थे. उनके गेंदबाजी परिवर्तन और क्षेत्ररक्षण प्लेसमेंट बिल्कुल सही थे.