तीरंदाजी में जमेगी धाक, अब इस आधुनिक धनुष से निशाना साधेंगे झारखंड के तीरंदाज
रांची : झारखंड के तीरंदाजों को सरकार की ओर से आर्थिक मदद मिलने के बाद कोमोलिका बारी, कृष्णा और आश्रिता ने रिकर्व धनुष की बुकिंग करायी है. जल्द ही ये तीनों तीरंदाज रिकर्व धनुष से लक्ष्य पर निशाना साधते दिखेंगे.
रांची : झारखंड के तीरंदाजों को सरकार की ओर से आर्थिक मदद मिलने के बाद कोमोलिका बारी, कृष्णा और आश्रिता ने रिकर्व धनुष की बुकिंग करायी है. जल्द ही ये तीनों तीरंदाज रिकर्व धनुष से लक्ष्य पर निशाना साधते दिखेंगे. आश्रिता का कहना है कि इंडियन राउंड का धनुष बांस का बना होता है, जिसके जरिये केवल देश में ही खेला जा सकता है.
अब रिकर्व धनुष से विदेशों में भी जाकर खेलने का मौका मिलेगा. आश्रिता के साथ कृष्णा और कोमोलिका को भी नये धनुष का इंतजार था. तीनों ने राज्य सरकार को आर्थिक मदद के लिए धन्यवाद दिया है.
अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज है कोमोलिका बारी: चाईबासा की रहने वाली कोमोलिका बारी अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज है. इन्होंने स्वीडन में 2018 में आयोजित वर्ल्ड यूथ आर्चरी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था. वहीं आगामी ओलिंपिक कैंप के लिए इनका चयन किया गया है.
जबकि आश्रिता बिरुली ने 2019 में ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था. वहीं कृष्णा ने खेलो इंडिया आर्चरी चैंपियनशिप 2017 में रजत व राष्ट्रीय विद्यालय तीरंदाजी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था. तीनों बेहद गरीब परिवार से हैं.
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इन्हें भी मिली है आर्थिक मदद : इन तीनों तीरंदाजों के अलावा तीरंदाज जगरनाथ गगराई, गुनाराम पूर्ति को भी रिकर्व धनुष के लिए दो लाख 50 हजार रुपये और राष्ट्रीय स्तर की कराटे खिलाड़ी विमला मुंडा की कमजोर आर्थिक स्थिति देखते हुए एक लाख की मदद की गयी थी. इसके अलावा हॉकी प्रशिक्षिका प्रतिमा बरवा को भी एक लाख 50 हजार की आर्थिक मदद की गयी है.
Posted by: Pritish Sahay