भारत के सात्विक साइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने दक्षिण कोरिया के चोइ सोलग्यु और किम वोन्हो को सीधे गेम में 21-18, 21-16 से हराकर एशियाई खेलों की बैडमिंटन पुरुष युगल स्पर्धा में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीत लिया है. दुनिया की तीसरे नंबर की भारतीय जोड़ी ने कई बार वापसी करते हुए पहला गेम 29 मिनट में जीता. दूसरे गेम में उन्होंने 15वीं रैकिंग वाली विरोधी टीम पर दबाव बनाते हुए 57 मिनट में जीत दर्ज की. इस साल मार्च में एशियाई चैंपियनशिप में 58 साल बाद भारत को पदक दिलाने वाले सात्विक और चिराग ने भारत को 41 साल बाद एशियाई खेलों में भी पदक दिलाया है. लेरॉय डिसूजा और प्रदीप गंधे ने 1982 में कांस्य पदक जीता था.
एशियन गेम्स में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली सात्विक और चिराग की पहली भारतीय जोड़ी है. उन्होंने सेमीफाइनल में पूर्व विश्व चैंपियन आरोन चिया और सोह वूइ यिक को हराया था. एशियाई खेलों की बैडमिंटन स्पर्धा में भारत का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. भारत ने पुरुष युगल स्वर्ण, टीम रजत और पुरुष एकल कांस्य जीता. जकार्ता में भारत ने एक रजत और एक कांस्य जीता था.
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वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप पर पहुंचेगी भारतीय जोड़ी
इस जीत के साथ सात्विक और चिराग बीडब्ल्यूएफ विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर काबिज हो जायेंगे. उन्होंने 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण, 2022 थॉमस कप खिताब और 2022 विश्व चैंपियनशिप कांस्य जीता था. दोनों एशियाई चैंपियनशिप स्वर्ण, इंडोनेशिया सुपर 1000, कोरिया सुपर 500 और स्विस ओपन सुपर 300 भी जीत चुके हैं.
महिला हॉकी में भारत ने जीता कांस्य
भारतीय महिला हॉकी टीम ने सेमीफाइनल हारने के दो दिन बाद ही जबर्दस्त जुझारूपन के साथ वापसी करते हुए जापान को 2-1 से हराकर एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत लिया है. हूटर के साथ ही मैदान पर अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख सकीं कोच यानेके शॉपमैन और उल्लास में उछलती खिलाड़ियों को देखकर जाहिर हो गया कि इस कांसे के टीम के लिए क्या मायने हैं.
सेमीफाइनल में चीन से हारी थी महिला टीम
सेमीफाइनल में चीन से 0-4 से हारने के साथ पेरिस ओलंपिक के लिए सीधे क्वालीफाई करने की भारत की उम्मीदें ध्वस्त हो गई थी. इसके बावजूद टीम ने जापान की चुनौती का डटकर सामना करते हुए कांस्य पदक का मुकाबला जीता. तोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही भारतीय टीम के लिए दीपिका ने पांचवें और सुशीला चानू ने 50वें मिनट में गोल दागे जबकि जापान के लिये यूरी नागाई ने एकमात्र गोल किया. पिछली बार जकार्ता में 2018 में हुए खेलों में भारत ने रजत पदक जीता था.
ज्योति, देवताले की स्वर्ण की हैट्रिक, भारतीय तीरंदाजों को नौ पदक
भारत की अनुभवी कंपाउंड तीरंदाज ज्योति सुरेखा वेन्नम और ओजस देवताले ने स्वर्ण पदकों की हैट्रिक लगाई और इसके साथ ही भारतीय तीरंदाजों ने इन एशियाई खेलों में रिकॉर्ड नौ पदक अपनी झोली में डाल लिए. कंपाउंड तीरंदाजों ने सभी पांच पदक जीतकर कोरिया का दबदबा तोड़ा. वहीं अभिषेक वर्मा को रजत और अदिति स्वामी को कांस्य पदक मिला. रिकर्व तीरंदाजों ने शुक्रवार को दो पदक जीते थे जो ओलंपिक खेल में 13 साल में पहली बार हुआ है.
तीरंदाजी में रचा इतिहास
इससे पहले भारत ने इंचियोन में 2014 में हुए खेलों में तीन पदक जीते थे. वहीं जकार्ता में टीम ने दो रजत जीते थे. मौजूदा विश्व चैंपियन अदिति स्वामी ने कांस्य पदक के एकतरफा प्लेआफ मुकाबले में इंडोनेशिया की रातिह जिलिजाती एफ को हराया. बर्लिन में दो महीने पहले विश्व चैम्पियनशिप खिताब जीतने वाली 17 वर्ष की अदिति ने 146-140 से जीत दर्ज की. बाद में ज्योति ने दक्षिण कोरिया की सो चाएवोन को 149-145 से हराकर तीसरा स्वर्ण जीता. वह मिश्रित युगल और महिला टीम वर्ग का स्वर्ण जीत चुकी है.