Asian Wrestling Championship: रवि दहिया ने लगायी गोल्ड की हैट्रिक, फाइनल में हारे बजरंग पूनिया को सिल्वर

रवि ने एक बार फिर अपनी शारीरिक क्षमता और रणनीतिक श्रेष्ठता का परिचय देते हुए पुरुषों के 57 किग्रा फ्रीस्टाइल में पहले जापान के रिकुतो अराई को हराया और बाद में मंगोलिया के जानाबाजार जंदनबुड पर 12-5 से शानदार जीत दर्ज कर फाइनल में जगह बनायी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 23, 2022 5:36 PM
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भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया (Ravi Dahiya) ने शनिवार को कजाखस्तान के रखत कालजान के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में हराकर एशियाई चैम्पियनशिप में लगातार तीसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया. जबकि बजरंग पूनिया को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा.

रवि ने मंगोलिया के जानाबाजार जंदनबुड को हराकर फाइनल में बनायी थी जगह

टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि ने अपने सभी मुकाबलों में शुरू में बढ़त गंवा दी थी लेकिन उन्होंने शानदार तरीके से वापसी करते हुए पुरुष फ्रीस्टाइल स्पर्धा में सभी प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ दिया. यह उनका सत्र का दूसरा फाइनल था. उन्होंने फरवरी में डान कोलोव स्पर्धा में रजत पदक जीता था. सोनीपत के नहरी गांव के रहने वाले ओलंपिक रजत पदक विजेता रवि ने एक बार फिर अपनी शारीरिक क्षमता और रणनीतिक श्रेष्ठता का परिचय देते हुए पुरुषों के 57 किग्रा फ्रीस्टाइल में पहले जापान के रिकुतो अराई को हराया और बाद में मंगोलिया के जानाबाजार जंदनबुड पर 12-5 से शानदार जीत दर्ज कर फाइनल में जगह बनायी.


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रवि ने ऐसे दर्ज की फाइनल में जीत

खिताबी भिड़ंत में कलजान टेक डाउन से आगे हो गये थे और काफी समय तक उन्होंने भारतीय पहलवान को कोई अंक नहीं लेने दिया. लेकिन अपनी शैली के अनुरूप रवि ने तकनीकी श्रेष्ठता की बदौलत मुकाबले पर दबदबा बनाना शुरू कर दिया. उन्होंने छह लगातार ‘टू-प्वाइंटर’ हासिल किये और इस दौरान खुद को ‘लेफ्ट-लेग अटैक’ से भी बचाया जिससे यह मुकाबला दूसरे पीरियड के शुरू में ही खत्म हो गया और भारत ने इस साल टूर्नामेंट का पहला स्वर्ण पदक जीत लिया. रवि ने दिल्ली में 2020 चरण में और पिछले साल अलमाटी में भी स्वर्ण पदक जीता था.

बजरंग पूनिया ईरान के पहलवान ने हराया

65 किलोग्राम भार वर्ग में ओलंपिक विजेता बजरंग पूनिया को ईरान के पहलवान से हार का सामना करना पड़ा. फाइनल मुकाबले में बजरंग पूनिया को ईरान के रहमान मूसा ने 3-1 से हराया. पूनिया ने उज्बेकिस्तान के अब्बोस रखमोनोव और ब्रूनेई के हाजी मोहम्मद अली को आसानी से हराकर स्वर्ण पदक के मुकाबले में प्रवेश किया था.

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