10 Ways To Get Out In Cricket: क्रिकेट सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक हैं, जिसे गली मोहल्ले से लेकर पूरी दुनियाभर में खेला जाता हैं. वैसे तो क्रिकेट के बारे में अधिकतर लोगों के पास काफी जानकारी है, लेकिन क्रिकेट में बल्लेबाज के आउट होने के सभी 10 तरीकों के बारे में कम ही लोगों को पता है. बता दें कि पहले एक बल्लेबाज 11 तरीके से आउट हो सकता था, लेकिन नियमों में संशोधन के बाद अब एक बल्लेबाज के आउट होने के 10 तरीके हैं. तो आइए हम आपको क्रिकेट में आउट होने के सभी 10 तरीकों के बारे में बताते हैं.
1. बोल्ड (Bold)
जब किसी गेंदबाज की लीगल गेंद सीधे स्टंप पर लगती है और गिल्लियां बिखर जाती हैं, तब बल्लेबाज बोल्ड हो जाता है और उसे पवेलियन लौटना पड़ता है. गेंद चाहें डायरेक्ट लगे या बल्ले और शरीर से लगकर स्टंप में लगे, हर तरीके इसे आउट माना जाता है. यह आउट होने का सबसे सामान्य तरीका है. क्रिकेट के इतिहास में 21.3 फीसदी विकेट इसी तरीके से गिरे हैं.
2. कैच आउट (Catch OUT)
जब गेंद किसी बल्लेबाज के बल्ले से लगती है और उसके मैदान में गिरने से पहले कोई फील्डर उसे पकड़ लेता है तो बल्लेबाज कैच आउट हो जाता है. क्रिकेट में आउट होने का दूसरा सबसे सामान्य तरीका है. क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट कैच आउट के जरिए ही गिरे हैं. क्रिकेट के इतिहास में 58.6 फीसदी विकेट इसी तरीके से गिरे हैं.
3. लेग बिफोर विकेट (LBW)
जब गेंदबाज के गेंद फेंकने के बाद बल्लेबाज अपने शरीर से गेंद को रोकता है और वह स्टंप्स के ठीक सामने होता है तो उसे आउट दे दिया जाता है और इसे एलबीडब्ल्यू कहते हैं. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि गेंद स्टंप्स की तरफ जा रही हो और यह तय हो कि शरीर के बीच में न आने पर गेंद सीधे स्टंप्स में ही लगती. साथ ही बल्ले या बल्लेबाज के ग्लव्स का कोई हिस्सा इससे पहले गेंद से न लगा हो. 14.4 फीसदी बल्लेबाज इस तरीके से आउट होते हैं. यह आउट होने का सबसे विवादित तरीका भी है.
4. रन आउट (Run OUT)
जब बल्लेबाज गेंद खेलने के बाद विकेटों के बीच भागकर रन बना रहा होता है और उसके क्रीज में पहुंचने से पहले फील्डर गेंद को स्टंप्स में मारकर गिल्लियां बिखेर देता है, तब बल्लेबाज रन आउट हो जाता है. यह विकेट गेंदबाज के खाते में न जाकर टीम के खाते में जाता है. रन आउट के निर्णय भी काफी विवादित रहते थे और टेक्नोलॉजी आने के बाद तीसरा अंपायर रीप्ले देखकर ही रन आउट का फैसला करता है. 3.46 फीसदी विकेट इस तरीके से गिरते हैं.
5. स्टंपिंग (Stumped)
जब बल्लेबाज अपनी क्रीज से बाहर निकलकर शॉट खेलने की कोशिश करता है और गेंद का संपर्क बल्ले से नहीं होता है तब विकेटकीपर गेंद को पकड़कर स्टंप्स की गिल्लियां बिखेर देता है. ऐसे में बल्लेबाज को स्टंप आउट करार दिया जाता है. आमतौर पर स्पिन गेंदबाज ही बल्लेबाजों को छकाकर स्टंप आउट करवाते हैं. अब तक 2.02 फीसदी बल्लेबाज इस तरीके से आउट हुए हैं. भारत के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी सबसे ज्यादा 123 स्टंपिंग करने वाले विकेटकीपर हैं.
6. हिट विकेट (Hit Wicket)
जब शॉट खेलते समय बल्लेबाज का बल्ला या शरीर का कोई हिस्सा स्टंप्स में लग जाता है और गिल्लियां बिखर जाती हैं तो बल्लेबाज हिट विकेट आउट हो जाता है. 0.230 फीसदी विकेट इस तरीके से गिरते हैं.
7. फील्डिंग में बाधा पहुंचाने पर (Handle the Ball)
जब कोई बल्लेबाज फील्डिंग कर रही टीम को जानबूझकर परेशान करता है और गेंद पकड़ने में बाधा पहुंचाता है तो उसे फील्डिंग में बाधा पहुंचाने के लिए आउट दिया जा सकता है. अगर बल्लेबाज मौखिक, सांकेतिक या फील्डर के रास्ते में आकर फील्डिंग में परेशानी डालता है तो उसे इस नियम के जरिए आउट दिया जा सकता है. अब तक 0.01 फीसदी खिलाड़ी इस तरीके से आउट हुए हैं.
8. दूसरी बार गेंद को मारने पर (Hitting Ball Two Times By Batsman)
जब कोई बल्लेबाज जानबूझकर गेंद को दूसरी बार मारने की कोशिश करता है तब भी उसे आउट दिया जा सकता है. अगर गेंद बल्लेबाज के बल्ले, शरीर या हेलमेट जैसे दूसरे उपकरण में लगी है और वह जानबूझकर उसे दूसरी बार मारने की कोशिश करता है तो अंपायर उसे आउट दे सकते हैं. अब तक 0.01 फीसदी बल्लेबाज इस तरीके से आउट हुए हैं.
9. टाइम आउट (Time Out)
एक बल्लेबाज के आउट होने के बाद नए बल्लेबाज को तीन मिनट के अंदर मैदान में आना होता है और अपनी जगह में पहुंचना होता है. अगर कोई बल्लेबाज इससे ज्यादा समय लेता है तो उसे टाइम आउट करार दिया जा सकता है. हालांकि बहुत कम बल्लेबाज इस तरीके से आउट हुए हैं. अब तक सिर्फ छह बल्लेबाज टाइम आउट हुए हैं.
10. रिटायर्ड आउट (Ritired Out)
जब कोई बल्लेबाज अंपायर को बिना बताए मैदान से चला जाता है और उसके पास मैदान से बाहर जाने का कोई उचित कारण नहीं होता है तो अंपायर उसे रिटायर्ड आउट करार दे सकते हैं. आमतौर पर अभ्यास मैच में बल्लेबाज अच्छी पारी खेलने के बाद रिटायर हो जाते हैं ताकि टीम के बाकी खिलाड़ी भी बल्लेबाजी का अभ्यास कर सकें.
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