नयी दिल्ली : टीम इंडिया के पूर्व तूफानी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग भले ही आज क्रिकेट के मैदान पर नजर नहीं आते हैं, लेकिन उनकी चर्चा अब भी मैदान के बाहर वैसे ही होती है जैसे उनके कैरियर के दौरान होती थी. वीरु जब अपनी लय में होते थे तो फिर उनके सामने दुनिया के बड़े से बड़े गेंदबाज गेंदबाजी रकने से डरते थे.
वीरेंद्र सहवाग के क्रिकेट कैरियर से जुड़ी कई बड़े किस्से आपने सुने होंगे लेकिन उन्होंने एक ऐसा कारनामा किया था जिसकी कल्पना शायद ही किसी ने की होगी. दरअसल एक मैच के दौरान वीरु को बुखार था इसके बावजूद हमवतन ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह की गेंद पर उन्होंने12 छक्के जमाये थे.
इस बात का खुलाशा टीम इंडिया के टॉप स्पिनर आर अश्विन ने एक कार्यक्रम के दौरान किया. रविचंद्रन अश्विन ने चैट शो ‘वट द डक 2′ में सहवाग को लेकर बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि रोहतक में खेले गए एक मैच के दौरान वीरु को बुखार था लेकिन फिर भी उन्होंने हरभजन की गेंदों पर 12 छक्के जड़ दिए. अश्विन को यह बात खुद वीरु ने बतायी थी.
अश्विन ने सहवाग से पूछा, और बताया, सहवाग ने मुझसे कहा की वो सलामी बल्लेबाज़ी करने आये और 2 छक्के मारने के बाद बुखार की वजह से पवेलियन वापस लौट गए. इसके बाद वो 10वें नंबर पर बैटिंग करने उतरे और 10 छक्के और जड़ दिए. उन्होंने कहा की गेंद काफी ज़्यादा टर्न हो रही थी इसलिए मैंने सभी छक्के लेग साइड पर मारे."
* सहवाग ने मुझे हताश कर दिया था : अश्विन
भारत के शीर्ष आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने खुलासा किया है कि पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को गेंदबाजी करते हुए वह हताश हो गए थे. अश्विन ने कहा, ‘‘सहवाग कभी आत्ममुग्धता का शिकार नहीं होता. असल में उन्होंने मुझे हताश कर दिया था.’ उन्होंने कहा, ‘‘दंबुला में एक घटना हुई थी जहां मेरी प्रत्येक गेंद को उन्होंने कट किया. मैंने पहली गेंद आफ स्टंप के बाहर फेंकी तो सहवाग ने कट किया. अगली गेंद आफ स्टंप पर फेंकी तो उन्होंने कट किया. अगली गेंद मैंने मिडल स्टंप पर फेंकी तो उन्होंने कट किया.’
अश्विन ने कहा, ‘‘अगली गेंद मैंने लेग स्टंप पर फेंकी तो उन्होंने फिर कट किया. तो मैंने कहा कि आखिर यह हो क्या रहा है. इसलिए मैंने फुल लेंथ की गेंद फेंकी, सहवाग क्रीज से बाहर निकले और मुझ पर छक्का जड़ दिया.’ इस आफ स्पिनर ने कहा, ‘‘इसलिए मैंने खुद से कहा कि शायद मैं काफी अच्छा नहीं हूं या यह व्यक्ति काफी अच्छा है.. जो वह था. लेकिन उनसे महान सचिन तेंदुलकर के खिलाफ नेट पर गेंदबाजी करते हुए भी मैं कभी इतना नहीं जूझा.’