नयी दिल्ली : टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तानों में शामिल सौरव गांगुली आज अपना 45वां जन्मदिन मना रहे हैं. प्रिंस ऑफ कोलकाता और बंगाल टाइगर के नाम से मशहूर सौरव गांगुली ने क्रिकेट में कई उपलब्धियां हासिल की हैं. उनके नाम कई रिकॉर्ड आज भी दर्ज हैं, जिसे अब तक कोई खिलाड़ी छू नहीं पाया है.
गांगुली ने टीम इंडिया को उस समय संभाला जब फिक्सिंग की आग से टीम का एक-एक खिलाड़ी जल रहा था. लेकिन दादा ने अपनी तेज से आग को न केवल बुझाया बल्कि टीम इंडिया को नयी बुलंदियों में भी पहुंचा दिया. सौरव गांगुली क्रिकेट की दुनिया में ऐसा नाम है जिसकी उपलब्धियों को छोटे जगह पर समेटना मुश्किल है. आइये उनके बारे में कुछ खास बातों को जानें.
1. गांगुली ने 1996 में लॉर्ड्स के मैदान से अपनी शानदार कैरियर की शुरुआत की. उन्होंने अपनी पहली ही पारी में शानदार शतक जमाया था और दुनिया को अपनी दादागिरी दिखा दी. पहले टेस्ट मैच में वो छा गये. लॉर्ड्स टेस्ट की दोनों पारियों में गांगुली ने शतक जमाकर रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था. दादा के बारे में सबसे दिलचस्प बात है कि वो दायें हाथ के बल्लेबाज थे, लेकिन उन्होंने बाद में बायें हाथ से बल्लेबाजी करना शुरू किया. इसके पीछे का कारण है कि वो ये नहीं चाहते थे कि उनके बड़े भाई के क्रिकेट कीट से वो खेलें.
2. शानदार रहा कप्तानी, भारत के सबसे सफल कप्तान बने गांगुली
सौरव गांगुली भारत के सबसे सफल कप्तान रहे हैं. उनके रिकॉर्ड को महेंद्र सिंह धौनी ने तोड़ा. गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने कुल 49 टेस्ट मैच खेली जिसमें 21 में शानदार जीत मिली और 13 मैचों में हार का सामना करना पड़ा. दादा की कप्तानी में भारत ने 146 वनडे मैच खेले जिसमें 76 मैचों में जीत और 65 मैचों में हार का सामना करना पड़ा.
3. वनडे में जमाया सबसे फास्टेस्ट 6000 रन
सौरव गांगुल ने वनडे मैच में सबसे तेज 6000 रन बनाने वाले तीसरे खिलाड़ी हैं. लेकिन अब इस सूची में टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान विराट कोहली हैं. सबसे तेज 8000 और 9000 रन बनाने का भी वर्ल्ड रिकॉर्ड सौरव गांगुली के नाम ही है.
4. गांगुली और सचिन के नाम सबसे अधिक साझेदारी का रिकॉर्ड
कभी सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर की ओपनिंग जोड़ी को सबसे खतरनाक माना जाता था. दोनों की ओपनिंग जोड़ी ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किया. आज भी दोनों के बीच बनी साझेदारी का वर्ल्ड रिकॉर्ड को किसी ने नहीं तोड़ा है. दोनों ने 176 वनडे मैचों में 8227 रनों की साझेदारी बनायी है जो कि वर्ल्ड रिकॉर्ड है.
5. सबसे अधिक मैन ऑफ दी मैच पाने वाले दूसरे भारतीय हैं सौरव गांगुली
भारत की ओर से सबसे अधिक मैन ऑफ दी मैच पुरस्कार पाने वालों में सौरव गांगुली का नाम दूसरे नंबर पर आता है. गांगुली को 31 बार यह पुरस्कार मिला है. इस सूची में सचिन तेंदुलकर का नाम दुनिया में सबसे उपर है. सचिन को 61 बार मैन ऑफ दी मैच का पुरस्कार मिला है.
6. सौरव को क्रिकेट की दुनिया में लेकर उनके बड़े भाई आये
सौरव गांगुली का परिवार कोलकाता का काफी संपन्न परिवार था और उनकी मां और उनके पिता यह नहीं चाहते थे कि वे क्रिकेट या फिर किसी और खेल को कैरियर बनायें, लेकिन सौरव की रुचि क्रिकेट में थी, ऐसे में उनके बड़े भाई स्नेहाशीश उन्हें क्रिकेट की दुनिया में लेकर आये और अपने माता-पिता से यह आग्रह किया कि वे सौरव को क्रिकेट की कोचिंग दिलायें, ताकि उसका सपना पूरा हो. उस वक्त सौरव 10वीं कक्षा में पढ़ते थे.
7. सौरव पर लगा था घमंडी होने का आरोप
जब सौरव ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था, तो उनपर घमंडी होने का आरोप लगा था. यहां तक कहा जाता है कि उन्होंने मैदान पर अपने सीनियर्स के लिए यह कहते हुए ड्रिंक्स ले जाने से इनकार कर दिया था कि यह उनके काम का हिस्सा नहीं है. जिसके कारण उन्हें टीम से बाहर भी कर दिया गया था.
8. सफल रहा इंग्लैंड का दौरा
1996 में जब वे इंग्लैंड दौरा पर गये, तो उन्होंने शतक जड़ा और टीम का हिस्सा बन गये. यहां उन्होंने सचिन तेंदुलकर के साथ 255 रन की साझेदारी भी की.
9. बचपन की दोस्त डोना रॉय से की शादी
सौरव गांगुली ने 1997 में अपनी बचपन की दोस्त डोना रॉय से शादी की . हालांकि दोनों का परिवार इस विवाह को लेकर राजी नहीं था, बावजूद इसके उनदोनों ने शादी की.
10. विवादों से रहा है नाता
सौरव गांगुली के कैरियर में भारतीय क्रिकेट टीम के तत्कालीन कोच ग्रेग चैपल के साथ विवाद को भी शामिल किया जाता है, क्योंकि इस विवाद के कारण ही सौरव गांगुली के कैरियर का एक तरह से अंत हो गया. इसके अलावा वर्ष 2002 में नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल में इंग्लैंड को हराने के बाद उनका शर्ट खोलकर जश्न मानने का तरीका भी विवादों में आया था.