हंबनटोटा : जिंबाब्वे से मिली करारी हार के बाद एंजेलो मैथ्यूज ने श्रीलंका की कप्तानी छोड़ दी है. उन्होंने हार की जिम्मेवारी लेते हुए ऐसा करने का निर्णय लिया. हार के बाद से ही उनकी कप्तानी पर सवाल उठने लगे थे.
उन्होंने जिंबाब्वे दौरा को अपने कैरियर का सबसे खराब समय बताया. गौरतलब हो कि आफ स्पिनर सिकंदर रजा की उम्दा गेंदबाजी के बाद सलामी बल्लेबाज हैमिल्टन मसाकद्जा के अर्धशतक की बदौलत जिंबाब्वे ने पांचवें और निर्णायक एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में श्रीलंका को तीन विकेट से हराकर 3-2 से श्रृंखला अपने नाम करके पिछले आठ साल में विदेशी सरजमीं पर पहली श्रृंखला जीती.
श्रीलंका के 204 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए जिंबाब्वे ने प्लेयर आफ द सीरीज मसाकाद्जा की 86 गेंद में नौ चौके और एक छक्के से 73 रन की पारी के अलावा सोलोमन मायर (43) के साथ उनकी पहले विकेट की 92 और तारिसाई मुसाकांदा (37) के साथ दूसरे विकेट की 45 रन की साझेदारी की बदौलत 38.1 ओवर में सात विकेट पर 204 रन बनाकर जीत दर्ज की. मैन आफ द मैच रजा ने अंत में 27 गेंद में एक चौके और दो छक्कों की मदद से नाबाद 27 रन की पारी खेलकर टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया.
श्रीलंका की ओर से अकिला धनंजय ने 47 रन देकर चार जबकि लसिथ मलिंगा ने 44 रन देकर दो विकेट चटकाए लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके. ग्यारहवीं रैंकिंग वाली जिम्बाब्वे टीम ने श्रीलंका में पहली बार कोई श्रृंखला जीती है. जिंबाब्वे ने अपने देश से बाहर पिछली वनडे श्रृंखला जनवरी-फरवरी 2009 में कीनिया को उसकी सरजमीं पर 5-0 से हराकर जीती थी.
इससे पहले श्रीलंका की टीम रजा (10 ओवर में 21 रन पर तीन विकेट) और ग्रीम क्रेमर (10 ओवर में 23 रन पर दो विकेट) की किफायती गेंदबाजी के सामने आठ विकेट पर 203 रन ही बना सकी. पहले बल्लेबाजी के लिये भेजी गई श्रीलंकाई टीम के लिये कोई बड़ी साझेदारी नहीं हो सकी. सलामी बल्लेबाज धनुष्का गुणतिलका (52) और असेला गुणरत्ने (नाबाद 59) ने अर्धशतक जमाये. एक समय पर श्रीलंका के आठ विकेट 42वें ओवर में 153 रन पर गिर गए थे. इसके बाद गुणरत्ने और दुष्मंता चामीरा (नाबाद 18) ने नौवें विकेट के लिये नाबाद 50 रन की साझेदारी की. तेज गेंदबाज टेंडेइ चतारा ने सलामी बल्लेबाज निरोशन डिकवेला को आउट करके जिम्बाब्वे को पहली सफलता दिलाई. इससे श्रीलंकाई टीम अच्छी शुरुआत से महरुम रह गई.