शास्त्री के कोच बनते ही विवादों के पिच पर भारतीय क्रिकेट
नयी दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम को रवि शास्त्री के रूप में दो साल के लिए नया मुख्य कोच मिल गया है. लेकिन शास्त्री के कोच बनते ही भारतीय क्रिकेट विवादों के पिच पर उतर चुका है. शास्त्री और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के बीच फिर से ठन गयी है. गांगुली,सचिन और […]
नयी दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम को रवि शास्त्री के रूप में दो साल के लिए नया मुख्य कोच मिल गया है. लेकिन शास्त्री के कोच बनते ही भारतीय क्रिकेट विवादों के पिच पर उतर चुका है. शास्त्री और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के बीच फिर से ठन गयी है.
गांगुली,सचिन और लक्ष्मण की सीएसी ने शास्त्री को कोच बनाने के साथ-साथ जहीर खान को गेंदबाजी कोच और राहुल द्रविड को मुख्य विदेशी दौरे के लिए बल्लेबाजी सलाहकार चुना है. द्रविड पर तो सब कुछ ठीक है लेकिन जहीर खान की नियुक्ति पर शास्त्री को एतराज है.
शास्त्री ने जहीर का विरोध किया है. हालांकि वो जब तक कोच नहीं चुने गये थे, उन्हें जहीर पर कोई एतराज नहीं था, लेकिन कोच बनने के बाद शास्त्री ने यूटर्न ले लिया. दरअसल गांगुली नहीं चाहते थे शास्त्री कोच बनें, लेकिन सचिन के कहने पर और जहीर खान को गेंदबाजी कोच बनाये जाने पर गांगुली राजी हुए. अब शास्त्री, गांगुली के चुने हुए जहीर खान पर एतराज कर रहे हैं.
* अरुण को गेंदबाजी कोच बनाना चाहते हैं शास्त्री
भारतीय क्रिकेट टीम के नव नियुक्त कोच रवि शास्त्री अपने सहयोगी स्टाफ में जहीर खान की मौजूदगी के बावजूद भरत अरुण की गेंदबाजी कोच के रुप में वापसी करने के लिये कह सकते हैं. शास्त्री से जब गेंदबाजी कोच के रुप में उनकी पसंद पूछी गयी तो उन्होंने अरुण का नाम लिया लेकिन सीएसी का एक खास सदस्य इसके खिलाफ था. शास्त्री ने इसके बाद कहा, ‘ ‘फिर मुझे जैसन गिलेस्पी दे दो.’ ‘ गिलेस्पी को अभी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी कोच माना जाता है.
अगर शास्त्री टीम में अरुण को लाने में सफल रहते हैं तो इससे वह अपने धुर विरोधी रहे सौरव गांगुली से भी बदला ले लेंगे जो उनको रखने के खिलाफ थे. अरुण को 2014 में जो डावेस की जगह गेंदबाजी कोच बनाया गया था और वह 2016 में शास्त्री को बाहर किये जाने तक टीम के साथ थे.
* गांगुली और शास्त्री के बीच पहले से है झगड़ा
गौरतलब हो कि अनिल कुंबले को जब कोच बनाया गया था उस समय रवि शास्त्री ने खुल कर सौरव गांगुली का विरोध किया था. कोच नहीं बनाये जाने का पूरा श्रेय उन्होंने सौरव गांगुली को दे दिया था. शास्त्री ने गांगुली पर कई बड़े आरोप भी लगाये. दरअसल पिछली बार कोच पद के लिए हुए साक्षात्कार में गांगुली उस समय मौजूद नहीं थे जब शास्त्री का साक्षात्कार लिया जा रहा था. इसी पर शास्त्री ने आवाज बुलंद की थी, हालांकि इसके बाद गांगुली ने मीडिया के सामने आकर रवि शास्त्री को जमकर लताड़ा था. उसी समय से दोनों के बीच सब कुछ सामान्य नहीं रहा.
* टीम इंडिया में फिर से कोहली-शास्त्री की जोड़ी
गांगुली,सचिन और लक्ष्मण की तिकड़ी ने भले ही नये कोच के लिए साक्षात्कार लिया है, लेकिन कोच के नाम की घोषणा कप्तान विराट कोहली से बात करने पर ही किया गया. कोच की दौड़ में वीरेंद्र सहवाग आगे चल रहे थे, लेकिन इसके बाद भी शास्त्री को अचानक कोच बनाया जाना यह साबित करता है कि कोच की नियुक्ति में कोहली का बड़ा रोल रहा है.
कोहली शास्त्री के बड़े समर्थक रहे हैं. पिछली बार भी जब शास्त्री को टीम का निदेशक बनाया गया था तो दोनों के बीच अच्छी तालमेल देखने को मिली थी. उस समय कोहली टेस्ट टीम के कप्तान थे और वनडे के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी थे. उस समय भी टीम इंडिया दो खेमे में बंट चुकी थी. महेंद्र सिंह धौनी और शास्त्री-कोहली के बीच विवाद की भी कई खबरें मीडिया में आयीं. कई बार तो ऐसी भी खबरें आयीं थी कि कोहली और शास्त्री मिलकर धौनी के खिलाफ साजिश कर रहे हैं.
बहरहाल शास्त्री फिर से टीम इंडिया के साथ जुड़ गये हैं वो भी नये बॉस के रूप में. लेकिन उनके आते हीभारतीय क्रिकेट विवादों के पिच पर पहुंच गयी है. जहां ऐसा लग रहा है कि अब ये विवाद जहीर और द्रविड के हटने के साथ ही खत्म होगी.