जानें कौन हैं भरत अरुण, जिसकी वजह से बंट गया भारतीय क्रिकेट

नयी दिल्ली : नवनियुक्त मुख्य कोच रवि शास्त्री की जिद्द की आखिरकार जीत हुई और बीसीसीआइ ने उनके पसंदिदा सहयोगी स्‍टाफ के रूप में भरत अरुण को गेंदबाजी कोच चुन लिया है. इसके साथ ही कई दिनों से चल रहा नाटकीय घटनाक्रम भी समाप्त हो गया. हालांकि भरत अरुण और संजय बांगड़ के चुनाव को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2017 1:23 PM

नयी दिल्ली : नवनियुक्त मुख्य कोच रवि शास्त्री की जिद्द की आखिरकार जीत हुई और बीसीसीआइ ने उनके पसंदिदा सहयोगी स्‍टाफ के रूप में भरत अरुण को गेंदबाजी कोच चुन लिया है. इसके साथ ही कई दिनों से चल रहा नाटकीय घटनाक्रम भी समाप्त हो गया.

हालांकि भरत अरुण और संजय बांगड़ के चुनाव को जहीर खान और राहुल द्रविड के अपमान के रूप में देखा जा रहा है. क्‍योंकि सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवी एस लक्ष्‍मण की क्रिकेट सलाहकार समिति ने दोनों को चुना था. लेकिन शास्‍त्री की जिद्द गांगुली की दादागिरी पर भारी पड़ गयी. भरत अरुण को दो साल के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का गेंदबाजी कोच बनाया गया है. लेकिन उन्‍हें अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट खेलने का ज्यादा अनुभव नहीं है.

भरत ने अपने क्रिकेट कैरियर में महज दो टेस्‍ट मैच और 4 वनडे मैच खेले हैं. हालांकि फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट में उन्‍होंने 110 विकेट लिये हैं, लेकिन टेस्‍ट में उनके नाम 4 और वनडे में मात्र एक विकेट दर्ज है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि उनका चुनाव शास्‍त्री के चहेते होने के चलते किया गया.

शास्त्री की जिद्द के आगे नहीं चली ‘दादागिरी’, बीसीसीआइ को भी झुकना पड़ा

शास्त्री जब टीम निदेशक थे तब भी अरुण गेंदबाजी कोच थे. उन्होंने जल्द ही शुरू होने वाले अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान भी अरुण को ही यह जिम्मेदारी सौंपने के लिये कहा था. अरुण को दो साल के अनुबंध पर नियुक्त करने का फैसला शास्त्री की प्रशासकों की समिति (सीओए) तथा कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना और सचिव अमिताभ चौधरी सहित बीसीसीआई अधिकारियों से मुलाकात के बाद किया गया.

* कोच के रूप में सफल रहे हैं भरत अरुण

भरत अरुण भले ही अच्‍छे खिलाड़ी नहीं रहे हैं, लेकिन कोचिंग की बात की जाए तो वो काफी सफल कोच साबित हुए हैं. उन्‍होंने अपने कोचिंग कैरियर की शुरुआत तमिलनाडु क्रिकेट के साथ 2002 से की थी. यहां उन्‍होंने चार साल तक अपना योगदान दिया और अपनी कोचिंग में उन्‍होंने तमिलनाडु रणजी टीम को दो-दो बार रणजी ट्रॉफी का खिताब दिलाया.

इसके अलावा उन्‍होंने नेशनल क्रिकेट एकेडमी को भी कोचिंग दे चुके हैं. इसके साथ ही भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम को भी कोचिंग दे चुके हैं. उनकी कोचिंग में अंडर-19 क्रिकेट टीम ने आठ बड़ी श्रृंखला में जीत दर्ज की. भरत अरुण आइपीएल में पंजाब टीम के भी कोच रहे हैं.

* भरत अरुण का युवा खिलाडियों के साथ है अच्छे संबंध

भारत अरुण एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं जो युवा गेंदबाजों के साथ फ्रेंडली माहौल बनाकर काम करते हैं. और इसके साथ ही प्रशिक्षण सत्र के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं.

* तीन गुट में बंट चुकी है भारतीय क्रिकेट

भरत अरुण के चुनाव के बाद भारतीय क्रिकेट टीम तीन गुट में बंट गयी है. पहला सीओए जो सीएसी पर ही सवाल उठा रही है. दूसरा सीएसी जिसमें महान खिलाड़ियों ने कोच के साथ सपोर्ट स्टाफ चुना और तीसरे रवि शास्त्री.

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