नयी दिल्ली : विराट कोहली की अगुआई में टीम इंडिया श्रीलंका दौरे पर कोलंबो पहुंच चुकी है. कोहली सेना के साथ नये कोच रवि शास्त्री भी अपने पसंदिदा सहयोगी स्टाफ के साथ गये हैं. शास्त्री के लिए यह दौरा खास है. खास इसलिए क्योंकि यह उनका बतौर कोच पहली श्रृंखला है.
हालांकि टीम निदेशक के तौर पर शास्त्री का कार्यकाल अच्छा रहा है. लेकिन बतौर कोच यह उनके लिए परीक्षा की घड़ी है और ऐसे समय में जब वो अपनी जिद्द के अनुसार भरत अरुण व संजय बांगड़ को अपने सहयोगी स्टाफ के रूप में टीम में शामिल कराया है.
शास्त्री ने भरत अरुण और संजय बांगड़ के लिए जहीर खान और राहुल द्रविड जैसे अनुभवी खिलाडियों का भी विरोध कर दिया. यहां तक कि उन्होंने सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और लक्ष्मण के सलाहकार समिति के चुनाव को भी ताक में रख दिया.
बहरहाल शास्त्री का पैंतरा अब भी खत्म नहीं हुआ है. सब कुछ होने के बाद अब वो कह रहे हैं कि उन्हें द्रविड को साथ लेकर काम करने में कोई दिक्कत नहीं है. यहां तक कि शास्त्री ने सचिन तेंदुलकर को सलाहकार के रूप में शामिल करने की मांग कर दी है.
दूसरी ओर खबर आ रही है कि शास्त्री अब जहीर खान और द्रविड दोनों के संपर्क में हैं. मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार शास्त्री को अब द्रविड और जहीर खान के साथ काम करने में कोई परेशानी नहीं है. लेकिन अगर हितों का टकराव नहीं होता है तो.
गौरतलब हो कि सचिन,सौरव और लक्ष्मण की टीम ने शास्त्री को कोच चुनने के साथ-साथ जहीर खान को गेंदबाजी कोच और राहुल द्रविड को विदेशी दौरों पर बल्लेबाजी सलाहकार चुना था. लेकिन शास्त्री ने कोच बनने से पहले दोनों का विरोध नहीं किया, लेकिन कोच चुने जाने के बाद फौरन अपना पैंतरा बदल लिया. शास्त्री अपने पसंद के स्टाफ चाह रहे थे. बीसीसीआइ को भी शास्त्री के आगे झुकना पड़ा और शास्त्री के दुलारे भरत अरुण और संजय बांगड़ को सहयोगी स्टाफ चुनना पड़ा.