* भारतीय बल्लेबाजों में धौनी के बल्ले का वजन सबसे ज्यादा है
नयी दिल्ली : टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को अपने बल्ले के स्वरूप में बदलाव करना होगा. मेरिलिबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) की गाइडलाइन के मुताबिक बल्लेबाजों के बैट के निचले हिस्से के किनारों की अधिकतम सीमा 40 एमएम ही होगी.
क्रिकेट का ये बदला नियम एक अक्तूबर से प्रभावी होना है. इस नियम के लागू होने पर उन बल्लेबाजों को अपने बैट की मोटाई बदलनी होगी, जो इस समय 40 एमएस की सीमा से अधिक मोटाई के बल्ले का इस्तेमाल कर रहे हैं. इनमें टीम इंडिया के पूर्व कप्तान धौनी भी शामिल हैं.
* मशहूर है धौनी का हेलीकॉप्टर शॉट
महेंद्र सिंह धौनी जब बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरते हैं, तो बड़े-बड़े गेंदबाज उनके सामने गेंद डालने से घबराते हैं. धौनी के हेलीकॉप्टर शॉट ने दुनियाभर के गेंदबाजों में खौफ पैदा कर रखा है. लेकिन धौनी जिस बैट से लंबे-लंबे छक्के मारा करते थे, अब वो बैट उनका साथ छोड़ देगा.
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एक अक्तूबर से लागू हो रहे क्रिकेट के नये के नियमों के मुताबिक बल्ले की मोटाई अब 40 मिलीमीटर से ज्यादा नहीं हो सकती है. 40 मिमी से ज्यादा है बल्ले की चौड़ाई : धौनी के बल्ले की चौड़ाई 40 मिमी से ज्यादा है. उनके अलावा दुनिया में कई ऐसे बल्लेबाज हैं, जो भारी बल्ले का इस्तेमाल करते हैं. डेविड वॉर्नर, क्रिस गेल और कीरोन पोलार्ड सभी मैदान पर बड़े शॉट्स लगाने के लिए जाने जाते हैं. उन्हें भी अपना बल्ला बदला होगा. इन बल्लेबाजों का बल्ला और खासतौर से उसका निचले हिस्से की चौड़ाई 40 मिमी से ज्यादा है.
* 1300 ग्राम है धौनी के बल्ले का वजन
भारतीय बल्लेबाजों में महेंद्र सिंह धौनी सबसे भारी बल्ला इस्तेमाल करते हैं, जिसका कुल वजन 1250 ग्राम से 1300 ग्राम है. इस बल्ले का निचला हिस्से ज्यादा चौड़ा है और ज्यादा लकड़ी की मात्रा भी ज्यादा है. वहीं विराट कोहली का बल्ला काफी हल्का है. उनके बल्ले का वजन 1160 ग्राम है. भारतीय ओपनर रोहित शर्मा 1160-1180 ग्राम का बल्ला इस्तेमाल करते हैं, जिसके किनारे 40 एमएम से कम हैं. भारतीय टेस्ट टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे और युवराज सिंह के बल्ले का वजन भी विराट कोहली के बल्ले के जितना है.
* वार्नर को भी बदलना होगा बल्ला
महेंद्र सिंह धौनी के बल्ले की चौड़ाई 45 मिमी से ज्यादा है. वहीं ऑस्ट्रेलिया के डेविड वॉर्नर 50 मिमी चौड़ाई के बल्ले से खेलते हैं. इससे उन्हें गेंदबाजों पह हमला बोलने का मौका मिलता है. खास तौर पर खेल के छोटे प्रारूप में वे ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं. नये नियम के लागू हो जाने के बाद हर किसी की निगाहें इन दिग्गज बल्लेबाजों पर होगी.