12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बीसीसीआइ ने लोढ़ा समिति की सिफारिशों को आंशिक रूप से स्वीकार किया

नयी दिल्ली : बीसीसीआइ ने बुधवार को यहां अपनी आम सभा की विशेष बैठक (एसजीएम) में लोढ़ा समिति की सिफारिशों को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया, लेकिन सुशासन को लेकर बड़ी सिफारिशों को खारिज कर दिया जिसमें आयु सीमित करना, कार्यकाल और ब्रेक जैसे मुद्दे शामिल हैं. उच्चतम न्यायालय के ‘व्यावहारिक कठिनाइयों’ पर 18 […]

नयी दिल्ली : बीसीसीआइ ने बुधवार को यहां अपनी आम सभा की विशेष बैठक (एसजीएम) में लोढ़ा समिति की सिफारिशों को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया, लेकिन सुशासन को लेकर बड़ी सिफारिशों को खारिज कर दिया जिसमें आयु सीमित करना, कार्यकाल और ब्रेक जैसे मुद्दे शामिल हैं. उच्चतम न्यायालय के ‘व्यावहारिक कठिनाइयों’ पर 18 अगस्त को सुनवाई के लिए राजी होने के बाद बीसीसीआइ ने आयु सीमा (70 साल), ब्रेक (तीन साल) और कार्यकाल (राज्य और बीसीसीआई प्रत्येक में नौ साल) पर विवादास्पद सुधारों को लागू नहीं किया.

लोढ़ा समिति ने जिन्हें सुशासन का सिद्धांत कहा था उन्हें स्वीकार नहीं करना संकेत है कि अयोग्य होने के बावजूद एन श्रीनावसन और निरंजन शाह जैसे पुराने पदाधिकारी अब भी प्रासंगिक हैं. बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने कहा कि उन्होंने उच्चतम न्यायालय के 18 जुलाई 2016 के आदेश के तहत पांच सुधारवादी कदमों को छोडकर बाकी सभी सिफारिशों को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया है.

पांच सुधारवादी कदम इस प्रकार हैं :

1. सदस्यता से जुड़े मामले, एक राज्य एक मत, रेलवे और सेना जैसे पूर्ण सदस्यों को बरकरार रखना.
2. नियुक्त किये गये अधिकारियों के अधिकारों को परिभाषित करना.
3. शीर्ष परिषद का आकार और संविधान.
4. पदाधिकारियों, मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों पर रोक और अयोग्यता, आयु, कार्यकाल और ब्रेक.
5. राष्ट्रीय चयन समिति का आकार.

चौधरी ने सिर्फ इस बारे में विस्तार से बताया कि सरकारी कर्मचारियों और मंत्रियों को डिस्क्वालीफाई करने को आपत्तियों में क्यों रखा गया है. उन्होंने कहा, ‘अगर हम रेलवे या सेना की पूर्ण सदस्यता (वोटिंग अधिकार) बरकरार रखना चाहते हैं तो उनका प्रतिनिधित्व सरकारी कर्मचारी या मंत्री ही कर सकता है.’ प्रस्तावित शीर्ष परिषद के आकार पर चौधरी ने कहा, ‘फिलहाल इसका प्रस्तावित आकार पांच सदस्यों का है. इसमें सिर्फ एक उपाध्यक्ष है और सदस्यों का नजरिया है कि देश के आकार को देखते हुए इसका आकार छोटा है.’ चौधरी ने कहा कि वे अब भी हितों का टकराव मुद्दे को सुलझाने की प्रक्रिया में हैं क्योंकि सदस्यों को कुछ आपत्तियां हैं. बीसीसीआइ ने इस दौरान लोकपाल की भूमिका के लिए नामों का पैनल भी तैयार किया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें