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IND vs SL : श्रीलंका पर भारत की 304 रन से विराट जीत, चौथे दिन ही जीत भारत की झोली में

गाले : खेल के हर विभाग में श्रीलंका को उन्नीस साबित करने वाली भारतीय टीम ने अपेक्षा के अनुरुप मेजबान श्रीलंका को पहले क्रिकेट टेस्ट में आज 304 रन से हराकर दो साल पहले इसी मैदान पर मिली शर्मनाक हार का बदला चुकता कर दिया. भारत ने इस श्रृंखला में 1.0 की बढ़त बना ली. […]

गाले : खेल के हर विभाग में श्रीलंका को उन्नीस साबित करने वाली भारतीय टीम ने अपेक्षा के अनुरुप मेजबान श्रीलंका को पहले क्रिकेट टेस्ट में आज 304 रन से हराकर दो साल पहले इसी मैदान पर मिली शर्मनाक हार का बदला चुकता कर दिया. भारत ने इस श्रृंखला में 1.0 की बढ़त बना ली. रनों के मामले में विदेशी सरजमीं पर भारत की यह सबसे बड़ी जीत है. इससे पहले उसने 1986 में लीड्स में इंग्लैंड को 279 रन से हराया था.

श्रीलंका के लिये रनों के अंतर से यह सबसे बड़ी हार थी. इससे पहले पाकिस्तान ने उसे 1994 में 301 रन से हराया था. मेजबान टीम के लिये 550 रन का लक्ष्य हासिल कर पाना वैसे ही असंभव था और चौथे दिन के आखिरी सत्र में पूरी टीम आउट हो गयी. उसने 76.5 ओवर में 245 रन बनाये. घायल कप्तान रंगाना हेराथ और असेला गुणरत्ने बल्लेबाजी के लिये नहीं आ सके.

इससे पहले भारत ने दूसरी पारी तीन विकेट पर 240 रन पर घोषित की थी. कप्तान विराट कोहली ने अपना 17वां टेस्ट शतक जमाया. श्रीलंका ने पहले दो सत्र में बेहतर बल्लेबाजी करते हुए चाय तक चार विकेट पर 192 रन बनाये. सलामी बल्लेबाज दिमुथ करुणारत्ने ने 97 रन की पारी खेली. भारतीय स्पिनर आर अश्विन ने 27 ओवर में 65 रन देकर तीन विकेट लिये और श्रीलंकाई मध्यक्रम को नेस्तनाबूद कर दिया. करुणारत्ने पैडल स्वीप खेलने के प्रयास में आउट हो गये और इसके बाद कोई बल्लेबाज नहीं टिक सका.

चाय के बाद भारत ने जीत तक पहुंचने में देर नहीं लगायी. ब्रेक के बाद पांचवें ओवर में निरोशन डिकवेला (67) को अश्विन ने विकेट के पीछे रिधिमान साहा के हाथों लपकवाया. दिलरुवान परेरा (21 नाबाद) ने छठे विकेट के लिये करुणारत्ने के साथ 23 रन जोडे. करुणारत्ने को बोल्ड करके अश्विन ने श्रीलंका की किसी चमत्कार की सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. उसने 208 गेंदों का सामना करके अपनी पारी में नौ चौके जडे.

दो गेंद बाद विराट कोहली ने लेग स्लिप में शानदार कैच लेकर नुवान प्रदीप (0) को पवेलियन भेजा. लाहिरु कुमारा भी खाता नहीं खोल सके और रविंद्र जडेजा की गेंद पर आउट हो गये. जडेजा ने 71 रन देकर तीन विकेट लिये. इससे पहले लंच के बाद करुणारत्ने और कुसाल मेंडिस (36) ने तीसरे विकेट की साझेदारी को आगे बढ़ाया. दोनों ने सतर्कता से बल्लेबाजी की लेकिन पिच से गेंदबाजों को मदद नहीं मिलने के कारण रन के मौके भी बनाये.

करुणारत्ने ने 81 गेंद में अपना 12वां टेस्ट अर्धशतक पूरा किया. श्रीलंका के 100 रन 27वें ओवर में पूरे हुए. इसी ओवर में रविचंद्रन अश्विन ने मेंडिस के साथ विकेट के पीछे कैच के लिए डीआरएस लिया लेकिन रीप्ले में अल्ट्राएज पर कोई निशान नहीं दिखा. चार ओवर बाद मेंडिस के खिलाफ रविंद्र जडेजा (42 रन पर दो विकेट) की गेंद पर एक बार फिर विकेट की पीछे कैच की अपील हुई और इस बार डीआरएस भारत के पक्ष में रहा.

एंजेलो मैथ्यूज (02) भी इसके बाद जडेजा की गेंद पर बैकवर्ड प्वाइंट पर हार्दिक पंड्या को कैच दे बैठे जिससे टीम का स्कोर चार विकेट पर 116 रन हो गया. करुणारत्ने ने इसके बाद डिकवेला के साथ पांचवें विकेट के लिए 79 रन की अटूट साझेदारी की और भारतीय गेंदबाजों को चाय तक 22.3 ओवर विकेट से महरुम रखा. इससे पहले कप्तान विराट कोहली के 17वें टेस्ट शतक से श्रीलंका को 550 रन का लक्ष्य देने के बाद भारत ने लंच तक मेजबान टीम का स्कोर दो विकेट पर 85 रन किया.

भारत ने अपनी दूसरी पारी तीन विकेट पर 240 रन बनाकर घोषित की. कोहली ने नाबाद 103 रन बनाये. टीम इंडिया आज तीन विकेट पर 189 रन से आगे खेलने उतरी और उसने 51 रन और जोडे. कोहली और अजिंक्य रहाणे (नाबाद 23) ने सुबह तेजी से रन बटोरे. भारतीय कप्तान ने अपने शतक के लिए अधिक इंतजार नहीं कराया और आज छठे ओवर में 133 गेंद में शतक पूरा किया. कोहली ने 136 गेंद की अपनी पारी में पांच चौके और एक छक्का मारा. इस पारी के दौरान कोहली ने पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर (116 टेस्ट) और वीवीएस लक्ष्मण (134 टेस्ट) की बराबरी की जिनके नाम पर 17 टेस्ट शतक दर्ज हैं.

कोहली ने अपने 58वें टेस्ट में यह उपलब्धि हासिल की. कप्तान ने शतक पूरा करने के बाद अगले ओवर में पारी घोषित कर दी. वेलिंगटन में न्यूजीलैंड के खिलाफ 617 रन के बाद भारत का किसी टीम को यह दूसरा सर्वाधिक लक्ष्य है. कोहली और रहाणे ने चौथे विकेट के लिए 51 रन की अटूट साझेदारी की. ये दोनों भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में 2000 या इससे अधिक रन जुटाने वाली 14वीं जोड़ी बने. कोहली कप्तान के रूप में विदेशी सरजमीं पर सबसे तेजी से 1000 रन पूरे करने वाले बल्लेबाज बने. उन्होंने 17 पारियों में यह उपलब्धि हासिल की जबकि सचिन तेंदुलकर ने 19 पारियों में ऐसा किया था.

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