कोलंबो : चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को उम्मीद है कि अपनी कड़ी मेहनत के दम पर वह श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में अंतिम एकादश में जगह बनाने में सफल रहेंगे. उनकी इस एक स्थान के लिये प्रतिस्पर्धा अक्षर पटेल के साथ हैं जिन्हें निलंबित रविंद्र जडेजा की जगह टीम में लिया गया है.
अक्षर को भले ही श्रीलंका में टीम से जुड़ने के लिये बुलाया गया है लेकिन माना जा रहा है कि अब तक प्रभावशाली प्रदर्शन करने वाले कुलदीप अंतिम एकादश में जगह बनाने में सफल रहेंगे. वह शुरू से ही तीसरे स्पिनर के रुप में टीम के साथ बने हुए हैं.
कुलदीप ने कहा, बेशक मैं काफी उत्साहित हूं. मैं अपने पदार्पण टेस्ट मैच को लेकर भी उत्साहित था. इसलिए अगर मुझे श्रीलंका में खेलने का मौका मिलता है तो मुझे बहुत खुशी होगी क्योंकि यह मेरी कड़ी मेहनत का फल होगा. उत्साहित होने के साथ ही मैं नर्वस भी हूं क्योंकि मैं अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं. उन्होंने कहा, यह स्पष्ट नहीं है कि मैं (खेल पाउंगा या नहीं) क्योंकि मैच शुरू होने में अभी तीन दिन बचे हैं. लेकिन मैं जब से यहां आया हूं तब से रवि शास्त्री सर मेरा मनोबल बढ़ा रहे हैं. मैं लगातार नेट्स पर अभ्यास कर रहा हूं और यहां तक कि पहले टेस्ट मैच के पूर्व से वह नेट्स पर मुझसे बात करते रहे हैं. यह अच्छा अनुभव है.
अगर कुलदीप अंतिम एकादश में जगह बनाते हैं तो यह उनका दूसरा टेस्ट मैच होगा. उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला में पदार्पण किया था. कुलदीप ने पहली पारी में 68 रन देकर चार विकेट लिये और उन्होंने भारत को श्रृंखला में 2-1 से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभायी थी. इसके बाद उन्हें अपनी बारी के लिये इंतजार करना पडा है. उन्होंने कहा, ‘ ‘जब आपके नंबर एक और नंबर दो स्पिनर (अश्विन और जडेजा) खेल रहे हों तो आपको इंतजार करना पड़ता है. आप आसानी से टीम में जगह नहीं बनाते और आपको इंतजार करना पडता है. यही क्रिकेट का नियम है.
कुलदीप ने कहा, मैं उनके साथ अधिक से अधिक समय बिताने की कोशिश करता हूं और उनसे बात करता हूं जिससे मुझे काफी मदद मिलती है. मैंने उनसे विशेषकर टेस्ट मैच खेलते हुए काफी कुछ सीखा है. उन्होंने कहा, मैं भरत अरुण के साथ भी पिछले दस वर्षों से काम कर रहा हूं जब मैं अंडर – 16 और फिर अंडर – 19 में खेला करता था. मैं उनसे काफी बातें साझा करता हूं और वह मेरे साथ गेंदबाजी को लेकर काफी बातें करते हैं. वह जूनियर क्रिकेट से ही मेरे खेल के बारे में जानते हैं और वह समझते हैं कि मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं. जब से इस 22 वर्षीय खिलाड़ी को तीसरे स्पिनर के रुप में टीम में रखा गया तब से उनकी जिंदगी ही बदल गयी.
उन्होंने कहा, मेरे लिये सबसे महत्वपूर्ण चीज अपना पदार्पण टेस्ट खेलना था. उससे बड़ा क्षण कुछ नहीं हो सकता. मैं तब भी बहुत नर्वस था. काफी दबाव में था और मैं रात को सो नहीं पाया था. जब आपका सपना पूरा होने के करीब रहता है तो आप थोडा बैचेन हो जाते हो और टेस्ट क्रिकेट खेलना मेरा सपना था.
अपने टेस्ट पदार्पण के बारे में कुलदीप ने कहा, मैं यह नहीं सोच रहा था कि मुझे किसके खिलाफ खेलना है चाहे ऑस्ट्रेलिया हो या न्यूजीलैंड, मैं केवल अधिक से अधिक विकेट लेने के बारे में सोच रहा था. मैं केवल अपना कौशल दिखाना चाहता था और मैंने यह किया. अनिल (कुंबले) सर और अजिंक्य (रहाणे) भाई ने मुझसे कहा कि अपनी गेंदबाजी का पूरा लुत्फ उठाओ और वही करो जो मैं नेट्स पर करता हूं और जो बचपन से करता आ रहा हूं.
कुलदीप ने वेस्टइंडीज के खिलाफ सभी पांच वनडे और एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले थे. उस अनुभव के बारे में उन्होंने कहा, वनडे में पदार्पण से पहले मैं नर्वस नहीं था. वनडे में भी दबाव था क्योंकि बल्लेबाज आक्रामक होकर खेलते हैं. मैंने माही (महेंद्र सिंह धौनी) भाई और विराट (कोहली) भाई से भी बात की और इससे मेरे लिये काम आसान हो गया. अगर कप्तान आप पर विश्वास करे तो इससे काम आसान हो जाता है.